उंगली और हथेली के पर्व हस्त रेखा विज्ञान

हाथ में चार उंगलियां होती हैं तथा प्रत्येक उंगली किसी एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है।  · तर्जनी उंगली - गुरु  · मध्यमा - शनि   · अनामिका - सूर्य    · कनिस्ठिका - बुध

उंगली और हथेली के पर्व हस्त रेखा विज्ञान

हाथ में चार उंगलियां होती हैं तथा प्रत्येक उंगली किसी एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है।

· तर्जनी उंगली - गुरु

· मध्यमा - शनि

· अनामिका - सूर्य

· कनिस्ठिका - बुध

तर्जनी उंगली
यह उंगली व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, अहम एवं नेतृत्व की क्षमता को दर्शाती है। इस उंगली से व्यक्ति के भाग्य एवं कार्य क्षेत्र के बारे मे जानकारी मिलती है। तर्जनी उंगली की सामान्य लंबाई मध्यमा के ऊपरी भाग के मध्य तक होती है। यदि यह उंगली सामान्य से अधिक लंबी होती है तो व्यक्ति में नेतृत्व की क्षमता बहुत होती है। इसके विपरीत इसके छोटे होने पर व्यक्ति सामान्यत: दूसरों के मार्गदर्शन में ही कार्य करता है या वह अकेले की कार्य करना पसंद करता है तथा स्वयं का ही कुछ कार्य करता है। इस उंगली का लंबा होने पर व्यक्ति का गुरु प्रबल होता है।

यदि तर्जनी उंगली सामान्य से अधिक लंबी हो, तो व्यक्ति में लापरवाही और तानाशाही बढ़ जाती है। जब यह छोटी हो तो व्यक्ति में ये विशेषताएं लुप्त होती हैं। यदि यह उंगली विकृत है तो व्यक्ति चालाक, स्वार्थी और पाखंडी होता है।

जब तर्जनी उंगली का पहला खंड लंबा हो तो व्यक्ति राजनीति, धर्म, और शिक्षण क्षेत्रों में कुशल होते हैं। यदि उंगली का दूसरा खंड लंबा हो तो व्यक्ति व्यापारी होता है और उंगली का तीसरा खंड लंबा हो तो ऐसे व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यंजन के शौकीन होते हैं।

गुरु पर्वत तर्जनी उंगली से नीचे होता है। पूर्ण विकसित गुरु पर्वत वाले व्यक्ति लोक नेतृत्व की आकांक्षा, नीति से पूर्ण एवं स्वाभिमानी होते हैं। ऐसे व्यक्ति शासन एवं नेतृत्व में कुशल होते हैं। विकसित गुरु पर्वत व्यक्ति को महत्वाकांक्षी बनाता है। यह लोग धन से अधिक अपने ओहदे को महत्व देते हैं। ऐसे लोग अच्छे सलाहकार होते हैं। यह लोग कानून के दायरे में रह कर कार्य करते हैं। ऐसे लोग अनेक तरह के व्यंजन खाने के शौकीन होते हैं और अपने परिवार से मोह करते हैं।

अधिक विकसित गुरु पर्वत व्यक्ति को अहंकारी, दिखावटी, क्रूर और इर्ष्यालु बनाता है। ऐसे लोग अधिक खर्चीले होते हैं।

यदि गुरु पर्वत अर्द्धविकसित हो तो व्यक्ति में गुरु संबंधित बुनियादी प्रवृत्ति विकसित नहीं होती है।

मध्यमा उंगली
इस उंगली को शनि की उंगली भी कहा जाता है तथा यह व्यक्ति की सचाई, ईमानदारी एवं अनुशासन को दर्शाती है। यदि यह उंगली सामान्य लंबाई की होती है यानि अन्य उंगलियों से लंबी परंतु बहुत अधिक लंबी नहीं तो व्यक्ति जिम्मेदार एवं गंभीर व्यक्तित्व का धनी होता है एवं महत्वाकांक्षी होता है। यदि यह उंगली सामान्य से अधिक लंबी हो तो वह व्यक्ति अकेले में रहना पसंद करता है। तथा वह व्यक्ति किसी गलत कार्य मे भी फंस सकता है। जिस व्यक्ति कि मध्यमा उंगली छोटी होती है वह व्यक्ति लापरवाह एवं आलसी होता है।

यदि शनि की उंगली का प्रथम खंड लंबा हो तो व्यक्ति का झुकाव धार्मिक ग्रंथ और रहस्यवादी कला के अध्ययन की ओर होता है। यदि मध्यमा का द्वितीय खंड लंबा हो तो व्यक्ति का व्यवसाय संपत्ति संबंधी, रसायन, जीवाश्म ईंधन या लोहा मशीनरी से संबंधित होता है, जब तीसरा खंड लंबा हो तो दर्शाता है कि व्यक्ति चालाक, स्वार्थी और दुराचार में युक्त रहता है।

