चरण स्पर्श के नियम: जानिए किसके पैर छूने चाहिए और किसके पैर नहीं छूने चाहिए

चरण स्पर्श के नियम: जानिए किसके पैर छूने चाहिए और किसके पैर नहीं छूने चाहिए
 

जानिए! किसके पैर नहीं छूना चाहिए 

चरण स्पर्श के महत्वपूर्ण नियम: किसके पैर छूना मना है? जानिए! किसके चरण स्पर्श से बचना चाहिए: इसके पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ क्या है ?

भारतीय संस्कृति में चरण स्पर्श एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे सम्मान और आदर का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, कुछ विशिष्ट परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जब चरण स्पर्श करना उचित नहीं माना जाता। आइए जानें उन परिस्थितियों के बारे में जहां चरण स्पर्श से बचना चाहिए:

  1. ध्यान या पूजा करते हुए व्यक्ति: जब कोई व्यक्ति ध्यान या पूजा में लीन हो, तो उसके चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस दौरान उसकी मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा में विघ्न पड़ सकता है, और उसकी पूजा की साधना प्रभावित हो सकती है।

  2. मंदिर में मूर्ति के सामने: मंदिर में मूर्ति के सामने किसी के चरण स्पर्श की अनुमति नहीं होती। यह पूजा स्थल की पवित्रता और श्रद्धा के सम्मान के खिलाफ माना जाता है।

  3. सोने की अवस्था में: सोते समय किसी के चरण स्पर्श करना वर्जित माना गया है। सोने के समय व्यक्ति की आत्मा और शरीर विश्राम की अवस्था में होते हैं, और इस दौरान चरण स्पर्श करना अशुभ माना जाता है।

  4. श्मशान से लौटते हुए: श्मशान से लौटे व्यक्ति के चरण स्पर्श से बचना चाहिए। यह मान्यता है कि श्मशान से लौटने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से अशुद्धि फैल सकती है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

  5. कुकर्म करने वाले व्यक्ति: जिन लोगों ने कुकर्म किया हो, उनके चरण स्पर्श से बचना चाहिए। ऐसा करने से उनका दुष्प्रभाव उस व्यक्ति पर भी पड़ सकता है जो उनके चरण छूता है, जिससे मानसिक और आत्मिक अशांति हो सकती है।

  6. अपनी पत्नी: भारतीय संस्कृति में अपनी पत्नी के चरण स्पर्श करने से बचना चाहिए। यह परंपरा पति-पत्नी के रिश्ते की विशेषता और पारंपरिक मान्यताओं को दर्शाती है, जहां पति-पत्नी के बीच चरण स्पर्श की परंपरा नहीं होती।

इन परंपराओं और नियमों का पालन करने से न केवल धार्मिक श्रद्धा बनी रहती है, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी शांति और संतुलन बनाए रखा जा सकता है।