धनाड्य व दरिद्र योग | Hastrekha | Indian Palmistry


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hastrekha
Fig-1

धनाड्य व दरिद्र योग

गरीब (gareeb) का गरीबी में दुखी जीवन और अमीर (ameer) का अमीरी में सुखी जीवन व्यतीत होता है। हम सब हमेशा ऐसा ही सोचते है की भगवान् ने किसी को गरीब और किसी को अमीर क्यों बनाया ? वास्तिवकता में इस सवाल का जवाब मिल पाना असंभव सा है , हालांकि चलन में यही है की व्यक्ति अपने पूर्व के जन्म में किये कर्मो का फल इस जीवन में भोगता है। ज्योतिष हस्तरेखा में भी ये ही पाया जाता है व्यक्ति को अचानक धनलाभ होता है और किसी व्यक्ति को अचानक धननाश होता है और ये पिछले जन्म के कर्मो की बदौलत ही व्यक्ति के साथ होता है।

कौन से चिन्ह और योग होते है जिन से व्यक्ति अचानक अमीर या गरीब बन जाता है ?

यदि हाथ में अच्छी भाग्यरेखा व साथ ही अच्छी सुर्य रेखा भी हो तो व्यक्ति निसंदेह अपने जीवन में सुख-सिमृधि का आनंद लेता है व इसके विपरित्त यदि हाथ में भाग्यरेखा व सुर्य रेखा का आभाव हो तो व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

धनाड्य व्यक्ति के हाथ में भाग्य रेखा का उदय चन्द्र/केतु पर्वत से होता है और वह शनि पर्वत पर निर्दोष समाप्त होती है।  भाग्य रेखा दोषमुक्त होनी चाहिये ना की कटी-फटी होनी चाहिए अर्थात उसको कोई भी अवरोध रेखा नहीं काटती हो।  भाग्य रेखा के साथ ही अच्छी निर्दोष सूर्य रेखा भी होनी चाहिए।  यदि हाथ में ऐसी भाग्य रेखा और सूर्य रेखा है तो निसंदेह व्यक्ति विलासिता का जीवन व्यतीत करने वाला होगा।  (fig-1)

Fig 2


जो व्यक्ति जन्मकाल से अमीर होता है उसके अंगुष्ठ के प्रथम व दिव्तीय पर्व के मध्य आँख (द्वीप) बनी हुई होती है।  (fig-2)

hastrekha mein ameer aur gareeb
Fig-3

दरिद्र व्यक्ति के हाथ (Daridra Yog In Hindi) में भाग्य रेखा व सूर्य रेखा का प्राय: अभाव ही होता है।  दरिद्र व्यक्ति के हाथ में रेखाओ का जाल बना होता है।  जिस व्यक्ति के हाथ में रेखाओ का जाल बना हुआ होता है उस व्यक्ति को जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।  भाग्य रेखा व सूर्य रेखा प्रभावहीन हो जाती है।  रेखाओ के मकडजाल बन जाने के कारण जीवन में पग-पग पर बाधाये आती रहती है।  (Fig 3)

अर्थात, भाग्य रेखा व सूर्य रेखा जितनी निर्दोष व स्पष्ट होगी व्यक्ति को उतनी सफलता मिलेगी और भाग्यरेखा व सूर्य रेखा जितनी दोषयुक्त होगी व्यक्ति को उतनी ही कठिनाइया उठानी पड़ेगी।

-नितिन कुमार

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