शनि पर्वत मध्यमा उंगली से नीचे होता है। शनि पर्वत दार्शनिक विचारों को दर्शाता है। शनि पर्वत पूर्ण विकसित होने पर व्यक्ति ज्ञानी, गंभीर एवं विचार शील होता है। वह सोच-विचार कर कुछ कार्य आरंभ करता है एवं उसकी इंद्रियां उसके नियंत्रण में रहतीं हैं।

अनामिका
इस उंगली को अपोलो रिंग या सूर्य कि उंगली कहा जाता है। यह उंगली व्यक्ति की प्रसिद्धि की इच्छा, बुद्धिमत्ता एवं रचनात्मक क्षमता को दर्शाती है। यदि यह उंगली तर्जनी उंगली से अधिक लंबी हो तो यह उंगली सामान्य से अधिक लंबी होती है। इस प्रकार के व्यक्तियों मे जोखिम उठाने की अद्भुत क्षमता होती है। ये रचनात्मक क्षमता के धनी होते हैं। इनका संबंध फैशन या फिल्म क्षेत्र से भी हो सकता है। जिनकी अनामिका उंगली तर्जनी से छोटी होती है वे अपनी स्थिति से संतुष्ट होते हैं तथा उनमें अधिक नाम एवं प्रसिद्धि की इच्छा नहीं होती है। तर्जनी उंगली से छोटी अनामिका उंगली बहुत कम हाथों में पाई जाती है।

सूर्य पर्वत अनामिका उंगली के नीचे होता है। सूर्य पर्वत उन्नत हो तो सफलता का प्रतीक होता है। ऐसे व्यक्ति यश एवं प्रतिष्ठा से संतृप्त होते हैं। परिश्रम एवं कुशाग्र बुद्धि से जीवन मे सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे व्यक्ति भौतिक एवं व्यसायिक क्षेत्रों मे सफल होते हैं। वह धार्मिक होता है परंतु धर्मांध नहीं होता है। वह अपनी योग्यता एवं अयोग्यता को भली भांति जानता है। शीघ्र क्रोध करता है एवं शीघ्र ही शांत भी हो जाता है।

कनिष्ठिका
इस उंगली को बुध की उंगली कहा जाता है। इस उंगली के माध्यम से व्यक्ति की वाकपटुता, ज्ञान, बुद्धि एवं चातुर्य का पता चलता है। यदि इस उंगली की ऊंचाई अनामिका उंगली के प्रथम भाग का जहां अंत होता है वहां तक होती है तो इसकी लंबाई सामान्य है इससे छोटी होने पर यह सामान्य से छोटी मानी जाएगी। जिस व्यक्ति की कनिष्टिका सामान्य से छोटी होती है उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता की कमी होती है तथा वे हीन भावना का शिकार होते हैं। उन्हें अपनी भावनाओं एवं शब्दों पर नियंत्रण नहीं होता है। उनके व्यवहार मे बचपना होता है तथा जब यह उंगली सामान्य से अधिक लंबी होती है तब व्यक्ति की अभिव्यक्ति की क्षमता अद्भुत होती है। उनका आई क्यू सामान्य से अधिक होता है तथा वे अच्छे लेखक एवं वक्ता साबित होते हैं। कनिष्ठिका उंगली का निचला भाग मोटा होने पर व्यक्ति विलासिता पूर्ण एवं आरामदायक जीवन जीना पसंद करता है।

बुध पर्वत कनिष्ठिका के नीचे होता है। बुध पर्वत पूर्ण उन्नत होने पर व्यक्ति प्रखर बुद्धि, गंभीर विचार, आकर्षक भाषण एवं लेखन शैली का धनी होता है। ऐसे व्यक्ति व्यवसाय एवं विज्ञान क्षेत्रों मे सफल होते हैं। ऐसा व्यक्ति प्रत्येक शक्तिशाली कार्य क्षेत्र मे विजयी होता है। नानाविध कार्य वह कुशलता पूर्वक सम्पन्न करता है।

हाथ का अंगूठा
हाथ का अंगूठा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। हाथ का अंगूठा व्यक्ति की इच्छा शक्ति एवं जीवन शक्ति दर्शाता है। हाथ के अंगूठे के मुख्यतः दो भाग होते हैं। प्रथम भाग इच्छा शक्ति एवं द्वितीय भाग उस व्यक्ति की तर्क क्षमता दिखाता है। अंगूठे का द्वितीय भाग प्रथम भाग से बड़ा होना चाहिए क्योंकि कोई भी निर्णय तर्क से लिया जाना ही उचित होता है। हाथ का अंगूठा बिलकुल सीधा हो तो वह व्यक्ति कठोर एवं जिद्दी होता है। ऐसे व्यक्तियों पर विश्वास किया जा सकता है परंतु इनका स्वभाव जिद्दी होने से इनके अधिक मित्र नहीं बन सकते हैं। अत्यधिक लचीले अंगूठे वाले व्यक्ति खर्चीले होते हैं एवं इन पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता है। स्वभाव में लचीलापन होने से इनके बहुत मित्र होते हैं परंतु ये किसी ज़िम्मेदारी का कार्य अधिक कार्य कुशलता से करने में समर्थ नहीं होते हैं क्योंकि इन का किसी एक निर्णय पर डटा रहना बहुत कठिन होता है।

