स्वास्थ्य-रेखा हस्तरेखा विज्ञान

स्वास्थ्य-रेखा

हस्तरेखा विज्ञान से स्वास्थ्य-रेखा की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गयी है।

स्वास्थ्य-रेखा Health Line
सर्वप्रथम ये बताना आवश्यक है की ये लेख हस्तरेखा पर लिखी पुस्तक "प्रैक्टिकल पामिस्ट्री" से लिया गया है।

मानब के जीवन में स्वास्थ्य का महत्व सबसे अधिक माना है। व्यक्ति के पास यश, मान, पद, प्रतिष्ठा, तथा ऐश्वर्य हो परन्तु यदि उसके पास स्वास्थ्य की कमी हो तो उसका यह सारा वैभव एक प्रकार से व्यर्थ है। इसलिये शास्त्रों में स्वास्थ्य को सबसे उत्तम धन माना है। हस्तरेखा विशेषज्ञ को चाहिए कि वह जीवन रेखा का अध्ययन करने के बाद सबसे पहले स्वास्थ्य रेखा को ही अपयन करे।

उत्तम स्वास्थ्य का उसके पूरे जीवन और उसके कार्य-कलापों पर प्रभाव पड़ता है। यदि स्वास्थ्य उत्तम होता है तो वह सब कुछ कार्य कर सकता है, प्रत्येक कार्य में मानसिक और शारीरिक शक्ति लगा सकता है। परन्तु यदि स्वास्थ्य उसका साथ नहीं दे तो उसका जीवन एक प्रकार से व्यर्थ सा हो जाता है।

हुमेली में स्वास्थ्य-रेखा का उद्गम किसी भी स्थान से हो सकता है परन्तु यह बात निश्चित है कि इसकी समाप्ति बुध पर्वत पर ही होती है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कोई एक रेखा प्रारंभ होकर बुध पर्वत की ओर आने का प्रयत्न करती है परन्तु बुध पर्वत तक नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में वह रेखा स्वास्थ्य रेखा नहीं कहला सकती। स्वास्थ्य रेखा वह तभी कला सकती है जबकि वह बुध पर्वत को स्पर्श करे या बुध पर्वत पर पहुंचे। कुछ रेखाएं बुध पर्वत को मात्र स्पर्श करके ही रह जाती हैं ऐसी रेखा को भी बुध रेखा या स्वास्थ्य रेखा मान लेना चाहिए।

यह रेखा हथेली के किसी भी भाग से प्रारंभ हो सकती है। मुख्य रूप से इसका प्रारंभ निम्न स्थानों से होता है। यदि आप भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट के लिखे लेख पढ़ना चाहते है तो उनके पामिस्ट्री ब्लॉग को गूगल पर सर्च करें "ब्लॉग इंडियन पाम रीडिंग" और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें ।

१. शुक्र पर्वत से।
२. जीवन रेखा के पास से ।
३. हृदय रेखा से।
४. चंद्र पर्वत से।
५. मणिबंध से ।
६. भाग्य रेखा से ।
७. मंगल पर्वत से।

जैसा कि मैं ऊपर पता चुका है कि स्वास्थ्य रेखा का प्रारंभ कही से भी हो सकता है परन्तु उस रेखा की समाप्ति बुध पर्वत पर ही होती है।

इस रेखा का भली भांति अध्ययन करना चाहिए । हथेली में यह रेखा जितनी अधिक स्पष्ट, निर्दोष व गहरी होती है संबंधित व्यक्ति का स्वास्थ्य इतना ही ज्यादा श्रेष्ठ एवं उन्नत होता है। उसका शरीर सुगठित और व्यक्तित्व, प्रभावशाली होता है। यदि हथेली में स्वास्थ्य रेखा टूटी हुई हो या कटी-फटी, छिन्न-भिन्न, लहरदार, या जंजीर के समान हो तो उस व्यक्ति का स्वास्थ्य अपने आप में कमजोर होगा। जीवन में उसे किसी भी प्रकार का कोई आनन्द नहीं रह पायेगा । व्यक्ति की हथेली में स्वास्थ्य रेखा का स्पष्ट होना बहुत अधिक जरूरी है।

कुछ हथेलियों में स्वास्थ्य रेखा का अभाव भी देखने को मिलता है। इस सम्बन्ध में मेरा यह अनुभव है कि स्वास्थ्य रेखा का न होना भी अपने आप में एक शुभ संकेत है। जिन व्यक्तियों के हाथों में स्वास्थ्य रेखा नहीं होती। वे स्वस्थ अाकर्षक और आनन्ददायक जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी भी प्रकार के रोग से दूर रहते हैं तथा अपने पुरुषार्थ के बल पर सब कुछ करने के लिए तैयार रहते हैं।

