बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल हस्त-रेखा-विज्ञान | Signs On Great Triangle Palmistry

बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल | Signs On Great Triangle Palmistry
बृहत् त्रिकोण में विविध चिह्न और उनका फल हस्त-रेखा-विज्ञान | Signs On Great Triangle Palmistry

बिन्दु-चिह्न-
यदि स्त्रियों के हाथ में लाल बिन्दु-चिह्न हो तो उनके गर्भिणी होने का लक्षण है। यदि सफ़ेद बिन्दु-चिह्न हो तो खून की कमी, कज़मोरी से मूर्छा रोग का लक्षण है।

रेखा-
(क) जीवन-रेखा से निकल कर यदि ऊपर की ओर रेखायें जावें तो यह बहुत शुभ लक्षण है। जिस अवस्था में जीवन-रेखा से ये शाखा-रेखा निकलें उस वर्ष में धनागम, भाग्योदय, यश, प्रतिष्ठा-वृद्धि समझना चाहिए।

(ख) यदि बृहत् त्रिकोण के मध्य में (जीवन-रेखा या भाग्य. रेखा को स्पर्श न करती हुई) कोई दो शाखायुक्त छोटी-सी रेखा हो तो स्वास्थ्य की कमजोरी प्रकट करती है।

क्रॉस-चिह्न-
(क) यदि मध्य भाग में कोई 'क्रॉस'-चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति अन्य लोगों से झगड़ा कर अपने लिए कठिनाइयाँ पैदा करेगा। यदि दोनों में यह चिह्न हो और अन्य लक्षणों से पुष्टि होती हो, तो कत्ल तक कर सकता है।

(ख) यदि बहुत से 'क्रॉस'-चिह्न हों तो निरन्तर भाग्यहीनता (तरक्की में रुकावट) प्रकट होती है। यदि जहाँ स्वास्थ्य-रेखा जीवन-रेखा से मिलती है। उस कोण के पास बृहत् त्रिकोण में क्रॉस-चिह्न हो तो कोई फ़ौजदारी मुकदमा चलता है। ऐसे व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा को काफ़ी धक्का पहँचने का अन्देशा होता है। जीवन में काफ़ी गिरावट (तबदीली) होती है।

(ग) यदि जहाँ जीवन-रेखा और शीर्ष-रेखा मिलती हैं उस कोण के पास क्रॉस-चिह्न हो और किसी प्रधान रेखा को स्पर्श न करता हो तो ऐसा व्यक्ति मुकदमा जीतत है किन्तु यदि शीर्ष-रेखा या जीवन-रेखा को क्रॉस स्पर्श करे तो मुकदमा हार जाता है।

(घ) यदि बृहत् त्रिकोण के मध्य में स्पष्ट-सा क्रॉस-चिह्न हो (शुद्ध एक रेखा दूसरे को न काटे किन्तु क्रॉस के ढंग का चिह्न हो) और शनि-क्षेत्र पर आड़ी रेखायें हों तो बराबर भाग्यहीनता का सिलसिला चलता है।

तारे का चिह्न-
(क) यदि एक हाथ में एक चिह्न हो तो शुभ लक्षण है । मनुष्य को बहत परिश्रम करने पर धन या सफलता प्राप्त होती है किन्तु यदि दोनों हाथों में यह चिह्न हो तो अशुभ लक्षण है। किसी शस्त्र या दुर्घटना से मृत्यु होती है।

(ख) यदि स्वास्थ्य-रेखा के पास-हत् त्रिकोण के अन्दर कारेका चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति अन्धा हो जाता है।

(ग) यदि तारे का चिह्न स्पष्ट न हो किन्तु घिच-पिच हो तो प्रेम सम्बन्ध के कारण कठिनाइयाँ होती हैं।

(घ) यदि शुक-क्षेत्र से कोई प्रभाव-रेखा चलकर जीवन-रेखा को काटती हई बृहत् त्रिकोण के मध्य में आवे और समाप्त हो जावे और इस रेखा के अन्त पर तारे का चिह्न हो तो बड़ा सदमा होता है। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें। यदि जहाँ से यह प्रभाव-रेखा प्रारम्भ हुई है उस ओर भी तारे का चिह्न हो तो अत्यन्त निकट सम्बन्धी या मित्र की मृत्यु का सदमा लगता है।

वत्त-चिह्न-
किसी स्त्री के कारण कठिनाइयाँ उठानी पड़ती हैं। यदि स्त्री के हाथ में हो तो किसी पुरुष के कारण समझनी चाहिए। यदि चन्द्र-क्षेत्र भी उच्च हो तो चिड़चिड़ापन, दूसरे की बात काटना, झगड़ा करना आदि का स्वभाव होता है।

वर्ग-चिह्न
यदि किसी रेखा का स्पर्श न करे तो खतरे का अन्देशा सूचित करता है।

त्रिकोण-चिह्न
यदि जीवन-रेखा और भाग्य-रेखा के बीच में हो तो लड़ाई (फ़ौजी जीवन) में यश, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

जाल-चिह्न
यदि हाथ में अन्य लक्षण अच्छे हों तो यह प्रकट होता है कि ऐसे व्यक्ति के बहुत से गुप्त शत्रु होंगे। यदि हाथ में अन्य लक्षण अच्छे न हों तो ऐसे व्यक्ति की शर्मनाक मृत्यु होती है।

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