राशि अनुसार उपयोगी टोने टोटके
मेष
· किसी से कोई वस्तु मुफ्त में न लें।
· गज-दंत से निर्मित वस्तु जातक के लिए हानिकारक है।
· लाल रंग का रुमाल हमेशा प्रयोग करें।
· घर में सोने की जगह मृगचर्म का प्रयोग करें।
· दिन ढलने के पश्चात् गेहूं व गुड़ बच्चों में बांटें।
· बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें।
· साधु-संतों, मां व गुरु की सेवा करें।
· काले, काने एवं अपाहिज व्यक्तियों से दूर रहें।
· मीठी वस्तुओं का व्यापार न करें।
· आंगन में नीम का वृक्ष लगाएं।
· सदाचार का सदा पालन करें।
· रात्रि में सिरहाने एक गिलास पानी भरकर रखें।
· सुबह उस जल को किसी गमले में डाल दें।
· पुत्र-रत्न के जन्म दिन पर नमकीन वस्तु विशेष रूप से बांटें।
· वैदिक नियमों का पालन करें।
· बहन, बेटी व बुआ को उपहार में मिठाई दें।
· विधवाओं की सहायता करें और आशीर्वाद लें।
· मीठी रोटी गाय को खिलाएं।
वृष
· परस्त्री का संग न करें।
· अति काम-वासना का परित्याग करें।
· मूंग की दाल दान करें।
· शनिवार को सरसों, अलसी या तिल का तेल दान करें। गौ-दान करें।
· अर्द्धांगिनी प्रतिदिन कुछ न कुछ दान करे।
· शुक्रवार का उपवास रखें।
· दूध, दही, घी व कपूर धर्म स्थानों पर चढ़ाएं।
· मुक्तक या वज्रमणि धारण करें।
· वस्त्रों में इत्रादि का प्रयोग करें।
· सलीकेदार कपड़े धारण करें।
· नया जूता-चप्पल जनवरी-फरवरी माह में न खरीदें।
· चांदी का छल्ला/प्लेटिनम धारण करें।
· चावल-चांदी हमेशा पास रखें।
· चांदी का टुकड़ा नीम के पेड़ के नीचे दबाएं।
· झूठी गवाही न दें।
· प्रतिदिन एक नेक काम करें।
· किसी से धोखाधड़ी न करें।
· घर में मनी प्लांट लगाएं।
मिथुन
· तामसिक भोजन का परित्याग करें।
· मछलियों को कैदमुक्त करें।
· फिटकरी से दांत साफ करें।
· पशु-पक्षी न पालें।
· अक्षत और दुग्ध धर्मस्थान में चढ़ाएं।
· माता का पूजन करें। 12 वर्ष से छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें।
· मूंग भिगोकर कबूतरों को दें। दमे की दवा मुफ्त अस्पताल में दें।
· तोता, भेड़ या बकरी न पालें।
· सूर्य संबंधी उपचार करें।
· गुरु से संबंधित उपचार हर कार्य में सफल होंगे।
· घर में मनी प्लांट न लगाएं।
· हरे रंगों का इस्तेमाल न करें।
· बेल्ट का प्रयोग न करें।
· बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें।
· मिट्टी के बर्तन में दूध भरकर निर्जन स्थान में गाड़ें।
· हरे रंग की बोतल में गंगा जल भरकर सुनसान जगह में दबाएं।
कर्क
· नदी पार करते समय उसमें तांबे का सिक्का प्रवाहित करें।
· माता से चांदी-चावल लेकर पास रखें।
· पलंग में तांबे का टुकड़ा लगाएं।
· 24 वर्ष तक नौकरानी या गाय रखें।
· 24 वर्ष से पहले गृह-निर्माण करें।
· चांदी के बर्तन में दूध-पानी पीएं।
· घर की नींव में चांदी की ईंट लगवाएं।
· चावल, चांदी व दूध, बेटी या संतान को दें।
· गेहूं, गुड़ और तांबा दान करें।
· दुर्गा पाठ करें।
· कन्यादान में सामान दें।
· सफेद वस्तुओं से निर्मित चीजों का व्यापार न करें।