यदि हाथ का अंगूठा केवल 60 डिग्री का कोण खुलते समय बनाता है तो वह व्यक्ति समझदार एवं कार्यकुशल होता है। यदि 90 डिग्री का कोण बनाता है तो व्यक्ति अपने कार्य में जोखिम उठाने की क्षमता रखता है परंतु सदैव विवेकपूर्ण निर्णय लेता है। यदि हाथ का अंगूठा 90 डिग्री से 120 डिग्री तक खुलता है तो व्यक्ति बिना सोचे-समझे अत्यधिक जोखिम उठा सकता है। जिस व्यक्ति का अंगूठा कटि के आकार को होता है वह तर्क-वितर्क में निपुण होता है परंतु शारीरिक रूप से कुछ कमजोर हो सकता है।

अंगूठे का अग्र भाग यदि कोनिकल हो तो व्यक्ति बुद्धिमान एवं रचनात्मक क्षमता से परिपूर्ण होता है। ऊपर से चौड़ा अंगूठा होने पर व्यक्ति जिद्दी होता है। अंगूठे का अग्र भाग यदि चौकोर हो तो व्यक्ति कानून का ज्ञाता होता है तथा वास्तविकता को ध्यान मे रख कर निर्णय लेता है।

यदि हम अंगूठे को अलग कर दे तो चार उंगलियों के कुल बारह भाग होते हैं। ये बारह भाग बारह राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। तर्जनी उंगली के ऊपरी भाग से गिनती आरंभ करने पर मेष राशि तर्जनी उंगली के प्रथम भाग , वृष राशि तर्जनी उंगली के मध्य भाग एवं मिथुन राशि तर्जनी उंगली के निम्न भाग पर आएगी। इसी प्रकार कर्क राशि मध्यमा के प्रथम भाग, सिंह राशि मध्य भाग एवं कन्या राशि निम्न भाग पर आएगी। अनामिका के प्रथम भाग पर तुला राशि, मध्य भाग पर वृश्चिक एवं अंतिम भाग पर धनु राशि होगी एवं कनिष्ठिका के प्रथम भाग पर मकर राशि, मध्य भाग पर कुम्भ एवं अंतिम भाग पर मीन राशि होगी।

इसी प्रकार हथेली मे सात पर्वत होते हैं। ये सात पर्वत सात ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हाथ का बढ़ा हुआ मास पिंड करतल पर पर्वत के स्वरूप को धारण करता है। करतल पर पूर्ण विकसित पर्वत व्यक्ति के उच्च चरित्र निर्माण मे सहायक होते हैं। अधोगत पर्वत व्यक्ति के उच्च गुणों को संकुचित करता है।

मंगल पर्वत
मंगल पर्वत के दो स्थान हैं। पहला स्थान जीवन रेखा के ऊपरी स्थान के नीचे एवं दूसरा इसके विपरीत हृदय रेखा एवं मस्तिष्क रेखा के बीच में स्थित है। पहला स्थान शारीरिक अवस्था तथा दूसरा स्थान मानसिक अवस्था का द्योतक है। साहस, बल एवं शक्ति आदि का आकलन प्रथम पर्वत से होता है। यदि मंगल का प्रथम क्षेत्र सुंदर एवं उन्नत हो तो व्यक्ति सेना में या इसी प्रकार के उच्च पद पर आसीन होता है। वह एक सफल अधिकारी सिद्ध होता है। दूसरे पर्वत से व्यक्ति के धैर्य, शौर्य, संयम, क्षमा आदि गुणों का पाता चलता है। पहला पर्वत शारीरिक क्षमता एवं दूसरा पर्वत मानसिक क्षमताओं को दर्शाता है। विकसित मंगल पर्वत वाले व्यक्तिओं के व्यक्तित्व अत्यंत प्रभावशाली होता है। ये लोग जल्दबाजी में निर्णय लेने और आक्रामक स्वभाव वाले होते हैं। मंगल ग्रह अगर विकसित हो तो लोग अक्सर आर्मी या सशस्त्र बल के साथ जुड़े होते हैं। ऐसे लोग अपने उद्देश्यों के प्रति दृढ़ संकल्प रहते हैं। इनका सबसे बड़ा दोष इनमें आवेग और आत्म नियंत्रण की कमी है। ऐसे व्यक्तियों को आत्म -नियंत्रण का अभ्यास करना चाहिए और सभी प्रकार की मदिरा और उत्तेजक पदार्थों से दूर रहना चाहिए। यदि मंगल पर्वत अधिक विकसित है तो व्यक्ति मे मंगल संबंधित विशेषताएं बढ़ती हैं। ऐसे लोग अत्यंत शक्तिशाली बन जाते हैं और अपनी शक्ति के द्वारा वह कमजोरों का शोषण करते हैं। अक्सर ऐसे लोग समाज विरोधी गतिविधियों जैसे चोरी, डकैती, लूट आदि मे शामिल होकर अत्यंत क्रूर बन जाते हैं। कम विकसित मंगल पर्वत व्यक्ति को कायर बनाता है। लेकिन वह बहादुर होने का दावा करता है। जब अवसर की मांग और समय आता है, तो वह अपने कदम वापस ले लेता है।

