किस बीमारी में आपका धन व्यय होगा | हस्तरेखा ज्ञान

 

किस बीमारी में आपका धन व्यय होगा | हस्तरेखा ज्ञान

किस बीमारी में आपका धन व्यय होगा | रोगों में धन व्यय

हाथ की रेखा और हाथ में बनने वाले योग से आप अपनी बीमारी का पता कर सकते है और साथ ही ये पता कर सकते है की किस किस बीमारी में आपका धन व्यय होगा । 

शीर्ष रोग :- शीर्ष रेखा लाल रंग की हो एवं उस पर तारा हो तो व्यक्ति के शीर्ष पर चोट एवं शीर्ष रेखा लहरदार, छोटी, श्रंखलाकार, सीढ़ीदार व चौड़ी हो उस पर काला धब्बा हो कोई आड़ी रेखा उसे काटे या यह स्वास्थ्य रेखा की ओर झुकी या जुड़ी हुई हो या सूर्य तक जाए, शनि पर्वत पर स्थित यव से शीर्ष तक कोई रेखा हो, स्वास्थ्य रेखा का अंतिम भाग रक्तवर्णिय हो, स्वास्थ्य रेखा लहरदार हो, शनिरेखा कटी हुई हो, शीर्ष रेखा के आरंभ से शाखा शनि पर्वत की ओर जाये तो वह व्यक्ति शीर्ष रोग के कारण धन व्यय करेगा।

मनोरोग :- शीर्ष रेखा दूषित हो व चंद्र क्षेत्र तक लंबी हो, चंद्र पर क्रॉस या जाल हो, गुरु पर तारा या कोई अन्य रेखा इसे काटे, शुक्र वलय हो, गुरु पर्वत तारा हो व इसकी शाखा तर्जनी अंगुली में हो, जीवनरेखा पर धब्बा हो, तीनो रेखाएँ (जीवन, शीर्ष एवं हृदय रेखा के पास) खराब हो, भाग्य रेखा पर तारा हो, नख छोटे हो, मूल में चपटे व चंद्ररहित हो तो वह व्यक्ति मनोरोग के कारण धन व्यय करेगा।

हृदय रोग :- हृदय रेखाएँ उलझी हुई हो, हृदय रेखा शनि पर्वत पर टूटी हुई हो, जंजीर वाली पीली या उस पर दाग या द्वीप हो, मंगल रेखा से शनि पर्वत तक कोई रेखा जाये, मंगल पर तिल हो, स्वास्थ्य रेखा हृदय रेखा के पास खराब हो, भाग्य रेखा पर तारा हो, नख छोटे, मूल में चपटे व चंद्ररहित हो तो वह व्यक्ति हृदय रोग के कारण धन व्यय करेगा। 

श्वास (दमा) :- बृहत चतुष्कोण पर क्रॉस हो, नोकदार नर्म हाथ हो, जीवन रेखा पर द्वीप हो, स्वास्थ्य रेखा शीर्ष रेखा से चले, बुध क्षेत्र पर लहरदार रेखा हो, शुक्र से मंगल प्रथम तक कोई रेखा हो, हृदय रेखा पर शनि पर्वत के नीचे क्रॉस हो, हृदय रेखा गोल हो, छोटे नख हो, शनि पर्वत पर जाल या तिल हो, मंगल द्वितीय के किनारे से सशाख रेखा हो तो वह व्यक्ति श्वास (दमा) के कारण धन व्यय करेगा।

पीलिया :- सकरे बृहतचतुष्कोण पर क्रॉस हो, हृदय रेखा पर या शनि पर्वत पर क्रॉस हो तो वह व्यक्ति प्लीहा के कारण धन व्यय करेगा। 

मिर्गी ( अपस्मार) (हिस्टरिया ) :- हृदय रेखा पर क्रॉस या कोई दोष हो, स्वास्थ्य रेखा कई रंगो की हो, अंगुलियाँ टेढी, नुकीली, चपटी हो, ग्रह दबे हुए हो, हाथ में छोटी रेखा हो, करतल नर्म हो व चंद्र दूषित हो, शीर्ष रेखा जंजीरदार हो तो वह व्यक्ति मिर्गी के कारण धन व्यय करेगा।

त्वचा रोग :- जीवन रेखा पर तारा एवं बिंदु (मिश्रित) या जंजीर हो, हृदय रेखा श्रृंखलादार हो, स्वास्थ्य रेखा श्रेणीवाली हो, छोटे नख हो, शीर्ष रेखा जीवन रेखा से अलग तथा अंत में द्विशाख हो व त्वचा कोमल हो, शुक्र से मंगल तक रेखा हो तो त्वचा रोग के कारण धन व्यय करेगा।

