विभिन्न प्रकार के चिह्न
हथेली पर मछली का चिन्ह ,यव का चिन्ह, गुरु पर्वत पर चतुर्भुज, हाथ में त्रिभुज, , सूर्य पर्वत , हथेली पर त्रिभुज, बुध पर्वत, चंद्र पर्वत |
हाथ में केवल अशुभ लक्षण देखकर किसी निर्णय पर पहुँच जाना अनुचित है।
मानव हाथ में गौण एवं मुख्य रेखाओं के साथ-ंसाथ अनेक प्रकार के चिह्न भी पाये जाते हैं जिनमें मुख्यतः विन्दु, क्रास, वर्ग, जाल, तारे (स्टार) त्रिभुज, वृत्त, द्वीप, मत्स्य, पेड़, धनुष, कमल, सर्प आदि हैं।
विन्दु-ंविन्दु प्रायः अस्थायी रोग परिचायक है, एक चमकीला और लाल विन्दु यदि:-ं मस्तिष्क रेखा पर होगा तो किसी आघात या गिरने के कारण घायल अथवा चोट का निशान होगा। भूरा अथवा नीला विन्दु स्नायु रोग का चिह्न है।
- स्वास्थ्य रेखा पर चमकीला लाल विन्दु प्रायः बुखार होने की सूचना देता है।
- जीवन रेखा पर होने से बीमारी का द्योतक है, जो ज्वर प्रकृति का होगा।
- काला विन्दु धन-ंदौलत की प्राप्ति का संकेत देता है सफेद विन्दु उन्नति का सूचक है।
- मंगल रेखा पर काला विन्दु होने पर व्यक्ति कायर होता है।
- बुध क्षेत्र पर होने से व्यक्ति धोखेबाज अथवा ठग होता है।
- गुरु क्षेत्र पर होने से विवाह में अड़चनें और अपयश होता है।
- शुक्र क्षेत्र में काला विन्दु होने से व्यक्ति कामपिपासु होता है, पर गुप्तांगों में बीमारी होने से अपनी काम पिपासा को शान्त नहीं कर पाता। ऐसे लोग पत्नी या प्रेमिका द्वारा तिरस्कार किये जाते हैं।
- शनि क्षेत्र में होने से प्यार के मामले में बदनामी तथा पति पत्नी में रंजिस।
- रवि क्षेत्र में काला विन्दु होने से प्रतिष्ठा प्रभावित होती है।
- राहु क्षेत्र में होेेेने से युवावस्था में धन की कमी, केतु क्षेत्र में बचपन से बीमार होता है।
- चन्द्र क्षेत्र में होने से विवाह में देरी एवं प्रेम में निराशा।
- भाग्य रेखा पर होने से भाग्योदय में बाधा।
- जीवन रेखा पर होने से लम्बी बीमारी।
- विवाह रेखा पर होने से सिर में भारी चोट और हृदय दुर्बल होता है।