जिस हथेली में यह रेखा चौड़ी होती है उसका स्वास्थ्य जीवन भर कमजोर रहता है। यदि यह रेखा कड़ी के समान जुड़ी हुई हो तो उसे जीवन भर पैट को बीमारी रहती है । यदि लहर के समान यह रेखा ऊपर की ओर बढ़ रही हो तो उसे जिगर की बीमारी अवश्य ही होती है। इस रेखा का पीलापन इस बात को स्पष्ट करता है कि ऐसा व्यक्ति पीलिया या रक्त से संबंधित बीमारी से पीड़ित रहेगा। स्वास्थ्य रेखा पर जितने अधिक बिन्दु होते हैं उसका स्वास्थ्य उतना ही ज्यादा खराब रहता है। यदि किसी की हथेली में स्वास्थ्य रेखा कई जगह से कटी हुई हो तो वह व्यक्ति जीवन भर बीमार बना रहता है।

आगे के पृष्ठों में मैं स्वास्थ्य रेखा से संबंधित कुछ विशेष तम्य स्पष्ट कर रहा हैं।

१. यदि स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा से मिली हुई न हो तो ऐसा व्यक्ति दीर्घायु होता है।

२. स्वास्थ्य रेखा जितनी अधिक लम्बी, स्वस्थ और पुष्ट होती है उस व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही अधिक श्रेष्ठ कहा जाता है।

३. यदि स्वास्थ्य रेखा का प्रारंभ लाल हो तो उसे जीवन में हार्ट की बीमारी होती है।

४. यदि यह देखा मध्य में साल हो तो उसका स्वास्थ्य जीवन मर कमजोर बना रहता है ।

५. यदि यह रेखा अन्तिम स्थल पर लाल रंग की हो तो उसे सिर दर्द की मारी बनी रहती है।


६. यदि यह रेखा कई रंगों की हो तो उसे जीवन में पक्षाघात का सामना करना पड़ता है।

७, दि यह रेखा पीले रंग की हो तो उसे गुप्त रोग होते हैं।

८. यदि स्वास्थ्य रेखा चन्द्र पर्वत से होती हुई हथेली के किनारे किनारे पलकर बुध पर्वत तक पहुंचती हो तो वह जीवन में कई बार विदेश यात्राएं करता है।

६. यदि यह रेखा पलली तथा स्पष्ट हो एवं मस्तिष्क रेखा भी पुष्ट हो तो उस व्यक्ति की स्मरण-शक्ति अत्यन्त तीव्र होती है ।

१०. यदि इस रेखा पर तथा मस्तिष्क रेखा पर धब्बे हों तो व्यक्ति जीवन भर बीमार बना रहता है ।

११. यदि हथेली में स्वास्थ्य रेखा सुर्ख रंग की हो तो ऐसा व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भोगी तथा कामी होता है ।

१२. यदि मस्तिष्क रेखा कमजोर हो या स्वास्थ्य रेखा लहरदार हो तो उसे पेट की बीमारी बनी रहती है।

१३. यदि बुध पर्वत पर यह रेखा आकर कट जाती हो तो ऐसे व्यक्ति को पित्त दोष होता है।

१४. यदि यह रेखा लाल रंग की होकर हृदय रेखा से बढ़ती हो तो उसका हृदय अत्यन्त कमजोर समझना चाहिए।

१५. यदि कोई स्वास्थ्य रेखा हृदय रेखा पर क्रास का चिह्न बनाती हो तो उसे मन्दाग्नि रोग रहता है।

१६. यदि स्वास्थ्य रेखा से कई सहायक रेखाएं निकलकर ऊपर की पोर बढ़ रही हों तो ऐसे व्यक्ति का स्वास्थ्य अत्यन्त श्रेष्ठ माना जाता है।

१७, यदि स्वास्थ्य रेखा लम्बी तथा लहरदार हो पर भाग्य रेखा कमजोर हो तो उसे जीवन में दांतों की बीमारी होती है।

१८. यदि स्वास्थ्य रेखा कमजोर हो एवं हृदय रेखा भी कमजोर हो तो ऑक्त दुर्बल मनोवृत्ति का होता है।

१६. यदि स्वास्थ्य रेखा के अन्तिम स्थल पर चतुर्भुज हो तो व्यक्ति देने के रोग से पीड़ित होता है।

२०, यदि उंगलियां कोषदार हों तथा स्वास्थ्य रेखा कमजोर हो तो व्यक्ति -सकवे के रोग से पीड़ित रहता है।