चन्द्र पर्वत
चन्द्र पर्वत हाथ में बुध पर्वत के नीचे चन्द्र पर्वत स्थित होता है। चन्द्र पर्वत पूर्णतः उन्नत होने पर व्यक्ति बहुत गुणवान एवं कल्पनाशील होते हैं। कल्पना के द्वारा ही वे अपनी प्रतिभा को नई दिशा देते हैं। ये लोग संगीत, काव्य, वस्तु, ललितकला आदि मे प्रवीण होते हैं। ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति को भी अनुकूल बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को कला प्रेमी बनाता है। ऐसे लोग कलाकार, संगीतकार, लेखक बनते हैं। ऐसे व्यक्ति मजबूत कल्पनाशक्ति के गुणी होते हैं। यह लोग अति रुमानी होते हैं लेकिन अपनी इच्छाओं के प्रति आदर्शवादी होते हैं। शुक्र पर्वत की तरह इनमें भावुकता या कामुकता वाला स्वभाव नहीं होता है।

पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को भावनाओं में बहने वाला और किसी को उदास न देखने वाला होता है। प्रायः यह लोग वास्तविकता से परे कल्पना प्रधान और अच्छे लेखक और कलाकार होते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में ऐसे लोग उन्मादी और तर्कहीन व्यवहार करते हैं। इसके अतिरिक्त ये निर्णय लेने में अधिक समय लेने वाले और अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते हैं।

अति विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को आलसी और सनकी बनाता है। ऐसे व्यक्ति कल्पना से पूर्ण और वास्तविकता से दूर रहते हैं। कभी कभी, यह एक हल्के रूप में विकसित हो कर एक प्रकार का पागलपन भी हो सकता है।

यदि चंद्र पर्वत अविकसित है, तो व्यक्ति मे अच्छी कल्पना का अभाव, दूरदर्शिता का अभाव, नए और रचनात्मक विचारों का अभाव रहता है, यह लोग क्रूर और स्वार्थी होते हैं।

शुक्र पर्वत
शुक्र पर्वत समान्यतः उच्च गुणों का बोधक है। इससे स्वास्थय, सौन्दर्य,प्रेम,दया,सहानुभूति आदि मनोभावों का ज्ञान होता है। इस पर्वत का अत्यधिक उन्नत होने पर व्यक्ति विलासी, कमी और व्यभिचारी भी हो सकता है।

हथेली पर अंगूठे के आधार पर स्थित पर्वत, शुक्र पर्वत कहलाता है। यह अनुग्रह, आकर्षण, वासना और सौंदर्य की उपस्थिति या अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह प्रेम और साहचर्य की इच्छा और सौंदर्य की हर रूप में पूजा करने को भी दर्शाता है। अति विकसित शुक्र पर्वत लोगों को सुन्दर और विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षित करता है। मित्रों का साथ इन्हें बहुत पसंद होता है। अच्छा कपड़ों एवं अच्छा खाने के शौकीन होते हैं। स्वभाव से स्पष्टवादी होते हैं। पूर्ण विकसित शुक्र पर्वत चुंबकीय व्यक्तित्व के धनी बनाता है ऐसे व्यक्ति विपरीत सेक्स के बीच लोकप्रिय होते हैं। ये लोग जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन जब यह किसी से प्यार करते हैं तो उनके प्रति पूर्णतः समर्पित होते हैं।

हाथ पर अति विकसित शुक्र पर्वत व्यक्ति में इंद्रिय सुख की इच्छा प्रबल कर देता है। ऐसे लोग प्रेम संबंधों में स्वार्थी होते हैं और सदैव शारीरिक सुख की इच्छा रखते हैं। इसके विपरीत कम विकसित शुक्र पर्वत व्यक्ति को सुस्त एवं कठोर बनाता है। सौन्दर्य एवं भौतिकता के प्रति इनमे कम आकर्षण होता है।

Hastrekha Gyan Aur Parvat

Remedy Enemy Aur Property Dispute Ke Liye


Ek peela daag rahati neembu (bedaagi neembu) lena hai us pr sindoor se un logo ka naam likh dena hai jo aapki property lena chahate hai

Ek peela daag rahati neembu (bedaagi neembu) lena hai us pr sindoor se un logo ka naam likh dena hai jo aapki property lena chahate hai ya aapke dushman hai aur us neembu ko jala dena hai ghar ke bahar ja kar ke aur raakh ko sadak pr faik dena hai. Ye kaam aapko shaniwar ko karna hai aur lagataar 21 shanwar karna hai.

