Hath Ki Rekha Ka Bhavishya In Hindi

            हस्त रेखा का स्वरूप 

सबसे पहले हमें यह बात अच्छी तरह जान लेनी चाहिए कि विभिन्न प्रकार के हाथों पर पाई जाने वाली विभिन्न रेखाओं को मिलाकर देखे जाने वाले अर्थ आज की नहीं बल्कि उस पुरातन काल की बातें हैं जब यह विज्ञान उन लोगों के हाथों में था जिन्होंने इसके विकास के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया।


सबसे पहले हमें यह बात अच्छी तरह जान लेनी चाहिए कि विभिन्न प्रकार के हाथों पर पाई जाने वाली विभिन्न रेखाओं को मिलाकर देखे जाने वाले अर्थ आज की नहीं बल्कि उस पुरातन काल की बातें हैं जब यह विज्ञान उन लोगों के हाथों में था जिन्होंने इसके विकास के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। 

अब जिस प्रकार चेहरे पर नाक या होठों के सहज स्थान की पहचान की गई, उसी प्रकार हाथ का अध्ययन करते हुए एक ऐसा समय आया जब मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा की स्थिति के अनुसार पहचान की जाने लगी। इस प्रकार का निर्धारण मूल रूप से किस प्रकार खोज निकाला गया। उसका विवेचन हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं हैं, लेकिन इन निर्धारणों के सत्य को प्रमाणित किया जा सकता है और सरसरी तौर पर कोई भी व्यक्ति हाथ का स्वयं निरीक्षण करके इसे स्वीकार कर लेगा। 

इस क्षेत्र में यह प्रमाणित होता है कि मस्तिष्क रेखा पर बने कुछ चिह्न एक या किसी दूसरी मानसिक विशेषता को बताते हैं, या जीवन-ंउचयरेखा पर बने विशेष चिह्नों का सम्बन्ध जीवन की लघुता या दीर्घता से है, तो यह स्वीकार करना तर्कहीन नहीं हो सकता कि इसी प्रकार के निरीक्षण से रोग, आरोग्य, पागलपन और मृत्यु आदि की भविष्यवाणी भी की जा सकती है। अगर और जोर देकर कहा जाए, तो यह भी सही-ंउचयसही बताया जा सकता है कि जीवन के किस पड़ाव पर पहुँचकर उसका विवाह होगा।  

मेरा इस सम्बन्ध में तर्क यह है कि निश्चय ही मनुष्य के पास स्वतन्त्र इच्छाशक्ति है, लेकिन कुछ सीमाओं तक है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार जीवन के अन्य क्षेत्रों की सीमाएं होती हैं-ंउचय जिस प्रकार मनुष्य की शक्ति की, उसके कद या ऊंचाई की, उसकी आयु की या इसी प्रकार अन्य बातों की। 

स्वतन्त्र इच्छा शक्ति किसी सिलिन्डर के दोलन की तरह है, जो दोलन निर्माण या जीवन के आरम्भिक शाश्वत यन्त्र को चलायमान रखता है।   

क्या हमारे जीवन को बनाने और नियन्त्रित करने वाले किसी अदृश्य, नियम, या किसी रहस्यमय कारण अथवा शक्ति में विश्वास करना कठिन है? यदि एक बार भी हमें ऐसा प्रतीत हो तो भी हमें उन अनेक बातों पर विचार करना चाहिए जिनका आधार उनसे कम ठोस है। 

लेकिन हम उन पर विश्वास करते आये हैं। यदि हम स्थिर विचार करें तो हमें स्वीकार करना पड़ेगा, कि अनेक धर्म, विचार, धारणाएँ और सिद्धान्त हैं जिनके प्रति न केवल जनसमूह के मन में आस्था है बल्कि बुद्धिजीवियों के ठोस विश्वास के भी केन्द्र रहे हैं।  इस प्रकार मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता भी है और दास भी है। 

वह केवल अपने अस्तित्व या अपनी विद्वता से ऐसे विधान सक्रियता में लाता है जिनकी प्रतिक्रिया उस पर होती है और उसके माध्यम से दूसरों पर होती है। जो वर्तमान है वह अतीत का परिणाम है और जो भविष्य में होने वाला है उसका कारण भी वर्तमान है।  

विगत जीवन के कर्म ही वर्तमान को प्रभावित करते हैं, और वर्तमान के कर्म भविष्य पर अपना प्रभाव डालते हैं। मानव जीवन का यही क्रम है, जो सृष्टि के आरम्भ से चला आ रहा है और जब तक सृष्टि है यह क्रम इसी प्रकार चलता रहेगा। हम जिस मत का अनुपालन और अनुमोदन कर रहे हैं, वह समाज के सभी वर्गोंे के लिए उपयुक्त होगा। 

अपनी निःस्वार्थ भावनाओं द्वारा लोगो ंको ऊंचा उठायेगा और उनके दृष्टिकोण को उदार तथा विस्तृत बनायेगा। हठधर्मिता के स्थान पर उन्हें सत्य की सच्चाई दिखाई देगी।  


दूसरी ओर प्रारम्भ या भाग्यवाद पर सच्ची आस्था रखने वाला व्यक्ति अपने हाथों को रोककर प्रतीक्षा नहीं करेगा। वह उनसे काम लेगा। सन्तोष और तत्परता से अपने काम में जुट जाएगा यही विश्वास लेकर कर्मपथ पर अग्रसर होगा।   

उपर्युक्त बातों से आपको ज्ञात हो गया होगा की हस्तरेखा विज्ञान तथा निगू-सजय़ विज्ञान किस प्रकार स्वयं को जीवित रख पाने में समर्थ रहा है हमने देखा है कि कठोर नियमों वाला भौतिक विज्ञान ऐसे तथ्य प्रस्तुत करता है जो हस्तरेखा विज्ञान के पक्ष में जाते हैं। 

यह विषय जनसाधारण की भलाई का ही साधन है। क्योंकि इसके सिद्धान्त मानव जाति को अपनी जिम्मेदारियों को सम-हजयने में समर्थ बनाते हैं, इनके द्वारा हमें भविष्य के सम्बन्ध में चेतावनी मिलती है। इस विज्ञान में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि यह स्वयं को पहचानने में सहायक सिद्ध होता है। 

इसकी सच्चाई और यथार्थता के कारण हमें इसे प्रोत्साहन देना चाहिए और अधिक समृद्ध करना चाहिए। इसे सीखना और दूसरों को सिखाना चाहिए उसे और उपयोगी बनाने के लिए उसका समर्थन करना चाहिए।


सौजन्य  - सरल हस्तरेखा पुस्तक 

Hastrekha Vigyan Aur Fate Line