३१. यदि स्वास्थ्य रेखा से कई छोटी-छोटी शाखाएं नीचे की ओर जा रही हों तो उसका स्वास्थ्य जीवन भर कमजोर बना रहता है।

२२. यदि स्वास्थ्य रेखा से कोई प्रशाखा सूर्य पर्वत की ओर जा रही हो तो उस व्यक्ति के पास अतुलनीय धन होता है।

२३. यदि स्वास्थ्य रेखा की कोई प्रशाखा शनि पर्वत की मोर जा ही हो तो वह व्यक्ति स्वास्थ्य से गंभीर मननशील तथा दीर्घायु होता है।

२४. यदि स्वास्थ्य रेखा में चन्द्र रेखा आकर मिल रही हो तो वह व्यक्ति सफल कवि होता है तथा कई बार विदेश यात्राएं करता है।

२५. यदि स्वास्थ्य रेखा से कोई प्रशाखा अञ्च वृत्त सा बनाती हुई मंगल पर्वत की ओर जा रही हो तो वह व्यक्ति सफल भबिष्यवक्ता होता है।

२६. यदि मनुष्य की हथेली में स्वास्थ्य रेखा चलकर हृदय रेखा को काट रही हो तो उस व्यक्ति को मिर्गी का रोग होता है ।

२७. यदि लहरदार स्वास्थ्य रेखा भाग्य रेखा को स्पर्श कर लेती है तो उस इयक्ति का माग्य जीवन भर कमजोर बना रहता है।

२८. यदि ऐसी रेखा मस्तिष्क रेखा को छूती हो तो उस व्यक्ति का दिमाग अत्यन्त कमजोर रहता है।

२६. यदि लहरदार स्वास्थ्य रेखा सूर्य पर्वत को स्पर्श करती हो तो यह जीवन में कई बार बदनाम उठाता है।

३०. यदि स्वास्थ्य रेखा लहरदार हो तथा बुध पर्वत को पार करती हो तो उसे व्यापार में जबरदस्त हानि सहन करनी पड़ती है।

३१. यदि उंगलियां नोकीली हों और हथेली में स्वास्थ्य रेखा का अभाव हो तो वह व्यक्ति क्रियाशील होता है ।

३२. यदि बुध पर्वत अत्यन्त विक्षिप्त हो और स्वास्थ्य रेखा का अभाव हो तो वह व्यक्ति खुश मिजाज होता है ।

३३. यदि लहरदार बुध रेखा मुडकर शुक्र पर्वत की और जा रही हो तो उसे प्रेम के क्षेत्र में जबरदस्त धक्का लगता है।

३४. यदि स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप का चिह्न हो तो उसे रक्त संबंधी बीमारियां होती हैं तथा उसके फेफड़े कमजोर होते हैं।

३५. यदि स्वास्थ्य रेखा के आस-पास कई छोटी छोटी रेखाएं हों तो इस व्यक्ति का स्वास्थ्य हमेशा कमजोर रहता है।

३६. यदि स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा से बहकर मस्तिष्क रेखा तथा हृदय रेखा को स्पर्श करती हुई आगे बढ़ती है तो उसे जीवन में कमजोरी हती है।

३७. यदि जीवन रेखा के साथ यह रेखा जुडी हुई हो परन्तु इस रेसी पर नीले घचे हों तो उसे हृदय रोग की शिकायत बनी रहती है।

३८. यदि मस्तिष्क रेखा के अन्त में तथा स्वास्थ्य रेषा के अन्त में कॉस हो तो वह व्यक्ति सफल होता है।

३१. यदि स्वास्थ्य रेखा कहीं पर चमकदार तथा कहीं पर फीकी हो अथवा इकों में बंटी हो तो उसका स्वास्थ्य जीवन भर कमजोर रहता है।

४०. वि स्वास्थ्य रेखा कमजोर और अत्यन्त पतली हो तो उसके चेहरे पर सुस्ती बनी रहती है।

४१. यदि स्वास्थ्य रेखा और सूर्य रेखा का परस्पर सम्बन्ध बन गया हो तो उस व्यक्ति का मस्तिष्क अत्यन्त उर्बर होता है।

४२. दि इस रेखा के अन्त में झाँस हो तथा मस्तिष्क रेखा पर भी क्रॉस का चिह्न हो तो व्यक्ति जीवन में अन्धा होता है।

४३. यदि स्वास्थ्य रेखा के मार्य में कहीं पर तिरछी रेखा कटती हो तो गायु के उस भाग में जबरदस्त एक्सीडेन्ट (दुर्घटना) होता है।

