आपकी मृत्यु कब, कैसे और कहाँ होगी ? अपनी हाथ की रेखा से जानिये
हर व्यक्ति को जानने की उत्सुकता रहती है की उसकी आयु कितने वर्ष होगी और उसकी मृत्यु कब, कहाँ और कैसे होगी ? उसके जीवनसाथी की मृत्यु पहले होगी या उसकी मृत्यु उस से पहले होगी ?
ज्योतिष और हस्तरेखा या फिर किसी भी ज्योतिषय पद्दति से मृत्यु का सटीक अनुमान लगाना असंभव है।
भारतवर्ष में आज ऐसे बहुत से ज्योतिषी है जो इस तरह के दावे आयदिन करते रहते है लेकिन हकीकत में जब आप उन ज्योतिषियों से संपर्क करते है तब वे आपको कुछ भी नहीं बता पाते है या फिर टाल-मटोल करने लगते है और कुछ उनके लोग दुसरो को सुने-सुनाय किस्से सुनाते है परन्तु जब आप उनको बोलते है की उस ज्योतिषी के पास ले कर चलो तो वो लोग बहाना बनाना शुरू कर देते है।
आप किसी भी मरे हुए व्यक्ति की कुंडली या मरे हुए व्यक्ति के हाथ का प्रिंट किसी भी ज्योतिषी के पास ले कर जाय तो कोई भी हस्तरेखा शास्त्री और ज्योतिषी नहीं बता पाएगा की ये व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है यानि की मर चूका है।
इन ज्योतिषियों की सटीकता आपको सिर्फ 1 % मिलेगी लेकिन किस्से उनके मुँह से आपको 100 % के ही सुनने को मिलेंगे।
आपको याद होगा बहुत साल पहले एक गांव के बहुत प्रसिद्द ज्योतिषी ने अपनी मृत्यु की घोषणा ज्योतिषीय गणना के आधार पर कर दी थी और भारीतय मीडिया ने उसका सीधा प्रसारण भी किया था और ये ज्योतिषी कई दिनों तक मीडिया और आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना रहा क्युकी उसकी अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी बिल्कुल झूठी निकली। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । अर्थार्थ ज्योतिषियों को इस तरह के पाखंड से बचना चाहिए और जनता को भी इस तरह के ज्योतिषियों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
ज्योतिषी का कार्य ये नहीं है की व्यक्ति के दिल में मृत्यु का भय पैदा कर दे बल्कि उसको रास्ता दिखाना है क्युकी मृत्यु तो अटल है और उसको जब आना है तब आएगी और उसको कोई रोक नहीं सकता है।
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा की तो क्या ज्योतिष और हस्तरेखा में बताय गए मृत्यु के नियम/संकेत झूठे है तो इसका उत्तर है की हमेशा ये नियम/संकेत सही नहीं पाय जाते है इसलिए इन संकेतो के आधार पर ज्योतिषी को मृत्यु का फलादेश नहीं करना चाहिए बल्कि जातक को परोक्ष रूप से सावधान रहने को कहा जाता है (कभी भी हाथ या कुंडली में ऐसा संकेत दिखने पर जातक को सीधे नहीं कहना चाहिए क्युकी ऊपर साफ़ बताया गया है इस तरह की भविष्यवाणी की सटीकता बहुत कम होती है ) और ज्योतिषी को चाहिए की वो जातक को उपाय करवाय ताकि उस से भगवन ने चाहा तो उसका बचाव हो सके।
हस्त रेखा से मृत्यु कब, कैसे और कहाँ होगी ?
यदि जीवन रेखा चद्र पर्वत पर समाप्त हो रही है तो व्यक्ति का निधन घर से दूर स्थान (परदेश) पर होता है।
यदि चंद्र पर्वत, मंगल पर्वत और मस्तक रेखा दोषयुक्त है तो व्यक्ति तनाव में आ कर आत्महत्या कर लेता है या हत्या भी कर देता है (अधिकांश ऐसे लोगो का अंगूठा भारी होता है )।
भाई बहन रेखा टूटी होने पर उनकी मृत्यु का संकेत मिलता है।
जीवन रेखा पर बनने वाले बुरे योग व्यक्ति के अनाथ होने या माता पिता के निधन को दर्शाते है।
इन सभी घटनाओ का समय जानेने के लिए आपको प्रत्येक रेखा की समय सारणी देखनी पड़ती है व बहुत बार व्यक्ति मृत्यु से तो बच जाता है लेकिन उसके जीवन में उस समय पर मृत्युतुल्य कष्ट अवश्य आता है। व्यक्ति ये ही कहता है की ये मेरा दूसरा जन्म है या मुझको भगवन ने नई जिंदगी दी है।
हाथ में यदि जीवन रेखा छोटी है तो व्यक्ति मान लेता है की मेरी आयु कम है जबकि ये बिलकुल गलत है बल्कि लम्बी जीवन रेखा वाले व्यक्ति भी छोटी उम्र में मर जाते है।
इसलिए जीवन रेखा आयु निर्धारण करना उचित नहीं है।
यदि आप जीवन रेखा से अपनी आयु गणना का सच जानना चाहते है तो इस लेख को जरूर पढ़े - जीवन रेखा से अपनी आयु निकालना
पुनः हस्तरेखा शास्त्र में मर्डर, आत्म-हत्या, अचानक मृत्यु, माता-पिता, भाई-बहन की मृत्यु, और अकालमृत्यु इत्यादि सबका बताया गया है लेकिन इन पर 100% विश्वास नहीं करना चाहिए।
नितिन कुमार पामिस्ट