दो मुखी जीवन रेखा | दोहरी जीवन रेखा | हाथ की जीवन रेखा | Forked Life Line | Hast Rekha Gyan

 

दो मुखी जीवन रेखा | दोहरी जीवन रेखा | हाथ की जीवन रेखा | Forked Life Line | Hast Rekha Gyan

दो मुखी जीवन रेखा | दोहरी जीवन रेखा | हाथ की जीवन रेखा

यदि हाथ में आरम्भ में जीवन रेखा पर फोर्क बना हुआ है तो व्यक्ति साधारण परिवार से होता है और बचपन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

जीवन रेखा के आरम्भ में फोर्क होने पर व्यक्ति का अपने पिता से मतभेद ही रहता है। 

जीवन रेखा के आरम्भ में फोर्क यदि नीचे की तरफ हो तो व्यक्ति का स्वाभाव चिड़चिड़ा होता है और यदि यही फोर्क ऊपर की तरफ हो स्वास्थ्य खराब रहता है (पेट और कफ बलगम की शिकयत रहती है)।

यदि जीवन रेखा पर फोर्क आखिर में है तो व्यक्ति को जीवन के अंतिम समय में लम्बी बीमारी का सामना करना पड़ता है।  ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें ।

यदि जीवन रेखा के अंत में फोर्क छोटा है तो व्यक्ति मधुमेह लिवर इत्यादि की बीमारी और पैतृक बीमारी होने की सम्भावना होती है परंतु यदि फोर्क बड़ा है तो व्यक्ति विदेश भ्रमण करता और और कमाने के लिए घर से दूर जाता है। 

दोहरी जीवन रेखा व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है  यदि मुख्य जीवन रेखा टूटी है लेकिन दूसरी जीवन रेखा निर्दोष है तो व्यक्ति अपने ऊपर आने वाली मुसीबत से बच जाता है। 

नितिन कुमार पामिस्ट