· माता की सलाह का पालन करें।
· धार्मिक कृत्यों को हमेशा कार्यरूप दें।
· तीर्थ स्थानों की यात्रा करने से किसी को न रोकें।
· अपना रहस्य किसी को कभी न बताएं।
· घर में खरगोश न पालें।
· सार्वजनिक तौर से पानी पिलाएं।
· सदाचार का पालन करें।
· 27 वर्ष से पूर्व विवाह न करें।
· पितरों के नाम का खाना चिड़ियों को खिलाएं।
· सूर्य से संबंधित चीजें धर्म स्थान में दें।
· धर्म स्थानों में नंगे पांव जाएं।
· यदि आप डॉक्टर हों तो रोगियों को मुफ्त दवा दें।
सिंह
· घर के अंतिम हिस्से के बायीं ओर का कमरा अंधेरा रखें।
· घर में हैडपंप का प्रयोग करें।
· चावल, चांदी व दूध का दान दें।
· मुफ्त की कोई चीज न लें।
· अखरोट व नारियल-तेल धर्म स्थान में दें।
· माता व दादी से कृपा प्राप्त करें।
· सूरदास को भोजन कराएं। मद्य-मांसादि का सेवन न करें।
· तांबे का सिक्का खाकी धागे में डालकर धारण करें।
· सदा सत्य बोलें।
· किसी का अहित न करें।
· अपने वायदे को निभायें।
· वैदिक एवं सदाचार के नियमों का पालन करें।
· साला, दामाद एवं भांजे की सेवा करें।
· लाल बंदरों को गुड़-गेहूं का भोजन कराएं।
· चांदी हमेशा साथ रखें।
कन्या
· बेटी को मां जैसा प्यार व स्नेह दें।
· पन्ना धारण करें।
· पुत्री को चांदी की नथ पहनायें।
· छत पर वर्षा का जल रखें।
· नवीन वस्त्र धारण करने से पहले उसे नदी के जल से धोयें।
· हरे रंग का रुमाल पास रखें।
· घर में हरे रंगों का प्रयोग न करें।
· घर में तुलसी या मनी प्लांट के पौधे न लगाएं।
· मद्यपान का निषेध करें।
· शनि से संबंधित उपचार करें।
· चौड़े पत्ते वाले पेड़ घर में न लगाएं।
· ढक्कन सहित घड़ा नदी में प्रवाहित करें।
· भूरे रंग का कुत्ता न पालें।
· दुर्गा सप्तमी का पाठ करें।
· छोटी कन्याओं से आशीर्वाद लें।
· किये गये वायदे को याद रखें और उनका पालन करें।
· अपशब्द न बोलें और नही क्रोध करें। बुधवार का उपवास रखें।
· हरी वस्तुएं नदी के जल में प्रवाहित करें।
तुला
· अपने हिस्से का भोजन पशु-पक्षियों और गाय को खिलाएं।
· सास-ससुर से चांदी लेकर रखें।
· गौ-मूत्र का पान करें।
· पत्नी हमेशा टीका लगाए रखे।
· परम पिता पर पूर्ण आस्था रखें।
· चौपाये जानवर का व्यवसाय करें।
· मक्खन, आलू और दही दान करें।
· पत्नी से पुनः पाणिग्रहण करें।
· घर में संगीत, बाद्य व नृत्य का परित्याग करें।
· वैदिक नियमों का पालन करें।
· गौ-ग्रास रोज दें।
· माता-पिता की आज्ञा से ही विवाह करें।
· पति-पत्नी गुप्त स्थानों (गुप्तांग) को दूध से साफ करें।
· स्त्री का हमेशा सम्मान करें।
· परिवार की कोई भी स्त्री नंगे पांव न चले।
· सफेद गौ को छोड़कर अन्य को ग्रास दें।
· दहेज में कांसे के बर्तन अवश्य लें।
· परमात्मा के नाम पर कोई दान स्वीकार न करें।
· धर्म स्थानों पर जाकर नतमस्तक हों।
· घर की बुनियाद में चांदी और शहद डालें।
· मद्यपान निषेध रखें।
· तवा, चिमटा, चकला और बेलन धर्म स्थान में दें।
· घर में पश्चिम दिशा की दीवार कच्ची रखें।
