हस्तरेखा के रहस्य | Secrets Of Palmistry In Hindi

 

हस्तरेखा के रहस्य | Secrets Of Palmistry In Hindi


हस्तरेखा के रहस्य | Secrets Of Palmistry

आप यहां पर हस्तरेखा विज्ञान के रहस्य सीख सकते हैं और उन्हें लागू कर सकते हैं लेकिन आपको बहुत अभ्यास करने की आवश्यकता होगी । 


पर्वत और रोग 

बृहस्पति पर्वत (Mount Of Jupiter), फेफड़े, यकृत और गले। 

शनि पर्वत (Mount Of Saturn), अवसाद, पैर, हड्डी और दांत। 

सूर्य पर्वत (Mount Of Sun), आँख, पीठ और हृदय।  

निम्न मंगल पर्वत (Mount Of Positive Mars), ऑपरेशन, दुर्घटना, बवासीर और बीपी।

उच्च मंगल पर्वत (Mount Of Negative Mars), अटैक, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस। 

बुध पर्वत (Mount Of Mercury), एकाग्रता की कमी, आलस्य, घाव और वाणी विकार। 

चंद्र पर्वत (Mount Of Moon), किडनी, किडनी स्टोन, यूटीआई, थायराइड और हिस्टीरिया।

शुक्र पर्वत (Mount Of Venus), एसटीडी, यूटीआई, बांझपन, बालों का झड़ना और प्रोस्टेट विकार। 

राहु पर्वत (Mount Of Rahu), पेट, गैस्ट्रिक, अम्लता और आंत। 

केतु पर्वत (Mount Of Ketu), त्वचा, ल्यूकोडर्मा, सफेद धब्बे और गले में संक्रमण।


हस्तरेखा विशेषज्ञ के लक्षण (हस्त्रेखा विशारद) 

द्वीप (आंख/याव) अंगूठे पर। 
लंबी प्रमुख मंगल रेखा। 
अंतर्ज्ञान रेखा (अर्ध-चंद्रकार रेखा) होना । 
गुरु मुद्रा होना । 
दूसरी भाग्य रेखा होना । 
सीधी रेखा जीवन रेखा से शुरू होकर मुख्य भाग्य रेखा के समानांतर चलती हुई शनि पर्वत पर समाप्त हो। 
हृदय और शीर्षक रेखा के बीच वर्गाकार और क्रॉस होना। 
मस्तक रेखा , जीवन रेखा और स्वास्थ्य रेखा से बना त्रिभुज।


डॉक्टर के योग
 
चिकित्सक रेखा -  बुध पर्वत पर खड़ी रेखाएँ। 
मस्तक रेखा से एक रेखा बुध पर्वत तक जाती हो। 
मंगल रेखा मणिबंध पर समाप्त होती है यानि लंबी और स्पष्ट मंगल रेखा ।


सूर्य रेखा की शाखा उच्च मंगल पर्वत पर जाती हुई 

विदेश में सफलता का प्रतीक (विदेश जाना ) । 


सूर्य रेखा की शाखा नकारात्मक मंगल पर्वत पर जाती हुई
 
भूमि संबंधित कार्य, ऋण (कर्जदार) होना । 


सूर्य रेखा की शाखा भाग्य रेखा से मिलती हो 

सौभाग्य, सरकारी नौकरी मिलना और उन्नति । 


सूर्य रेखा पर क्रॉस होना 

असफलता, आँखों की समस्या, फड़कना और पैसा डूबना । 


सूर्य रेखा द्वीप होना 

पैसा डूबना और मानहानि होना । 


मुख्य भाग्य रेखा का चंद्र से शुरू होना और सहायक भाग्य रेखा शुक्र से शुरू होना 

शादी के बाद भाग्य खुलना या किसी स्त्री द्वारा मदद मिलना या लाइफ पार्टनर उस ही क्षेत्र से होना जिस में आप कार्य करते हो । ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके द्वारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें ।


मुख्य भाग्य रेखा का चंद्र से शुरू होना और सहायक भाग्य रेखा का जीवन रेखा से शुरू होना 

ज्योतिषी होना, दोहरी आय होना । 


त्रिशूल (ट्राइडेंट) मस्तक रेखा पर होना 

अच्छे व्यावसायिक कौशल का प्रतीक है । 


मस्तक रेखा (हेडलाइन) की शाखा चंद्रमा पर्वत पर जाती हो 

लेखन कौशल, कल्पनाशील होने का प्रतीक है । 


भाग्य रेखा की शाखा चन्द्र पर्वत पर जाती हो 

प्रेम विवाह होना या उस उम्र में लंबी यात्रा करना । 


राहु रेखाएं (प्रभाव रेखा /चिंता रेखाएं/चिंता रेखा)

पूरे जीवन में परेशानी का प्रतीक है । 


ऋणात्मक मंगल से प्रभाव रेखा भाग्य रेखा को काटती हो  

पारिवारिक हस्तक्षेप और दुर्घटना के कारण हानि/परेशानी को दर्शाता है


शनि पर्वत के नीचे हेडलाइन की शाखा भाग्य रेखा को नीचे की ओर काटती हो 

एड़ी में दर्द, पैर में चोट का प्रतीक है । 


शनि पर्वत पर चतुर्भुज होना 

ज्योतिषी, तांत्रिक, सामाजिक कार्यकर्ता का प्रतीक है । 


जीवन रेखा को अंत में वर्गाकार होना 

जेल जाना और सन्यासी होने का प्रतीक है । 


भाग्य रेखा का मस्तक रेखा से शुरू होना 

35 वर्ष की आयु के बाद सफलता का प्रतीक, वैज्ञानिक, अचानक धन लाभ । 


बृहस्पति पर्वत पर चतुर्भुज पर क्रॉस होना 

पैसा लॉटरी/जुआ (सट्टा) से आता है । 


राहु रेखा द्वारा काटी गई जीवन रेखा की छोटी शाखा 

तलाकशुदा (तलाक होना) या अबॉर्शन होना को दर्शाता है । 


विवाह रेखा स्वास्थ्य रेखा को काटती हो 

शादी के कारण नुकसान या शादी के बाद स्वास्थ्य समस्या का प्रतीक है । 


उच्च मंगल से एक रेखा भाग्य रेखा को काटती हो 

शत्रुओं से हानि का प्रतीक है । 


क्षैतिज रेखाएं उच्च मंगल पर्वत होना 

ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की बीमारी को दर्शाता है । 


उच्च चंद्रमा पर्वत पर क्षैतिज रेखा पर क्रॉस हो 

एपेंडिसाइटिस को दर्शाता है । 


भाग्य रेखा हृदय रेखा से शुरू होती हो 

50 वर्ष की आयु के बाद सफलता, विपरीत सेक्स की मदद से अचानक धन लाभ होने का प्रतीक है। 


भाग्य रेखा शुक्र पर्वत से शुरू होती हो 
शादी के बाद सफलता का प्रतीक है या साथी एक ही क्षेत्र में काम करता हो । 


उच्च मंगल पर्वत से मस्तक रेखा की शाखा भाग्य रेखा को काटती हो 

मुकदमा होना, दुर्घटना होना को दर्शाता है । 


भाग्य रेखा की शाखा हृदय रेखा से मिलती हो 

दूसरा विवाह होना या विवाह में तकलीफ आना या प्रेम विवाह होना 


भाग्य रेखा की शाखा हृदय रेखा को काटती हो 

विवाह असफल होना और गैर संबंध होने से समस्या होना 


अनामिका के दूसरे भाग पर पीछे बाल होना 

सौभाग्य का प्रतीक है ।