Yadi aap apne dushman se bahut paresaan hai aur us se mukti paane chahate hai the neeche diye hue link ko click kar ke padein aur aajma kar dekhein aapko labh hoga:

Apne dushman se chutkara pane ka totka 

इस उपाय ने मुझको अमीर बना दिया | Jaldi Ameer Banane Ka Totka


Agar aap jald ameer banne ke sapne dekhte ho to aapke liye ye upay or totke chamatkari sabit ho sakte hai.

Agar aap jald ameer banne ke sapne dekhte ho to aapke liye ye upay or totke chamatkari sabit ho sakte hai.  Aapko in totko aur upay ko niymit roop se sharddha se karna hai phir dekhne aapke ghar mein paiso ki varsha hone lagegi.  

Ye totke sirf dhanlabh hi nahi blaki naukari mein aa rahi samasya ko bhi door karte hai aur agar mein kalah hai to usko bhi khatham kar dete hai.


Aapne bahut sarein upay kiye honge aur bahut se jyotishi, astrologer, tantrik ya lal kitab ke tone totke kiye hongey par labh nahi hua hoga lekin ab aapko kisi ke pass jaane ki jarorat nahi hai bus aap ye siddh upay karein aapko labh hoga.

अदभुत चमत्कारी उपाय :-

व्यवसाय , नौकरी  और घर में सुख शांति के लिए -

1.    आदित्य हृदयम स्त्रोतम किताब रोजाना पढ़िए इस से हर प्रकार का कष्ट दूर  है ।  इस  किताब को पडने से सफलता मिलने लगती है और जो भी रुकावटे आ रही है जीवन में वो दूर हो जाती है ।  नौकरी , व्यवसाय , और पारिवारिक सुख में बढ़ोतरी होती है । स्वास्थय में भी सुधार होता है ।   ( सभी सुखो के लिए - परिवार , स्वास्थ्य , पैसे , नौकरी , और वैवाहिक जीवन )

2.    सूर्य को रोजाना अर्क (जल) दे सूर्योदय के समय इस से भी सफलता मिलती है और धन और मान सम्मान में बढ़ोतरी होती है ।

3.    आपको प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता तोड़ लेना है और उसको गंगाजल से धो लेना है और २१ बार गायत्री मंत्र बोल कर के अभिमंत्रित कर ले और फिर उस पत्ते को अपने लॉकर में रख ले जहा आप पैसे रखते है या उस स्थान पर रख ले जहा आप रूपए रखते है ।  हर शनिवार आपको नया पत्ता  काम में लेना है और पुराण पत्ता पीपल के पेड़ में डाल  देना है । ( व्यापार में लाभ  , पैसे , नौकरी , प्रमोशन के लिए )

इस टोटके को करने से मेरा कर्जा उतारने लगा | Karja Mukti Totka


मित्रों हमारे शास्त्रों में कहा गया है की व्यक्ति को यथासंभव कजी लेने से बचना चाहिए। कर्ज लेना किसी को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन कई बार मज़बूरी वश या अपनी आवश्यकताओं के कारण लोगो को कजी लेना ही पड़ता है।

अदभुत चमत्कारी उपाय कर्जा उतारने के लिए 

मित्रों हमारे शास्त्रों में कहा गया है की व्यक्ति को यथासंभव कजी लेने से बचना चाहिए। कर्ज लेना किसी को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन कई बार मज़बूरी वश या अपनी आवश्यकताओं के कारण लोगो को कजी लेना ही पड़ता है।

कर्ज लेने वाले व्यक्ति को सामने वाले की बहुत सी सही / गलत मनमानी शर्तों को भी मानना पड़ता है। आजकल तो हर छोटा बड़ा आदमी कहीं न कहीं से मकान, गाड़ी गृह उपोयोगी वस्तुओं,शिक्षा, व्यापार आदि के लिए कर्ज लेता है।

कई बार गलत समय पर कर्ज लेने के कारण या किसी भी अन्य कारण से कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी हो जाता है वह लाख चाहकर भी कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है उस पर कर्ज लगातार बहुत अधिक बड़ता ही जाता है और कई बार तो उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते समाप्त हो जाती है।

