हृदय रेखा पर सभी चिन्हों का अर्थ जाने
हृदय रेखा पर अच्छे और बुरे चिन्ह पाए जाते है जिनका अपना विशेष महत्व रहता है । यहा इस पोस्ट में आपको सभी चिन्हों का एक-एक कर के अर्थ समझने का प्रयास किया गया है ।
( 1 ) द्वीप चिह्न: यदि हृदय रेखा द्वीप चिह्न सहित बृहस्पति क्षेत्र से आरम्भ हो (चित्र - 488), तो फेफड़े और गले की बीमारी का संकेत मिलता है।
यदि शनि क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में द्वीप चिह्न हों, तो यह एक गम्भीर अशुभ लक्षण है (चित्र-489)। ऐसी स्थिति में जातक की समृद्धि और भाग्य प्रेम सम्बन्धों के कारण प्रभावित होता है ।
हृदय रेखा में सूर्य क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न होने पर आंखों की बीमारी होती । बुध क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न हो, तो प्रेम सम्बन्धों के कारण व्यापार में बाधा पड़ती है।
यदि हृदय रेखा में शनि क्षेत्र के नीचे द्वीप चिह्न हो और भाग्य रेखा में भी द्वीप चिह्न मौजूद हो (चित्र-490), तो जातक का प्रेम निम्नस्तरीय व्यक्तियों से हो जाता है, जो थोड़ी-सी बात पर टूट जाता है।
यदि सम्पूर्ण हृदय रेखा द्वीप चिह्नयुक्त जंजीर की तरह हो और शनि क्षेत्र के नीचे से निकल रही हो, तो जातक का विपरीत सेक्स के प्रति कोई आकर्षण नहीं होता, उसकी इच्छाएं असामान्य होती हैं।
( चित्र - 488 )
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( चित्र - 490 ) |
(2) वर्ग या त्रिभुज चिह्न : यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और वह स्थान वर्ग या त्रिभुज के चिह्न से घिरा हुआ हो (चित्र-491), तो जातक के जीवन में दुर्घटना का विशेष असर नहीं पड़ता, क्योंकि वर्ग या त्रिभुज ऐसे समय में परिरक्षण प्रदान करते हैं ।
( चित्र - 491 ) |
(3) वृत्त चिह्न (चित्र - 492) : हृदय रेखा में उपस्थित वृत्त चिह्न हृदय की कमज़ोरी के परिचायक होते है । यदि शनि क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में वृत्त हो, तो नेत्र ज्योति की कमजोरी होती है।
(4) बिन्दु चिह्न (चित्र - 493) : काले बिन्दु चिह्न प्रेम सम्बन्धों के कारण होने वाले हार्दिक कष्ट या हृदय की धड़कन बढ़ जाने का संकेत देते हैं। यदि शनि क्षेत्र के नीचे काला बिन्दु चिह्न हो, तो नीच क़िस्म के व्यक्तियों से प्रेम सम्बन्ध के कारण उत्पन्न आत्मिक कष्ट का परिचायक है। सूर्य क्षेत्र के नीचे बिन्दु चिह्न हो, तो जातक की उच्चाकांक्षाओं को सम्बद्ध व्यक्ति प्रभावित करते हैं। यदि बुध क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा में काला बिन्दु चिह्न हो, तो आर्थिक कारणों से प्रेम सम्बन्धों में बाधा या किसी चिकित्सक, वैज्ञानिक या व्यापारी द्वारा उत्पन्न की गयी जातक के कार्य क्षेत्र में बाधा का संकेत मिलता है । हलके काले या नीलाभ बिन्दु चिह्न मलेरिया बुखार या जोड़ों के दर्द के परिचायक होते हैं।
हृदय रेखा में उपस्थित सफ़ेद बिन्दु चिह्न शुभ होते हैं। सफ़ेद बिन्दु चिह्न हृदय की श्रेष्ठ भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
( चित्र - 492 ) |
( चित्र - 493 ) |
( चित्र - 494 ) |
( चित्र - 495 )
( चित्र - 496 ) |
( चित्र - 497 )