कंपन :- शीर्ष रेखा पर तिल हो, जीवन रेखा के आरंभ में तारा हो तो वह व्यक्ति कंपन के कारण धन व्यय करेगा।

बचपन में नेत्र रोग :- शीर्ष रेखा शनि पर्वत से निकले, बारीक रेखाओं से जीवन रेखा जुड़ी हुई हो अनामिका के तीसरे पर्व पर तारा हो, पर्वत पर तिल हो तो बचपन में नेत्र रोग के कारण धन व्यय करेगा।

डिप्थीरिया (बच्चों का गले का रोग ) :- शनि पर्वत पर वर्ग या क्रॉस हो, जीवन रेखा एवं शीर्ष रेखा कटी हो, मंगल लाल हो तो वह व्यक्ति डिप्थीरिया के कारण धन व्यय करेगा।

कुष्ठ रोग :- मंगल द्वितीय तथा बुध की रेखाएँ मिल के मणिबंध तक जाए, चंद्र हर्षल का संबंध हो, परस्पर कटते हुए दो त्रिकोण हो तो वह व्यक्ति कुष्ठ रोग के कारण धन व्यय करेगा।

चक्कर आना :- त्वचा लाल हो, उन्नत गुरु पर्वत पर जाल, चंद्र पर जाल या तारा हो, स्वास्थ्यरेखा व हृदयरेखा के पास में लाल रंग की तथा अशुभ चिह्न से दूषित हो, हृदयरेखा गहरी हो तो वह व्यक्ति चक्कर आने संबंधित रोग के कारण धन व्यय करेगा।

गूंगा बहरा :- जीवन रेखा के शुरू में द्वीप हो, इसे कोई अन्य रेखा काटें, शीर्ष रेखा के अंत में द्वीप हो, भाग्य रेखा नहीं हो, बुध उन्नत हो तो वह व्यक्ति गूंगा बहरा संबंधित रोग के कारण धन व्यय करेगा। 

स्मृतिनाश:- शीर्ष रेखा कई बार टूटे व अंत में द्वीप हो तो वह व्यक्ति स्मृतिनाश के कारण धन व्यय करेगा।

शीतला (चेचक ) :- रवि, शनि पर्वत एवं मंगल से रेखाएँ निकलकर गुरु पर्वत में मिले तो वह शीतला (चेचक) के कारण धन व्यय करेगा।

दाँत रोग :- हृदय रेखा भाग्य रेखा एवं स्वास्थ्य रेखा लहरदार हो, चंद्र के नीचे आड़ी रेखा हो, उन्नत शनि पर्वत पर रेखा हो, द्वितीय पर्व लम्बे हो, शीर्ष रेखा पर दाग हो, बुध रेखा टूटी हो तो वह व्यक्ति दाँत रोग के कारण धन व्यय करेगा।

गले का रोग :- दबे चंद्र व उन्नत मंगल पर जाल हो तो वह व्यक्ति गले का रोग के कारण धन व्यय करेगा।

- गोल नाखून, जीवन रेखा में 20 वर्ष में तिल, मंगल के जाल से जीवन रेखा तक रेखा हो, स्वास्थ्य रेखा पर दो यव हो, गुरु पर्वत पर यव हो तो गले का रोग या कैंसर होने के करण धन व्यय होगा। शूगर :- बुध से चंद्र तक दानें हो तो शूगर के कारण धन व्यय करेगा।

घातक रोग :- जीवन रेखा टूटी हो व शुक्र तक हो तो वह व्यक्ति घातक रोग के कारण धन व्यय करेगा। 

गठिया :- चंद्र अति उन्नत हो उस पर खड़ी रेखा हो, जीवन रेखा के अंत में गुच्छा हो, शनि पर्वत पर हृदय रेखा को काटती हुई रेखाएँ हो, जीवन रेखा से चंद्र तक या चंद्र रेखा से जीवन रेखा तक कोई रेखा हो, मुलायम हाथ हो, बुध तथा सूर्य के मध्य में स्वास्थ्य रेखा दूषित हो तो वह व्यक्ति गठिया के कारण धन व्यय करेगा।

जुकाम :- चंद्र अति उन्नत हो तो जुकाम के कारण धन व्यय करेगा। 

स्नायु रोग :- जीवन रेखा पर तिल या शाखा हो तो वह व्यक्ति स्नायु रोग के कारण धन व्यय करेगा। 