यहाँ पर हम शास्त्रों और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कर्ज लेने व देने संबंधी कुछ आसान से उपाय बता रहे है इन पर अमल करने पर निश्चित ही आपका कर्ज, बिलकुल समय से सुविधानुसार आपके सिर से उतर जाएगा।

1.    आदित्य हृदयम स्त्रोतम किताब रोजाना पढ़िए इस से हर प्रकार का कष्ट दूर  है ।  इस  किताब को पडने से सफलता मिलने लगती है और जो भी रुकावटे आ रही है जीवन में वो दूर हो जाती है ।

नौकरी , व्यवसाय , और पारिवारिक सुख में बढ़ोतरी होती है । स्वास्थय में भी सुधार होता है ।   ( सभी सुखो के लिए - परिवार , स्वास्थ्य , पैसे , नौकरी , और वैवाहिक जीवन )

2.    सूर्य को रोजाना अर्क (जल) दे सूर्योदय के समय इस से भी सफलता मिलती है और धन और मान सम्मान में बढ़ोतरी होती है ।


3.    आपको प्रत्येक शनिवार को एक पीपल का पत्ता तोड़ लेना है और उसको गंगाजल से धो लेना है और २१ बार गायत्री मंत्र बोल कर के अभिमंत्रित कर ले और फिर उस पत्ते को अपने लॉकर में रख ले जहा आप पैसे रखते है या उस स्थान पर रख ले जहा आप रूपए रखते है ।

हर शनिवार आपको नया पत्ता  काम में लेना है और पुराना पत्ता पीपल के पेड़ में डाल  देना है । ( व्यापार में लाभ  , पैसे , कर्ज उतारने, नौकरी , प्रमोशन के लिए )

उपरोक्त तीनो उपाय बेहद कारगर है और इनको नियमित करने से कर्जा उतर जाता है।

What Are The Principles To See A Palm | Palm Reading

What Are The Principles To See A Palm | Palm Reading


Nature regulates the whole universe. Sun rises and sets in tome. day and night appear in time, school. offices and traffic work in time. The entire system way be disorganized if there is not any principle. Same way. there are some principles Mich should be followed by a palmist because in its absence a palmist can not work to produce accurate results and his work will be affected. Some important principles of palmistry are present here: -

1. An appropriate arrangement of light is must.

2. The shape of the palms should be examined first like the thickness, length, colour and inclination etc.

3. After that examine the structure of the palm. There are seven types of palms, all the shapes of palm should be taken into consideration like - whether they are square. small or big etc.

 4. The structure of fingers and thumb should also be examined like - their length. thickness. width. etc they are small or tall, they are inclined in front or backside. they are soft Of hard or cap like.

5. Alter all these, life line should be studied like its thickness island on it, whether the line is clear or incomplete and its origin place?

6. Brain line. its shape. size, length and how it is ending should also be examined.

7. Destiny line should also be examined in the same way. Its thickness, depth, thinners, not fully developed, whether it is inclined on brain or ends at heart, or it goes to Saturn line.

8. Other small lines like Surya line, Moon line, Marriage line, Mars line, Mercury line. Jupiter finger, Saturn linger, Sun finger. Venus line, Trikona, square, bracelet lines and spots in palms should also be studies.

9. Palmistry is Incomplete without the knowledge of planets. That giving to predict events without the knowledge of planet will not be justified. We have to see which planet is strong or which planet is weak and where it is placed. 

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What Is The Meaning Of Head Line Joined/Touching Life Line | Palm Reading



What Is The Meaning Of Head Line Touching Life Line?

If head line starts joined to life line then the person is cautious, lack of confidence and always like to get a second opinion before making any important decision. His family has a strong influence on him.

His decision power is weak.  He is suffering from crowed phobia and social phobia.  If thumb is near to palm and Mount of Venus is not prominent then subject is less energetic and ill health.

If head line and life line tied like a chain then it indicates subject is introvert, shy, and sexual dreamer.

If an island on conjunction point of head line and life line then subject is suffering from ENT related problems. 

फ्री ऑनलाइन हस्तरेखा | Free Palm Reading Online

अपना हाथ फ्री में कैसे पढ़ें ?

अगर आप अपना हाथ ऑनलाइन पढ़वाना चाहता है तो फ्री ऑनलाइन हस्तरेखा स्कैनर उपलब्ध है जिसकी मदद से आप अपनी हस्तरेखा बिलकुल फ्री जान सकते है लेकिन उसके परिणाम की गारंटी नहीं है क्युकी वो कम्पूटरिज्ड प्रोग्राम है। 


Palm Reading is also called Palmistry or Chiromancy (meaning hand prediction). It is an analysis of a person's hand to foretell the future and personalities.


KNOW YOUR DESTINY FROM YOUR PALMS

Palm Reading is also called Palmistry or Chiromancy (meaning hand prediction). It is an analysis of a person's hand to foretell the future and personalities. Palmistry means prediction of a persons future according to the position of the Mounts on a person's hand.

