समुद्रशास्त्र में भाग्य रेखा - हस्त रेखा




भाग्य रेखा हाथ में नहीं हो तब जीवन में काफी संघर्ष करने के बाद जीवन में सफलता मिलती है। लेकिन हथेली में भाग्य रेखा हो और इसे कोई रेखा काट जाए तो यह अधिक परेशानी देता है।  

इससे जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। समुद्रशास्त्र के अनुसार हथेली में दोनों किनारों में से किसी भी ओर से कोई ऐखा निकलकर भाग्य रेखा को काटे तो यह संकेत है कि व्यक्ति को शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए अन्यथा नुकसान होता है। इससे परिवार में मतभेद एवं कलह की स्थिति भी बनती है।

अंगूठे के पास से कोई रेखा निकलकर भाग्य रेखा को काटे तो यह संकेत है कि व्यक्ति के अवैध संबंध हो सकते हैं और काम-वासना में फंसकर अपना नुकसान कर बैठता है। ऐसे व्यक्ति को काम भावना के कारण धन एवं व्यवसाय में हानि होती है। उन्नति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

जिनकी हथेली में कलाई से लेकर मध्यमा उंगली के नीचे तक सीधी रेखा आती वह बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। इसके विपरीत हथेली में लहराती हुई भाग्य रेखा शुभ नहीं मानी जाती है। इन्हें व्यापार एवं नौकरी में बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ता है।

समुद्रशास्त्र में बतया गया है कि भाग्य रेखा का हृदय रेखा पर आकर ठहरना ठीक नहीं होता है ऐसे व्यक्ति को प्रेम में असफलता का सामना करना पड़ता है। प्यार मुहब्बत के चक्कर में फंसकर ऐसा व्यक्ति अपने कैरियर का नुकसान कर बैठता है। मस्तिष्क रेखा पर भाग्य रेखा का आकर रूक जाना संकेत है कि व्यक्ति को अपने किसी गलत निर्णय के कारण हानि हो सकती है प्रगति बाधित होगी।

Hastrekha Vigyan Aur Avedh Sambandh