वैवाहिक जीवन और सम्भोग हस्तरेखा शास्त्र | Marriage & Sex

वैवाहिक जीवन और सम्भोग हस्तरेखा शास्त्र

वैवाहिक जीवन और सम्भोग हस्तरेखा शास्त्र 

यदि औरत या पुरुष के हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उभरा हुआ है तो व्यक्ति के अंदर कामवासना अधिक होती है।  यदि शुक्रमखेला भी साथ में मौजूद है तो व्यक्ति सेक्स में ज्यादा रुचि लेता है और घर के बाहर भी सम्बन्ध बना लेता है। 

यदि जीवन रेखा और मस्तक रेखा आपस में बहुत दूर तक जुडी हुई है और जालीदार है तो ऐसा इंसान अधिक हस्तमैथुन करता है और सेक्स के बारे में अधिक सोचता है।

यदि शुक्र पर्वत बैठा हुआ है या संकरा है तो व्यक्ति को सेक्स में कम रुचि या सेक्स में कमज़ोरी या नामर्दी रहती है। 

यदि शुक्र पर्वत पर तिल है तो सम्बन्ध तो अधिक बनते है लेकिन गुप्त रोग का भी भय बना रहता है। 

यदि हाथ में वासना रेखा है तो व्यक्ति भोगविलासी होता है। 

यदि मणिबंध ऊपर उठा हुआ है तो व्यक्ति संतानोपत्ति में दिक्कत आती है। 

जीवन रेखा यदि चंद्र पर्वत पर चली जाय तो ऐसा व्यक्ति विदेश भर्मण या फिर परस्त्री या परपुरुष से सम्बन्ध रखता है। 

यदि हाथ में दोहरी भाग्य रेखा , विवाह रेखा या मंगल रेखा है तो भी व्यक्ति के शारीरिक सम्बन्ध एक से ज्यादा औरत या पुरुष से बन जाते है।

यदि  शुक्र पर्वत पर क्रॉस या शनि पर्वत पर क्रॉस है तो संतानोपत्ति में समस्या होती है। 

अगर मस्तक रेखा और बुध रेखा के मिलान बिंदु पर सितारा है तो औरत बाँझ होती है। 

यदि विवाह रेखा दोषयुक्त है तो लाइफ पार्टनर का सम्बन्ध दूसरे पुरुष या स्त्री के साथ होता है या वह गुप्त रोग से ग्रस्त रहता है।