४४. यदि रेखा पर तारे का चिह्न हो तो उसे जीवन में परिवार का सहयोग नहीं मिलता है।

४५. यदि स्वास्थ्य रेखा के आस-पास क्रॉस का चिह्न हो तो उसके जीवन में कई बार दुर्घटनाएं घटित होती है।

४६. यदि राहु क्षेत्र पर गुजरते समय स्वास्म्य रेखा पर दीप का चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति टी ० ची ० के रोग से पीड़ित रहता है।

४७. यदि मस्तिष्क रेखा पर दीप का चिह्न हो और उस द्वीप के ऊपर से होकर स्वास्थ्य रेखा गुजर रही हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य जीवन में अत्यन्त कमजोर रहेगा।

४८ पदि भाग्य रेखा कटी हुई हो तथा स्वास्थ्य रेखा पर दीप का चिह्न हो तो व्यक्ति माथिक दृष्टि से पीड़ित रहता है।

४६. यदि स्वास्थ्य रेखा हथेली के अन्दर बंसी हुई सी हो तो उसे गुप्त रोग रहते हैं।

५०. स्वास्थ्य रेखा पर क्रॉस स्वास्थ्य की हानि की और ही संकेत करते हैं।

५१. यदि स्वास्थ्य रेखा पर नक्षत्र हों तो व्यक्ति को पारिवारिक सुख नहीं मिलता।

५२. यदि बुध रेखा तथा प्रणय रेखा आपस में मिली हुई हों तो उस व्यक्ति को पली का स्वास्थ्य जीवन भर कमजोर रहता है।

५३. यदि दोनों हाथों में स्वास्थ्य रेखा स्पष्ट हो तो वह व्यक्ति कामुक गौर भोगी होता है।

५४. यदि स्वास्थ्य रेखा दुहरी हो तो व्यक्ति श्रेष्ठ भाग्य का स्वामी होता है।

५५. यदि हरी घास्थ्य रेखा सूर्य पर्वत को भी स्पर्श करती हो तो वह मचि राजनीति में अत्यन्त बेष्ठ पत्र प्राप्त करता है।

५६. यदि स्वास्थ्य रेखा तथा हृदय रेखा का मिलन दुध पर्वत के नीचे हो तो उस व्यक्ति की मृत्यु हार्ट-अटैक से होती है।

५७, यदि स्वास्थ्य रेखा के साथ में कोई सहायक रेखा भी चल रही हो तो उस व्यक्ति का स्वास्थ्य अत्यन्त श्रेष्ठ समझना चाहिए ।

५८. यदि स्वास्थ्य रेखा ठीक हो परन्तु नाखूनों पर पीली धारियां हो तो उस व्यक्ति की असामयिक मृत्यु होती है।

५६. यदि स्वास्थ्य रेखा नीचे से पुष्ट परन्तु ऊपर चलते-चलते क्षीण होती जाती हो तो व्यक्ति की यौवनकाल में है। मृत्यु हो जाती है।

६. यदि स्वास्थ्य रैला मणिबन्ध से निकल रही हो पर टूटी हुई हो तो उस व्यक्ति की मृत्यु शीघ्र ही समझनी चाहिए।

६१. यदि स्वास्थ्य रेखा पर जाली का चिह्न हो तो व्यक्ति पूर्ण आयु नहीं भोगता ।

६२. यदि जीवन रेखा तथा स्वास्थ्य रेखा को आपस में संबंध हो जाय और ऊपर तारे का चिह्न हो तो व्यक्ति की मृत्यु यात्रा में होती है ।

६३. यदि जरूरत से ज्यादा लम्बे नाखून हों तो व्यक्ति को स्नायु संबंधी बीमारी होती है ।

६४. यदि नाखूनों का रंग नीला हो तो व्यक्ति पक्षाघात से पीड़ित रहता है। यदि नाखून छोटे-छोटे हों और स्वास्थ्य रेझा कटी हुई हो तो व्यक्ति को मिर्गी का रोग होता है।

६५. यदि जीवन रेखा कमजोर हो तथा बुध रेखा लहरदार हो तो उसे गठिया की बीमारी होती है।
६६, उत्तम स्वास्थ्य रेखा ही व्यक्ति के लिये सभी दृष्टियों से सुखदायक कहीं जाती है।

हस्तरेखा विशेषज्ञ को स्वास्थ्य रेखा का सावधानी के साथ अध्ययन करना पाहिए । इस रेखा से भविष्य में हम होने वाली बीमारियों तथा दुर्घटनाओं की जानकारी पहले से ही कर सकते हैं और इस प्रकार की चेतावनी देकर उसे सावधान कर सकते हैं।

वस्तुतः स्वास्थ्य रेखा का महत्व हथेली में अन्यतम है इसमें कोई दो राय नहीं।


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