वृश्चिक
· तंदूर की मीठी रोटी बनाकर गरीबों को खिलाएं।
· पीपल व कीकर के वृक्ष न काटें।
· तंदूर की रोटी न खाएं।
· किसी से मुफ्त का माल न लें।
· भाभी की सेवा करें।
· बड़े भाई की अवहेलना न करें।
· लाल रुमाल का प्रयोग करें।
· मृग व हिरण पालें।
· दूध उबलकर जलने न पाये।
· अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शहद और सिंदूर रखकर घर में स्थापित करें।
· प्रातःकाल शहद का सेवन करें।
· मंगलवार को उपवास रखें।
· हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं।
· शहद, सिंदूर और मसूर की दाल नदी में प्रवाहित करें।
· बड़ों की सेवा करें।
· मृगचर्म पर रात्रि को शयन करें।
· शुद्ध चांदी के बर्तन में भोजन करें।
· घर में लाल रंग का प्रयोग अवश्य करें।
· गुड़, चीनी या खांड़ चीटिंयों को डालें।
· लाल गुलाव दरिया में प्रवाहित करें।
· धर्म स्थान में जाकर बूंदी या लड़डू का प्रसाद चढ़ाकर बांटें।
धनु
· पीतांबरधारी संतों से दूर रहें।
· आभूषण निःसंदेह धारण करें।
· धर्म स्थानों में घी, दही, आलू और कपूर दान दें।
· भिखारी को निराश न लौटने दें।
· गंगाजल का सेवन व उससे स्नान करें।
· तीर्थ यात्रा करें। तीर्थ यात्रा के लिए दूसरों की मदद करें।
· सदा सत्य बोलें और धार्मिकता का पालन करें।
· कार्य शुरु करने से पहले नाक साफ करें।
· 43 दिन बहते पानी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें।
· पीला रुमाल हमेशा साथ रखें।
· पिता के पलंग व कपड़ों का प्रयोग करें।
· झूठी गवाही न दें।
· पीपल की सेवा करें।
· किसी को न ठगें।
· गुरु, साधु तथा पीपल का पूजन करें।
· बृहस्पतिवार को व्रत रखें।
· हरिवंश पुराण का पाठ करें।
· चांदी के बर्तन में हल्दी लगाकर रखें।
· पीले फूल वाले पौधे लगाएं।
· गरुड़ पुराण का पाठ करें।
· ब्राह्मण, साधु एवं कुलगुरु की सेवा करें।
मकर
· बंदरों की सेवा करें।
· गीली मिट्टी से तिलक करें।
· दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष में डालें।
· परायी स्त्री पर नजर न डालें।
· असत्य भाषण न करें।
· स्लेटी रंग की भैंस पालें।
· सर्प को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें या स्वयं दूध पिलाएं।
· मद्यपान का निषेध रखें।
· घर के किसी हिस्से को अंधेरा न रखें।
· पूर्व दिशा वाले मकान में निवास करें।
· केतु संबंधी उपाय कर सकते हैं।
· कुएं में दूध डालें।
· भैंसों, कौओं और मजदूरों को भोजन दें।
· नदी में शराब प्रवाहित करें।
· काला, नीला व फिरोजी कपड़ा न धारण करें।
· हमेशा अपने पास स्वर्ण या केसर रखें।
· अखरोट धर्म स्थान में चढ़ाएं और थोड़ा-बहुत घर में लाकर रखें।
· 48 वर्ष से पहले घर न बनवाएं।
· चमड़े या लोहे की बनी नयी वस्तु न खरीदें।
· मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर निर्जन स्थान में दबाएं।
· बांसुरी में चीनी भरकर सुनसान जगह में गाड़ें।
कुंभ
· अपने पास चांदी का टुकड़ा रखें।
· सांपों को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें।