अण्डकोशवृद्धि :- राहु पर तिल हो तो वह व्यक्ति अंडकोष वृद्धि के कारण धन व्यय करेगा।

निमोनिया :- जीवन रेखा पर बड़ा वर्ग हो, गुरु पर्वत पर द्वीप हो तो वह व्यक्ति निमोनिया के कारण धन व्यय करेगा।

गुर्दे या पित्त का पत्थर :- हृदय रेखा से चंद्र तक सूक्ष्म रेखाएँ ( धारियां दूषित हों तो विशेष ) हो तो वह व्यक्ति गुर्दे या पित्त का पत्थर के कारण धन व्यय करेगा।

रक्त विकार :- स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप हो, शीर्ष रेखा ऊपर को मुड़ी हुई हो, चंद्र उन्नत हो, नख पर लाल निशान हो, मंगल पर्वत पर जाल हो व उससे रेखा निकल कर जीवन रेखा को काटे तो वह व्यक्ति रक्त विकार के कारण धन व्यय करेगा।

ऐनिमिया - आधी लहरदार शीर्ष रेखा हो, मंगल पर क्रॉस हो, नाखूनों की लाली कम दिखे व नाखून नीलापन लिये हो, हृदय रेखा चौडी हो, चंद्र पर जाल हो, रेखा चौड़ी व पीले रंग की हो तो वह व्यक्ति एनीमिया (रक्ताल्पता) के कारण धन व्यय करेगा।

वाणी दोष :- जीवन रेखा एवं शीर्ष रेखा दूर तक मिली हुई हो ऐसे व्यक्ति की वाणी में कोई न कोई दोष अवश्य होता है। वह व्यक्ति वाणी दोष के कारण धन व्यय करेगा।

नेत्ररोग :- राहु व चंद्र रेखा में संबंध हो, रवि पर या मध्यमा अंगुली की संधि पर त्रिभुज हो, चंद्र रेखा पर दो त्रिभुज, हथेली के मध्य में लाल धब्बा हो, चंद्र बाहर की तरफ निकला हुआ लगे, बुध के नीचे हृदय रेखा पर यव हो, अनामिका अंगुली के प्रथम या तृतीय पर्व पर तारा हो, रवि रेखा दुर्बल, मंगल द्वितीय पर दाग हो, चंद्र रेखा का अभाव हो, रवि एवं चंद्र से रेखा मिल के गुच्छा बनाए, रवि के नीचे हृदय रेखा पर बिंदु हो, रवि रेखा पर्व द्वितीय तक जाए, अत्युन्नत रवि पर चंद्र, त्रिशूल, तिल या वर्ग का चिह्न हो, जीवन रेखा के आरंभ में द्वीप हो, शीर्ष रेखा टूटे तो वह व्यक्ति नेत्र रोग के कारण धन व्यय करेगा।

यक्ष्मा :- नाखूनों की लाली कम हो, चंद्र चपटा हो, शनि पर्वत से आगे शीर्ष रेखा विकृत, तर्जनी अंगुली का नख भीतर की ओर हो, स्वास्थ्य रेखा पर कई द्वीप हो, चंद्रस्थ वृत कोई अन्य रेखा काटे, हृदय रेखा गोल हो, कान पर भूरा धब्बा हो, जीवन रेखा अंत में गोपुच्छ, शीर्ष रेखा पर एवं स्वास्थ्य रेखा पर द्वीप हो, लंबे पतले-मुड़े नाखून हो तो वह व्यक्ति यक्ष्मा के कारण धन व्यय करेगा।

बहरा :- गुरु पर्वत दबा हुआ हो, शीर्ष रेखा पर गुरु पर्वत के नीचे बिंदु हो, जीवन रेखा एवं शीर्ष रेखा दूर तक मिली हुई हो, शीर्ष रेखा पर द्वीप ( रवि के नीचे ) या शीर्ष रेखा शनि पर्वत के नीचे टूटी हुई हो, शनि पर्वत व मध्यमा अंगुली के तीसरे पर्व पर खड़ी रेखाएँ हो, उन्नत शुक्र, शनि पर्वत पर जाल हो, चंद्र पर धब्बे या जाल हो, शनि पर्वत या शनि रेखा के यव से स्वास्थ्य रेखा कटे, मंगल द्वितीय से गुरु पर्वत तक रेखा हो तो वह व्यक्ति बहरापन के कारण धन व्यय करेगा।