(5) क्रास चिह्न : हृदय रेखा में उपस्थित क्रास चिह्न प्रेम सम्बन्धों की असफलता या दुःख के परिचायक होते हैं। यदि क्रास चिह्न बुध क्षेत्र के नीचे हो, तो आर्थिक हानि या व्यापार में असफलता मिलती है।
हृदय रेखा और भाग्य रेखा के कटान बिन्दु पर कई क्रास चिह्न हों (चित्र-494), तो प्रेम सम्बन्धों के कारण जातक को गम्भीर कष्ट का सामना करना पड़ता है। (6) गहरा धब्बा (चित्र - 495) : यदि हृदय रेखा के बीच में लम्बा फैला हुआ गहरा धब्बा हो, तो जातक को मिर्गी रोग का ख़तरा रहता है ।
(7) नक्षत्र चिह्न : हृदय रेखा में उपस्थित नक्षत्र चिह्न भी क्रास चिह्न की तरह अशुभ और दुःखदायी होता है ।
यदि हृदय रेखा से निकलकर उसकी कोई शाखा चन्द्र क्षेत्र तक जाये और उसके अन्त में नक्षत्र चिह्न हो (चित्र-496), तो यह वंशानुगत नामर्दी का लक्षण है, जो प्रेम सम्बन्धों के दुष्प्रभाव से उत्पन्न होती है।
यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और उसका टूटा हुआ अन्तिम हिस्सा मस्तिष्क रेखा के अन्त में मिल जाये और मिलन बिन्दु पर नक्षत्र का चिह्न हो (चित्र - 497), तो मस्तिष्क में चोट लगने का संकेत देता है । यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और उस स्थान पर नक्षत्र चिह्न हो (चित्र-498), तो यह अचानक मृत्यु या हृदय की गम्भीर बीमारी का लक्षण है । (8) रेखाओं के टूटने का चिह्न : यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो, तो प्रेम सम्बन्धों के विच्छेद या हृदय की बीमारी का संकेत मिलता है। यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और उसके पहले टुकड़े के अन्त में गहरा काला बिन्दु या उसे काटने वाली आड़ी रेखा हो (चित्र-499), तो अचानक मृत्यु या हृदय के घातक दौरे की परिचायक होती है। यदि इस टूटी हुई रेखा के साथ कोई सहायक रेखा, वर्ग चिह्न या त्रिभुज चिह्न मौजूद हो, तो ख़तरे का दुष्प्रभाव कम हो जाता है और जातक का जीवन बच जाता है ।
( चित्र - 498 )
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यदि दायें हाथ की हृदय रेखा दाहिनी तरफ़ टूटी हुई हो, तो आग या ज़हर से मृत्यु का संकेत देती है। यदि दोनों ही हाथों में यह लक्षण मौजूद हो (चित्र - 500), तो जातक की मृत्यु जल में डूबने से होती है। तीन स्थानों से टूटी हुई हृदय रेखा जब बुध क्षेत्र के नीचे जाकर खूब चौड़ी हो जाती है, तब भी जल में डूबने से जातक की मृत्यु का ख़तरा रहता है।
टूटी हुई हृदय रेखा के दोनों खण्डों के बीच का अधिक अंतर आक्रोश , हत्या या सम्बन्ध विच्छेद का संकेत है। यदि रेखाखण्डों के बीच अन्तर अधिक हो और मंगल क्षेत्र में भी अशुभ चिह्न मौजूद हो, तो प्रेम सम्बन्धों का दुःखद अन्त होता है।
( चित्र - 500 ) |
यदि हृदय रेखा बीच में टूटी हुई हो और उससे निकलने वाली कोई शाखा भाग्य रेखा को काटती हुई मस्तिष्क रेखा की ओर निकल जाये (चित्र-501), तो जीवन साथी या अत्यन्त आत्मीय व्यक्ति की मृत्यु का संकेत है। यदि हृदय रेखा टूटी न हो, किन्तु भाग्य रेखा बीच में टूटी हो, तब भी यही फल समझना चाहिए। यदि दोनों ही रेखाएं टूटी हो, तो जातक इस कष्ट से जीवन भर नहीं उबर पाता।
( चित्र - 501 ) |
(9) तिल चिह्न : हृदय रेखा में उपस्थित तिल चिह्न असफलता, मायाजाल और भ्रम का संकेत है । हृदय रेखा में तिल की उपस्थित शुभ नहीं मानी जाती।