· मुखय द्वार पर थोड़ा-बहुत अंधेरा रखें।
· छत पर ईंधन आदि न रखें।
· बृहस्पति से संबंधित उपाय करें।
· 48 वर्ष से पहले अपना मकान न बनवाएं।
· मांस का भक्षण न करें।
· दक्षिण दिशा वाले मकान का परित्याग करें।
· मकान में चांदी की ईंट रखें।
· घर के अंतिम हिस्से की दीवार पर खिड़की न लगवाएं।
· असत्य भाषण न करें।
· शनिवार को व्रत रखें।
· भैरव मंदिर में शराब चढ़ायें, लेकिन खुद न पिएं।
· तेल और शराब का दान करें।
· सरसों का तेल रोटी में लगाकर गाय को खिलवाएं।
· जेब में छोटी-छोटी चांदी की गोलियां रखें।
· दूध से स्नान करें। गेहूं, गुड़ तथा कांसा मंदिर में दान करें।
· चांदी का चौकोर टुकड़ा गर्दन में बांधें।
· केसर या हल्दी का तिलक करें।
· सोना धारण करें।
मीन
· किसी से दान या मदद स्वीकार न करें।
· अपने भाग्य पर भरोसा करें।
· सड़क के सामने गड्ढा न रखें।
· केसर और हल्दी का तिलक करें।
· बुजुर्गों की सेवा करें व दुर्गा पाठ करें।
· किसी के सामने स्नान न करें।
· धर्म स्थान में जाकर पूजन करें।
· कुल पुरोहित का आशीर्वाद प्राप्त करें।
· पीपल के वृक्ष का पूजन करें।
· सिर पर शिखा रखें।
· संतों की सेवा करने के साथ-साथ धर्म स्थान की सफाई करें।
· बृहस्पति से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
· स्त्री की सलाह से व्यापार करें।
· मंदिर में वस्त्र दान करें।
· घर में तुलसी व देव प्रतिमा न रखें।
· दीवारों पर चित्र लगा सकते हैं।
· सोने को पीले वस्त्र में लपेटकर रखें
मेष
· किसी से कोई वस्तु मुफ्त में न लें।
· गज-दंत से निर्मित वस्तु जातक के लिए हानिकारक है।
· लाल रंग का रुमाल हमेशा प्रयोग करें।
· घर में सोने की जगह मृगचर्म का प्रयोग करें।
· दिन ढलने के पश्चात् गेहूं व गुड़ बच्चों में बांटें।
· बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें।
· साधु-संतों, मां व गुरु की सेवा करें।
· काले, काने एवं अपाहिज व्यक्तियों से दूर रहें।
· मीठी वस्तुओं का व्यापार न करें।
· आंगन में नीम का वृक्ष लगाएं।
· सदाचार का सदा पालन करें।
· रात्रि में सिरहाने एक गिलास पानी भरकर रखें।
· सुबह उस जल को किसी गमले में डाल दें।
· पुत्र-रत्न के जन्म दिन पर नमकीन वस्तु विशेष रूप से बांटें।
· वैदिक नियमों का पालन करें।
· बहन, बेटी व बुआ को उपहार में मिठाई दें।
· विधवाओं की सहायता करें और आशीर्वाद लें।
· मीठी रोटी गाय को खिलाएं।
वृष
· परस्त्री का संग न करें।
· अति काम-वासना का परित्याग करें।
· मूंग की दाल दान करें।
· शनिवार को सरसों, अलसी या तिल का तेल दान करें। गौ-दान करें।
· अर्द्धांगिनी प्रतिदिन कुछ न कुछ दान करे।
· शुक्रवार का उपवास रखें।
· दूध, दही, घी व कपूर धर्म स्थानों पर चढ़ाएं।
· मुक्तक या वज्रमणि धारण करें।
· वस्त्रों में इत्रादि का प्रयोग करें।
· सलीकेदार कपड़े धारण करें।
· नया जूता-चप्पल जनवरी-फरवरी माह में न खरीदें।
· चांदी का छल्ला/प्लेटिनम धारण करें।
· चावल-चांदी हमेशा पास रखें।
