हाथ के पीछे का हिस्सा और सामुद्रिक शास्त्र



 सामुद्रिक शास्त्र में जहां करतल(हथेली), करतल की रेखाएं, उंगलियां और नाखून का सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है, वहीं कर पृष्ठ यानी हथेली के पिछले हिस्से का भी गहन विश्लेषण किया जाता है।

हाथ के पीछे का हिस्सा (Hath Ke Back Side Ka Hissa)

  सामुद्रिक शास्त्र में जहां करतल (हथेली), करतल की रेखाएं, उंगलियां और नाखून का सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है, वहीं कर पृष्ठ यानी हथेली के पिछले हिस्से का भी गहन विश्लेषण किया जाता है। इसके आकार-प्राकर से व्यक्ति की क्षमता, योग्यता, स्वभाव, गुण, अवगुण की विवेचना की जाती है। कर पृष्ठ की बनावट, उभार और प्राकर का सामुद्रिक शास्त्र में बहुत महत्व है।

अर्थात् यदि कर पृष्ठ सर्प के फन के आकार का हो यानी उसमें थोड़ा उभार हो तो, कर पृष्ठ रोम यानी रोयें से रहित हो, मांस से युक्त हो तथा मणिबंध से उच्च हो तो ऐसे हाथ वाला व्यक्ति शुभ फल प्राप्त करता है। ऐसे लोग उत्तम गुणों से युक्त होते हैं।

सांप के फन के आकार के कर पृष्ठों को श्रेष्ठ माना गया है।

राजाओं व कुलीन लोगों के कर पृष्ठ उच्च, घन के आकार वाले,स्निग्ध(चिकने) व नस रहित होते हैं। प्राचीन ग्रंथों में उभरे हुए कर पृष्ठ को श्रेष्ठ तो माना गया है लेकिन सिर्फ उच्च होना पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा भी कई शुभ चिन्हों और प्रकार का वर्णन प्राप्त होता है।


विवर्ण यानी रंगहीन (फीके रंग के), सूखे, रोयें वाले, बिना मांस के, खुरदुरे, मणिबंध के स्तर के मणिबंध से निम्न कर पृष्ठ श्रेष्ठ व शुभ फल प्रदान नहीं करते। स्कंद पुराण में कहा गया है कि जिन स्त्रियों के कर पृष्ठ रोम वाले, बेडौल, नसयुक्त और बिना मांस के हों उनका जीवन दुखी और संघर्षमय होता है।

रोम (रोयें): कर पृष्ठ पर रोम यानी छोटे-छोटे बाल का न होना शुभ लक्षण है। यदि कर पृष्ठ रोम रहित होता है तो व्यक्ति भाग्यशाली, ऐश्वर्यवान, सक्षम, योग्य व सफल होता है। कर पृष्ठ पर यदि छोटे-छोटे व मृदु रोम पाए जाएं तो यह शुभ फल में कुछ कमी तो करेगा फिर भी भविष्य बेहतर होगा। मृदु रोम वाले व्यक्ति बहुत थोड़े संघर्ष के साथ पर्याप्त सुख भोगते हैं। पर यदि कर पृष्ठ पर कड़े बाल यानी लंबे और कड़े रोम संघर्ष में वृद्धि कर भाग्य के शुभ प्रभाव में बेहद कमी का संकेत देते हैं। ऐसे लोगों का भाग्य साथ नहीं देता। इन्हें पूरी तरह से कर्म पर निर्भर होना पड़ता है।

नसः कर पृष्ठ पर हरे, सफेद या किसी भी रंग की नसों का दिखना शुभ नहीं होता। सदैव नस विहीन कर पृष्ठ ही शुभ फल प्रदान करते हैं।

निम्न कर पृष्ठः मणिबंध से निम्न कर पृष्ठ बेहद अशुभ होते हैं। कर पृष्ठ पर गड्ढे जैसी स्थिति भी श्रेष्ठ फल नहीं देती। यह जीवन में संघर्ष, संकट, उदासी, उत्साहहीनता व धन की कमी का स्पष्ट संकेत है।

उच्च कर पृष्ठः उच्च कर पृष्ठ समस्त सुख प्रदान करने वाले होते हैं। इस तरह के कर पृष्ठ वाले जीवन में समस्त वैभव व आनंद को भोगते हैं। ये लोग भाग्यशाली, ऐश्वर्यवान, शक्तिशाली व भू पति होते हैं।

समतल कर पृष्ठः मणिबंध के स्तर के कर पृष्ठ शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं। यदि बीचों-बीच कर पृष्ठठ अंदर की तरफ दबे होते हैं तो यह धन हानि व रोग का संकेत है। पर यदि कहीं-कहीं कर पृष्ठ मणिबंध से ऊपर की ओर हैं तो यह स्थिति छोटे-छोटे लाभ की ओर इशारा करती है।


Hastrekha Vigyan Aur Kar Prishth