Lines of a palm, color of a palm, Signs on palm and shape of hands indicates his past, present and future life. This prediction is based on the two palms of a person.

Apart from predicting a person's future by his Janma Kundali (Horoscope), palmistry is another way for those, who don't have any idea of their birth date and time. For preparing a person's Janma Kundali we require birth date and time. 

It is difficult to prepare a Janma Kundali with out knowing the birth date and time. In this situation we can go for palmistry.

We can predict every aspect in life of a person by palmistry , such as life longevity, health, education, settlement, finance,marriage life (include fate of marriage, matrimonial problems if any, love affairs, illegal relationships, any sign of divorce), children problems, mental agony, any signs of accidents, and so many things can be traced and predicted by reading the hands.

We can predict your future from the lines of your both palms. We can predict your future by studying your palm lines. There is no need to send us your time of birth, place of birth etc . What you have to do is just scan your both right and left palms (as shown below) and send us the scanned images to our e-mail. 

 We will study the images and send you the report through e-mail. By observing the palm images we can say your life longevity, health status, personal life, married life, about foreign chances, financial status, money earnings, education, social life, business prospects, good and bad signs on palms, family relationship, children issues, love-relationship, future predictions, any other questions you asked.


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Vashikaran Totke for Husband ( सरल पति वशीकरण टोटके )


पति वशीकरण तुरंत प्रभावकारी टोटके


पति वशीकरण तुरंत प्रभावकारी टोटके 

Pati Vashikaran Totke In Hindi | Husband Vashikaran Ke Totke In Hindi

Yaha par aapko pati vashikaran ka free totka diya jaa raha hai isko karne ke baad aapke pati aapke kabu mein rahengey aur aapki baat sunne lagengey aur aapko hath kharch ke liye paise bhi dengey. Ye upay pati ko sudharne ka sabse best upay hai. Agar is upay se baat nahi banti hai to nirash hone ki jaroroat nahi hai kyuki yaha par vashikaran ke totke aur upay aur bhi hai jinko aap pad kar aajma sakti ho.

Vashikaran Mantra Aur Totke - Chamatkari Vashikaran Ke Totke

पति को वश में करने का टोटका , " अगर आपका पति आपकी बात न सुनता हो तो, अपने पति का रुमाल ले और एक नीबू ले और उस नीम्बू पर अपने पति का नाम लिख दे और निचे दिए हुए मंत्र का जाप 108 बार कर के नीम्बू पर फूंक मार दे और नीम्बू को रूमाल में लपेट कर रख दो और फिर 7 दिन के बाद इस नीबू को किसी चौराहे पर फेंक दो आपका पति आपकी हर बात सुनेगा और आपके वश में हो जायेगा ।

मंत्र :- ॐ नमो कामख्या देव्याय (पति का नाम बोले ) मम वश्यं कुरुकुरु स्वाहा,

पति-पत्नी में मतभेद हो तो ये उपाय करे :- शुक्रवार के दिन एक शहद की छोटी शीशी लेकर शीशी के अन्दर (पति/पत्नी) अपना छोटे आकर का फोटो डाले और रात को बिस्तर के निचे ही दबा कर रखे । आपके पति आपकी बात सुनने लगेंगे ।


Pati Vashikaran Ke Turant Prabhavkari Totke

Apne Pati Ko Vash Mein Karne Ka Totka In Hindi | Apne Husband Ko Vash Mein Karne Ke Totke Hindi

Pati ko vash mein karne ka totka, " agar aapka pati aapki baat nahi sunta ho to, apne pati ka rumaal le aur ek neembu le aur us neembu par apne pati ka naam likh de aur neeche diye hue mantra ka jaap 108 baar kar ke neembu par foonk maar de aur neembu ko rumaal mein lapet kar rakh do aur phir 7 din ke baad is neembu ko kisi chaurahe par faik do. Aapka pati aapki har baat sunega aur aapke vash mein ho jaayga.

Mantra: "Om Namo Kamkhya Devyay (husband name) Mum Vashyam Kurukuru Swaha"


Washikaran Totke for Husband

Pati-patni mein matbhed ho to ye upay karein:- Shukarwar ke din ek shahad ki chotti sheeshi lekar sheeshi ke andar (pati/patni) apna chotte aakar ka foto daaley aur raat ko bistar ke neeche hi daba kar rakhein. Aapke pati aapki baat sunne lag jaayenge.

Yadi aap apne vivah se paresaan hai aur jaldi talaak chahate hai to neeche di hue link ko padein aur waha diye gaye upay ko karein-

Jaldi Divorce Paane Ke Liye Upay

लाल किताब में बुध का प्रत्येक भाव के लिए उपाय (Lal Kitab Remedies for Mercury in each house)





आमतौर पर वैदिक ज्योतिष में जब ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति (Debilitated and inaspicious position of planets) मे़ होता है तो उसका उपाय किया जाता है.

परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता (Result intact in Lal Kitab) हेंवही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके दूष्प्रभाव की शान्ति होती हैइस लेख के माध्यम से बुध ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होनेपर उसके उपाय की जानकारी दी गई हैप्रत्येक व्यक्ति जिनका 
बुध जिस-2 भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार पर उपाय कर सकता है.

प्रथम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of in Mercury first house)


1) रात को सिरहाने सौफ रखकर सोएं.
2) शारावअण्डामांस का सेवन  करें.
3) जीवन में स्थिरता लाएंएक जगह टिककर काम करें
4) दबाईयों से सम्बन्धित कार्य करें.
5) हरे रंग का त्याग करें.

द्वीतीय भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in second house

1) रात को सिरहाने पानी रख कर सुबह पीपल में चढा़एं.
2) नाक छेदन करवाऎं.
3) घर में तोताभेड़वकरी ना पालें.
4) मन्दिर में दूधचावल दान करें.
5) शारावअण्डामांस का सेवन  करें.
6) साली को अपने साथ  रखें.

तृ्तीय भाव में भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in third house)

1) पर्तिदिन प्रातसूर्य को जल दें.
2) कुत्ता पालें.
3) दक्षिण दरवाजो का मकान  बनवाऎं.
4) डाक के पत्तो को दूध में धोकर सुनसान जगह में दबाएं.
5) फिटकरी से दान्त साफ करें.
6) बकरी का दान करें.
7) छोटी कन्याओं की सेवा करें.

चतुर्थ भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in fourth house


1) बन्दर को गुड़ खिलाएं.
2) न्दिर में दूधचावल चढाएं.
3) मन्दिर में या ब्राह्मण को चने की दाल एंव पीला वस्त्र दान करें.

पचंम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in fifth house) 

1) कीकर की दातुन करें.
2) नाक छेदन करवाएं.
3) गले में चान्दी की चेन पहने.
4) गले में ताम्बे का पैसा धारण करें.
5) मीठी बाणी का प्रयोग करें.

छ्टे भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in sixth house)

1) गगां जल की बोतल कृषि वाली जमीन में दबाऎं.
2) ताजे फूल अपने पास रखें.
3) दूध का बर्तन सुनसान जगह में दबाएं.
4) छोटी कन्याओं की सेवा करें.
5) कागज से सम्बन्धित कार्य करें.

सप्तम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in seventh house

1) साली को अपने साथ  रखें.
2) ब्याज (लेने देनेका काम  करें.
3) कोई भी काम लिखा पढी से करें.
4) साझेदारी में पैसा  लगाए.
5) सटटेबाजी में पैसा ना लगाए.

अष्टम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in eighth house)


1) नाक छेदन करवाऎं


2) मिट्टी के ब्रर्तन में देसी खाण्ड भरकर श्मशान या सुनसान जगह दबाएं.
3) छत पर दूध या ओले का पानी रखें.
4) ताम्बे के लोटे में मुंग भरकर नदी में प्रवाहित करें.
5) किन्नरों को सफेद कमीज  काली जुराब दें.

नवम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury ninth house)


1) नाक छेदन करवाएं.
2) खुम्बी (मसरुमका बर्त्तन भरके मन्दिर में रखें.
3) ताम्बे का पैसा छेद करके गले में पहने.
4) घर में तोताभेडबकरी ना पाले.
5) तावीजभभूतसिफीशंख इत्यादि अपने पास  रखें.
6) नया कपडा नदी के पानी का छीटा देकर पहने.

दशम भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in tenth house)

1) शारावअण्डामांस का सेवन  करें.
2) मम्दिर में दूधचावलरोटी चढाएं.
3) घर में शान्ति बनाई रखें.

एकादश भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in eleventh house)

1) तावीजभभूतसिफीशंख इत्यादि अपने पास  रखें

2) तोताभेड बकरी ना पालें.
3) गले में ताम्बे का पैसा धारण करे़.
4) नाक छेदन करवाएं.
5) घर में आई हुई वहन ,बुआमौसीसाली को मिठाई देकर विदा करें.
6) गले में माला धारण ना करे.

द्वादश भाव मे़ स्थित बुध के उपाय (Remedies of Mercury in twelfth house)

1) नाक छेदन करवाएं.
2) कुत्ता पालें.
3) दुसरो से ला भशविरा करके काम करें.
4) खाली घडा़ जल में प्रवाहित करें.
5) माथे पर केसर का तिलक लगाएं.

इस प्रकार लाल किताब के अनुसार बुध के उपाय (Remedies of Mercury in Lal Kitab) करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं.

नोट:

1) एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाईपितापुत्र इत्यादिभी कर सकता है.

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