· चांदी का टुकड़ा नीम के पेड़ के नीचे दबाएं।
· झूठी गवाही न दें।
· प्रतिदिन एक नेक काम करें।
· किसी से धोखाधड़ी न करें।
· घर में मनी प्लांट लगाएं।
मिथुन
· तामसिक भोजन का परित्याग करें।
· मछलियों को कैदमुक्त करें।
· फिटकरी से दांत साफ करें।
· पशु-पक्षी न पालें।
· अक्षत और दुग्ध धर्मस्थान में चढ़ाएं।
· माता का पूजन करें। 12 वर्ष से छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें।
· मूंग भिगोकर कबूतरों को दें। दमे की दवा मुफ्त अस्पताल में दें।
· तोता, भेड़ या बकरी न पालें।
· सूर्य संबंधी उपचार करें।
· गुरु से संबंधित उपचार हर कार्य में सफल होंगे।
· घर में मनी प्लांट न लगाएं।
· हरे रंगों का इस्तेमाल न करें।
· बेल्ट का प्रयोग न करें।
· बायें हाथ में चांदी का छल्ला धारण करें।
· मिट्टी के बर्तन में दूध भरकर निर्जन स्थान में गाड़ें।
· हरे रंग की बोतल में गंगा जल भरकर सुनसान जगह में दबाएं।
कर्क
· नदी पार करते समय उसमें तांबे का सिक्का प्रवाहित करें।
· माता से चांदी-चावल लेकर पास रखें।
· पलंग में तांबे का टुकड़ा लगाएं।
· 24 वर्ष तक नौकरानी या गाय रखें।
· 24 वर्ष से पहले गृह-निर्माण करें।
· चांदी के बर्तन में दूध-पानी पीएं।
· घर की नींव में चांदी की ईंट लगवाएं।
· चावल, चांदी व दूध, बेटी या संतान को दें।
· गेहूं, गुड़ और तांबा दान करें।
· दुर्गा पाठ करें।
· कन्यादान में सामान दें।
· सफेद वस्तुओं से निर्मित चीजों का व्यापार न करें।
· माता की सलाह का पालन करें।
· धार्मिक कृत्यों को हमेशा कार्यरूप दें।
· तीर्थ स्थानों की यात्रा करने से किसी को न रोकें।
· अपना रहस्य किसी को कभी न बताएं।
· घर में खरगोश न पालें।
· सार्वजनिक तौर से पानी पिलाएं।
· सदाचार का पालन करें।
· 27 वर्ष से पूर्व विवाह न करें।
· पितरों के नाम का खाना चिड़ियों को खिलाएं।
· सूर्य से संबंधित चीजें धर्म स्थान में दें।
· धर्म स्थानों में नंगे पांव जाएं।
· यदि आप डॉक्टर हों तो रोगियों को मुफ्त दवा दें।
सिंह
· घर के अंतिम हिस्से के बायीं ओर का कमरा अंधेरा रखें।
· घर में हैडपंप का प्रयोग करें।
· चावल, चांदी व दूध का दान दें।
· मुफ्त की कोई चीज न लें।
· अखरोट व नारियल-तेल धर्म स्थान में दें।
· माता व दादी से कृपा प्राप्त करें।
· सूरदास को भोजन कराएं। मद्य-मांसादि का सेवन न करें।
· तांबे का सिक्का खाकी धागे में डालकर धारण करें।
· सदा सत्य बोलें।
· किसी का अहित न करें।
· अपने वायदे को निभायें।
· वैदिक एवं सदाचार के नियमों का पालन करें।
· साला, दामाद एवं भांजे की सेवा करें।
· लाल बंदरों को गुड़-गेहूं का भोजन कराएं।
· चांदी हमेशा साथ रखें।
कन्या
· बेटी को मां जैसा प्यार व स्नेह दें।
· पन्ना धारण करें।
· पुत्री को चांदी की नथ पहनायें।
· छत पर वर्षा का जल रखें।
· नवीन वस्त्र धारण करने से पहले उसे नदी के जल से धोयें।
· हरे रंग का रुमाल पास रखें।
· घर में हरे रंगों का प्रयोग न करें।
· घर में तुलसी या मनी प्लांट के पौधे न लगाएं।
