हाथ की रेखाओ और पर्वतो पर क्रॉस का होना
(Hath Mein Cross Sign Hona)
हाथ में केवल अशुभ लक्षण देखकर किसी निर्णय पर पहुँच जाना अनुचित है। मानव हाथ में गौण एवं मुख्य रेखाओं के साथ-ंउचयसाथ अनेक प्रकार के चिह्न भी पाये जाते हैं जिनमें मुख्यतः विन्दु, क्रास, वर्ग, जाल, तारे (स्टार) त्रिभुज, वृत्त, द्वीप, मत्स्य, पेड़, धनुष, कमल, सर्प आदि हैं।
- शनि क्षेत्र पर क्रास का चिह्न होने से व्यक्ति के शरीर में कई बार घाव लगते हैं तथा रहस्यमय दुर्घटना भी हो सकती है।
- रवि क्षेत्र पर क्रास का चिह्न होने से व्यक्ति व्यवसाय में हानि और पराजय का मुंह देखता है। समाज में उपहास एवं निन्दा का सामाना करता है।
- चन्द्र क्षेत्र पर यह निशान होने से व्यक्ति कई बार पानी में डूबता है और बच जाता है। जलोदर तथा दिमागी रोग होने की आशंका बनी रहती है।
- मंगल क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को कारावास होता है तथा ऐसे व्यक्ति अत्यन्त क्रोधी होते हैं लड़ाई -हजयगड़े में मरना मारना इनके लिए आम बात होती है।
- बुध क्षेत्र में यह निशान होने से व्यक्ति घूर्त, ठग, धोकेबाज, -हजयूंठा एवं समाज में निन्दनीय जीवन बिताता है।
- गुरुक्षेत्र में यह निशान होने से ब्यक्ति का आदर्श विवाह, सोच सम-हजय से कार्य करने वाला, ससुराल से धन प्राप्ति तथा प-सजय़ी लिखी एवं पतिव्रता पत्नी प्राप्त होती है।
- शुक्र क्षेत्र पर यह निशान होने से प्रेम में असफलता मिलती है तथा बदनाम होकर निन्दनीय जीवन बिताता है। ऐसे लोगों का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता तथा जीवन निराशापूर्ण होता है।
- राहु क्षेत्र पर क्रास का निशान होने से युवा अवस्था में दुःख प्राप्त होता है तथा हमेशा भाग्यहीन होता है।
- केतु क्षेत्र पर क्रास का निशान होने से शिक्षा प्रभावित होती है।
- जीवन रेखा पर क्रास चिह्न होने से आयु प्रभावित होती है।
- मस्तिष्क रेखा पर क्रास चिह्न होने पर आयु के उस भाग में दिमाग से सम्बन्धी बीमारी का सामाना होता है।
- भाग्य रेखा पर क्रास का चिह्न होने से आयु के उस भाग में भाग्य परिवर्तन होने का अवसर आता है। हृदय रेखा पर होने से रक्तचाप सम्बन्धी बीमारी होती है।
- विवाह रेखा पर होने से विवाह नहीं होता, यदि होता भी है तो दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं रहता है।
- बृहस्पति क्षेत्र के अलावा हाथ में कहीं पर भी क्रास का चिह्न हो, तो उसके प्रभाव को न्यून कर विपरीत फल देने लगता है।