भारतीय ज्योतिष फलित का आधार ग्रह, राशियां तथा भाव है। इसलिये ग्रहों, राशियों तथा भावों की संज्ञाओं का ज्ञान आवश्यक हो जाता है। भारतीय ज्योतिष में सात ग्रह तथा दो छाया ग्रहों को स्थान प्राप्त है। सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र तथा शनि सात ग्रह हैं तथा राहु केतु छाया ग्रह हैं।
ग्रहों के गुण धर्म
सूर्य–ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य पित प्रकृति, लम्बा, अल्प बाल, कूर ग्रह, ताबे जैसा रंग, राजसी, दार्शनिक, पूंजी उधार देनेवाला, दृढ़ इच्छा शक्ति, पद का प्रतीक है।
ईंधन, बिजली, चर्म ऊन सूखा अनाज, सोना, विष, औषधियाँ, चिकित्सक, राजा अधिकारी वर्ग तथा गेहू सूर्य के अधीन है। सूर्य बीजों का विकास करता है। सूर्य पिता का प्रतीक है। यह ब्रह्माण्ड की आत्मा, रागों से बचाने की शक्ति, शेर तथा भगवान शिव का भक्त है। कांटों वाले पेड़, स्वर्ण राजदूत, नेत्र का प्रतीक है। पुरुष ग्रह है।
सूर्य के द्वारा शासित स्थान है- खुले स्थान, पर्वत, वन प्रमुख शहर, पूजा के स्थान, न्यायालय, पूर्व दिशा, ऐसा स्थान जहां पानी न हो।
शरीर के जो भाग शासित हैं- सिर, पेट, हड्डियां, हृदय, नेत्र, मस्तिष्क।
सूर्य क द्वारा रोग- उच्चरक्त चाप, तीव्रज्वर, पेट तथा नेत्र संबंधी रोग, पितज बिमारियां तथा हृदय रोग देता है। जब सूर्य पीड़ित होता है तथा जलीय राशियों में स्थित होता है तो क्षय रोग, पेचिश रोग देता है। यह क्षत्रीय वर्ण, अग्नि तत्व, पुरुष लिंग तथा पूर्व दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है।
चन्द्रमा- इसका शरीर स्थूल है। धुंघराले बाल, गोरा रंग तथा सुंदर आंखों का प्रतीक है। चन्द्रमा मन, माता, भ्रमण की रूची, रस, अस्थिर मन का कारक ग्रह है। रक्त प्रवाह का प्रतीक है। जलीय तत्व, झील, समुद्र, नदियां, कपड़ा, है।
शरीर को अंग– रक्त, नसे, मोटापा, मस्तिष्क, मन, यूरेटर, वास्ती, छाती, अंडाशय तथा प्रजनन का कारक ग्रह है।
रोग- रतिज रोग (Sexual diseases) सांस की बिमारी, त्वचा की बिमारियां, अपच मन्दाग्नि आदि विमारियों का कारक ग्रह है। यह कफ तथा वायु का कारक ग्रह है। यह वैश्य, वर्ण, जलीय तत्व, स्त्रीलिंग तथा उत्तर-पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है।
मंगल- वलिष्ठ बाजु पतली कमर धुंघराले तथा चमकीले बाल, अग्निमय आंखें, क्रूर प्रकृति, अस्थिर बुद्धि का कारक ग्रह है। यह स्वतन्त्र प्रकृति, दुराग्रही, साहसी युवा ग्रह है। मंगल को अशुभ ग्रह कहते हैं। यह छोटे भाई, बुनाई को दर्शाता है। मंगल सेनाध्यक्ष है गर्म तथा अग्नि भय है, तर्क, रसोई, इंजन, अग्नि स्थलों का प्रतिनिधि है। रात्रि में काम कर वाले कर्मचारी, हत्या करने वाले, षडयन्त्र, शत्रु मजदूरों का नेता, का कारक ग्रह है।
पदार्थ- तांबा, धातु सोना, मूंगा, हथियार, भूमि, तम्बाकू, पर शासन करता है।
शरीर को अंग- रक्त, पेशी, पित्त, मस्तिष्क, सिर, नाक, कान आदि |
रोग- रक्त संबंधी रोग, उच्च या निम्न रक्तचाप, रक्तस्राव, दुर्घटनाएं, चोरियों, अग्नि से जलना, गर्भपात आदि। इसका क्षत्रिय वर्ण, पुरुष लिंग, अग्नि तत्व, दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है।
बुध - बुध यदि शुभ ग्रहों के साथ संबंधित हो तो शुभ, अशुभ ग्रहों के साथ संबंधित हो तो अशुभ होता है। इसका अपना कोई प्रभाव नहीं होता जिसके साथ होता है वैसा ही हो जाता है। बुध हास्य विनोद का प्रतिनिधि ग्रह है। बहुत बोलता है। उसके पास विविध विषयों पर बहुत सारी सूचनाएं होती हैं। यह राजकुमार है। यह मितव्ययी, हरे वर्ण का पतला, व्यापारिक प्रकृति वाला, जनता की बात बोलने वाला। यह कामर्स, स्कूल, खेल का मैदान, पार्क, जुआघर, बरबादी कर खुश होने वाला ग्रह है।