· मद्यपान का निषेध करें।
· शनि से संबंधित उपचार करें।
· चौड़े पत्ते वाले पेड़ घर में न लगाएं।
· ढक्कन सहित घड़ा नदी में प्रवाहित करें।
· भूरे रंग का कुत्ता न पालें।
· दुर्गा सप्तमी का पाठ करें।
· छोटी कन्याओं से आशीर्वाद लें।
· किये गये वायदे को याद रखें और उनका पालन करें।
· अपशब्द न बोलें और नही क्रोध करें। बुधवार का उपवास रखें।
· हरी वस्तुएं नदी के जल में प्रवाहित करें।
तुला
· अपने हिस्से का भोजन पशु-पक्षियों और गाय को खिलाएं।
· सास-ससुर से चांदी लेकर रखें।
· गौ-मूत्र का पान करें।
· पत्नी हमेशा टीका लगाए रखे।
· परम पिता पर पूर्ण आस्था रखें।
· चौपाये जानवर का व्यवसाय करें।
· मक्खन, आलू और दही दान करें।
· पत्नी से पुनः पाणिग्रहण करें।
· घर में संगीत, बाद्य व नृत्य का परित्याग करें।
· वैदिक नियमों का पालन करें।
· गौ-ग्रास रोज दें।
· माता-पिता की आज्ञा से ही विवाह करें।
· पति-पत्नी गुप्त स्थानों (गुप्तांग) को दूध से साफ करें।
· स्त्री का हमेशा सम्मान करें।
· परिवार की कोई भी स्त्री नंगे पांव न चले।
· सफेद गौ को छोड़कर अन्य को ग्रास दें।
· दहेज में कांसे के बर्तन अवश्य लें।
· परमात्मा के नाम पर कोई दान स्वीकार न करें।
· धर्म स्थानों पर जाकर नतमस्तक हों।
· घर की बुनियाद में चांदी और शहद डालें।
· मद्यपान निषेध रखें।
· तवा, चिमटा, चकला और बेलन धर्म स्थान में दें।
· घर में पश्चिम दिशा की दीवार कच्ची रखें।
वृश्चिक
· तंदूर की मीठी रोटी बनाकर गरीबों को खिलाएं।
· पीपल व कीकर के वृक्ष न काटें।
· तंदूर की रोटी न खाएं।
· किसी से मुफ्त का माल न लें।
· भाभी की सेवा करें।
· बड़े भाई की अवहेलना न करें।
· लाल रुमाल का प्रयोग करें।
· मृग व हिरण पालें।
· दूध उबलकर जलने न पाये।
· अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शहद और सिंदूर रखकर घर में स्थापित करें।
· प्रातःकाल शहद का सेवन करें।
· मंगलवार को उपवास रखें।
· हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं।
· शहद, सिंदूर और मसूर की दाल नदी में प्रवाहित करें।
· बड़ों की सेवा करें।
· मृगचर्म पर रात्रि को शयन करें।
· शुद्ध चांदी के बर्तन में भोजन करें।
· घर में लाल रंग का प्रयोग अवश्य करें।
· गुड़, चीनी या खांड़ चीटिंयों को डालें।
· लाल गुलाव दरिया में प्रवाहित करें।
· धर्म स्थान में जाकर बूंदी या लड़डू का प्रसाद चढ़ाकर बांटें।
धनु
· पीतांबरधारी संतों से दूर रहें।
· आभूषण निःसंदेह धारण करें।
· धर्म स्थानों में घी, दही, आलू और कपूर दान दें।
· भिखारी को निराश न लौटने दें।
· गंगाजल का सेवन व उससे स्नान करें।
· तीर्थ यात्रा करें। तीर्थ यात्रा के लिए दूसरों की मदद करें।
· सदा सत्य बोलें और धार्मिकता का पालन करें।
· कार्य शुरु करने से पहले नाक साफ करें।
· 43 दिन बहते पानी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें।
· पीला रुमाल हमेशा साथ रखें।
· पिता के पलंग व कपड़ों का प्रयोग करें।
