अधुरा प्रेम व प्रेम में धोखा (Adhura Prem Aur Prem Mein Dhokha)
आजकल भारत में युवक व युवतिया अपने प्रेम-प्रसंग को लेकर चर्चा का विषय बने रहते है। युवक युवतिया अपने अधूरे प्रेम व प्रेम में मिले धोखे के किस्से यहाँ-वहा सुनते रहते है । आईये हस्तरेखा से जानते है की प्रेम में धोखा क्यों मिलता है व क्यों प्रेम अधुरा रह जाता है।
Fig-A1 |
यदि चन्द्र पर्वत से कोई प्रभाव रेखा निकल कर के भाग्य रेखा को मिलती है और उसके बाद भाग्यरेखा दोषयुक्त हो जाती है अर्थात टूट जाती है या द्वीप्युक्त हो जाती है तो ऐसे में प्रेम में धोखा मिलता ही है या प्रेम-विवाह के पश्चात दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। (fig- A1)
Fig-A2 |
यदि ऐसी प्रभाव रेखा भाग्य रेखा को काट दे तो स्त्री को पुरुष से और पुरुष को स्त्री से धोखा मिलता ही है। (fig-A2)
Fig A3 |
यदि चन्द्र पर्वत से निकलने वाली प्रभाव रेखा और भाग्य रेखा को यदि शुक्र पर्वत से आने वाली प्रभाव रेखा अगर काट दे तो प्रेम-विवाह में परिवार वालो का विरोध होता है। (fig A3)
Fig A4 |
यदि भाग्य रेखा पर उच्च मंगल से कोई रेखा आकर मिलती है तो ऐसे व्यक्ति को प्रेम में निराशा ही मिलती है। ऐसे प्रेम में स्वार्थ छुपा होता है। ऐसे व्यक्ति को बहुत मुश्किल से अपना प्यार मिलता है। (Fig A4)
आप इन योग के साथ विवाह रेखा को भी अवश्य देखे अगर विवाह रेखा झुकी, टूटी, दो शाखायुक्त या छोटी है तो समझे व्यक्ति के साथ अवश्य होगा।