अपनी आयु जानना | Apni Aayu Pata Karne Ka Tarika | Jyotish

शरीर की ऊँचाई द्वारा आयु प्रमाण यदि किसी मनुष्य की ऊँचाई उसकी अपनी अंगुली के नाप से 108 अंगुल लम्बा हो तो उस व्यक्ति की आयु सौ वर्ष मानी जाती है।


शरीर की उचाई द्वारा आयु निकलना

शरीर की ऊँचाई द्वारा आयु प्रमाण यदि किसी मनुष्य की ऊँचाई उसकी अपनी अंगुली के नाप से 108 अंगुल लम्बा हो तो उस व्यक्ति की आयु सौ वर्ष मानी जाती है। यदि अपने अंगुल से 100 अंगुल है तो आयु 80 वर्ष तथा अपनी अंगुली से 96 अंगुल है तो पुरूष 70 वर्ष की आयु को प्राप्त करता है। यदि 96 अंगुल से कम ऊँचाई हो तो वह व्यक्ति 70 वर्ष से कम अवस्था में मृत्यु को प्राप्त करता है।

अंगुल वैदिक काल की हिन्दू लम्बाई मापन की इकाई है। एक अंगुल की लम्बाई एक मानव हस्त की अंगुली की मोटाई के बराबर होती है। (वायु पुराण के अनुसार एक अंगुल, अंगुली की एक गांठ के बराबर है और अन्य प्राधिकारियों के अनुसार सिरे पर अंगुष्ठ की मोटाई के बरबर है।)

अंगुली की माप द्वारा आयु प्रमाण

मनुष्य के हाथ में अगुष्ठ के अतिरिक्त तर्जनी मध्यमादि चार अंगुलियाँ होती ही हैं। यदि हृदय रेखा की लम्बाई कनिष्ठा के बराबर हो तो मनुष्य की आयु 50 वर्ष होती है। यदि हृदय रेखा अनामिका के बराबर लम्बी है तो 65 वर्ष तथा मध्यमा अंगुली के बराबर लम्बाई की हृदय रेखा हो तो व्यक्ति 80 वर्ष की आयु प्राप्त करता है। यदि मनुष्य की हृदय रेखा तर्जनी अंगुली के मूल तक हो तो आयु 100 वर्ष तक की होती है। हृदय रेखा जब तर्जनी मूल तक जाती है तथा वहाँ ) कमल की तरह निशान बनाती है तब आयु 120 वर्ष मानी जाती है। जो आज-कल मात्र अपवाद या कल्पनारूप ही है।

ये पोस्ट सिर्फ आप लोगो की जानकारी के लिए दी गयी है ताकि आपको पता चल सके की पहले के ज्योतिषी व्यक्ति की आयु का अनुमान किस किस तरह पता करते थे लेकिन आज कल ये तरीके बिलकुल सत्य साबित नहीं होते है इसलिए इन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।