· झूठी गवाही न दें।
· पीपल की सेवा करें।
· किसी को न ठगें।
· गुरु, साधु तथा पीपल का पूजन करें।
· बृहस्पतिवार को व्रत रखें।
· हरिवंश पुराण का पाठ करें।
· चांदी के बर्तन में हल्दी लगाकर रखें।
· पीले फूल वाले पौधे लगाएं।
· गरुड़ पुराण का पाठ करें।
· ब्राह्मण, साधु एवं कुलगुरु की सेवा करें।
मकर
· बंदरों की सेवा करें।
· गीली मिट्टी से तिलक करें।
· दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष में डालें।
· परायी स्त्री पर नजर न डालें।
· असत्य भाषण न करें।
· स्लेटी रंग की भैंस पालें।
· सर्प को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें या स्वयं दूध पिलाएं।
· मद्यपान का निषेध रखें।
· घर के किसी हिस्से को अंधेरा न रखें।
· पूर्व दिशा वाले मकान में निवास करें।
· केतु संबंधी उपाय कर सकते हैं।
· कुएं में दूध डालें।
· भैंसों, कौओं और मजदूरों को भोजन दें।
· नदी में शराब प्रवाहित करें।
· काला, नीला व फिरोजी कपड़ा न धारण करें।
· हमेशा अपने पास स्वर्ण या केसर रखें।
· अखरोट धर्म स्थान में चढ़ाएं और थोड़ा-बहुत घर में लाकर रखें।
· 48 वर्ष से पहले घर न बनवाएं।
· चमड़े या लोहे की बनी नयी वस्तु न खरीदें।
· मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर निर्जन स्थान में दबाएं।
· बांसुरी में चीनी भरकर सुनसान जगह में गाड़ें।
कुंभ
· अपने पास चांदी का टुकड़ा रखें।
· सांपों को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें।
· मुखय द्वार पर थोड़ा-बहुत अंधेरा रखें।
· छत पर ईंधन आदि न रखें।
· बृहस्पति से संबंधित उपाय करें।
· 48 वर्ष से पहले अपना मकान न बनवाएं।
· मांस का भक्षण न करें।
· दक्षिण दिशा वाले मकान का परित्याग करें।
· मकान में चांदी की ईंट रखें।
· घर के अंतिम हिस्से की दीवार पर खिड़की न लगवाएं।
· असत्य भाषण न करें।
· शनिवार को व्रत रखें।
· भैरव मंदिर में शराब चढ़ायें, लेकिन खुद न पिएं।
· तेल और शराब का दान करें।
· सरसों का तेल रोटी में लगाकर गाय को खिलवाएं।
· जेब में छोटी-छोटी चांदी की गोलियां रखें।
· दूध से स्नान करें। गेहूं, गुड़ तथा कांसा मंदिर में दान करें।
· चांदी का चौकोर टुकड़ा गर्दन में बांधें।
· केसर या हल्दी का तिलक करें।
· सोना धारण करें।
मीन
· किसी से दान या मदद स्वीकार न करें।
· अपने भाग्य पर भरोसा करें।
· सड़क के सामने गड्ढा न रखें।
· केसर और हल्दी का तिलक करें।
· बुजुर्गों की सेवा करें व दुर्गा पाठ करें।
· किसी के सामने स्नान न करें।
· धर्म स्थान में जाकर पूजन करें।
· कुल पुरोहित का आशीर्वाद प्राप्त करें।
· पीपल के वृक्ष का पूजन करें।
· सिर पर शिखा रखें।
· संतों की सेवा करने के साथ-साथ धर्म स्थान की सफाई करें।
· बृहस्पति से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
· स्त्री की सलाह से व्यापार करें।
· मंदिर में वस्त्र दान करें।
· घर में तुलसी व देव प्रतिमा न रखें।
· दीवारों पर चित्र लगा सकते हैं।
· सोने को पीले वस्त्र में लपेटकर रखें