वस्तुए लेखन प्रतिभा व्यापारी का प्रतिनिधि है।
शरीर को अंग रोग उन्माद, एवं गूंगापन। यह वैश्य वर्ण, नपुंसक, सम तत्व तथा उत्तर दिशा का प्रतिनिधि है |
बृहस्पति - इसकी आंखे तथा बाल भूरे कद लम्बा होता है। पेट आगे निकला होता है। यह स्थूलकाय ऊँची और भारी आवाज का स्वामी होता है। वह पुरुष वत्। शुभ, पीला रंग, पुरुष ग्रह है। सच्चाई, दार्शनिक प्रत्येक प्रकार के विज्ञान में रुचि रखने वाला धार्मिक भावभक्ति वादी ग्रह है। विवेक का मूल ग्रह है। यह धर्म गुरु ग्रह है। मन्त्री, सलाहकार, बैंक बीमा कम्पनियां, आकाश, तत्व, धर्म गन्थ और पारे का प्रतिनिधि है। पुत्र का कारक है।
वस्तुएं- धन, बैंक, पीली वस्तुएं सोना, पुखराज, चने की दाल, धार्मिक ग्रन्थ का कारक ग्रह है।
शरीर को अंग विवेक, शक्ति, उदर, जिगर, जंघा का कारक है।
रोग रोग - वसा को द्वारा उत्पन्न रोग | यह ब्राह्मण वर्ण, पुरुष लिंग, अग्नि तत्व तथा उत्तर-पूर्व दिशा का प्रतिनिधि है। शुक्र चेहरा, नक्श का प्रतिनिधि है। शुक्राणुओं का कारक ग्रह है तथा रति का शौकिन है | प्रेम सम्बन्ध आकर्षण व्यक्तित्व का स्वामी है | जालीय तत्व, पत्नी, सिल्क, संगीत का कारक है।
वस्तुएं इत्र, सजावट की वस्तुएं, सिल्क संगीत वाद्य यंत्र, ऐश्वर्य के साधन वाहन का प्रतीक है। मीठी वस्तुएं शरीर के अंग- रति क्रिया के अंग लिंग, मूलाशय, बाल, शुक्र कीटाणु, सूघने की शक्ति कम, श्वेत प्रदर, वीर्य पात आदि। यह ब्राह्मण वर्ण, जलतत्व स्त्री लिंग तथा दक्षिण पूर्व का प्रतिनिधि है।
शानि जातक रूखे-सूखे बाल, लम्बे बड़े अंग, बड़े दांत तथा वृद्ध शरीर काला रंग का दिखता है। यह अशुभ ग्रह है। मन्द गति ग्रह है। नैतिक पतन का द्योतक है। वायु सम्बन्धि बिमारियों का प्रतिनिधि है। यह दुख, निराशा तथा जुए का प्रतीक है। गन्दे स्थान, अंधेरे स्थानों का कारक ग्रह है।
रोग- सारे, पुराने, लाइलाज रोग, दांत, सांस, क्षय, वातज, गुदा के रोग, व्रण, जख्म दर्द जोड़ों का यह शूद्र वर्ण, वायु तत्व, नपुंसक तथा पश्चिमी स्वामी है।
राहु यह छाया ग्रह है परन्तु प्राणियों पर इसका पूरा प्रभाव रहता है। यह अशुभ ग्रह है। स्त्रियोचित है। भ्रष्ट संक्रामक रोगों का प्रतीक है।
यह शनि की ही तरह अशुभ है। यह स्त्रीलिंग ग्रह है। यह विदेश यात्रा का प्रतीक है। यह भौतिक वादी ग्रह है। यह षडयन्त्र कारी है। त्वचा तथा रक्त रोगों पर इसका अधिपत्य है। गोमेद इसका रत्न है।
शरीर के अंग- होठ, त्वचा, रक्तरोग, कुष्ठ रोग, श्वेत रोग, चैचक हैजा
केतु यह मंगल के समान ग्रह है। अचानक होने वाली घटनाओं का कारक है। इसका रंग धुएँ के समान चितकबरा रंग है।
यह आंत्रिक जोड़ो, चैचक, हैजा तथा संक्रांमक रोगों का प्रतिनिधि ग्रह है। यह अशुभ ग्रह है पर धार्मिक प्रकृति का ग्रह है। साम्प्रदायिक कट्टर पन्थी, घमंडी स्वार्थी तथा तंत्र विद्या का प्रतिनिधि ग्रह है।
यह भी राहु की तरह दक्षिण पश्चिम दिशा का स्वामी है। लहसुनिया इसका रत्न है।
शरीर को अंग– रक्त, नसे, मोटापा, मस्तिष्क, मन, यूरेटर, वास्ती, छाती, अंडाशय तथा प्रजनन का कारक ग्रह है।
रोग- रतिज रोग (Sexual diseases) सांस की बिमारी, त्वचा की बिमारियां, अपच मन्दाग्नि आदि विमारियों का कारक ग्रह है। यह कफ तथा वायु का कारक ग्रह है। यह वैश्य, वर्ण, जलीय तत्व, स्त्रीलिंग तथा उत्तर-पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है।
मंगल- वलिष्ठ बाजु पतली कमर धुंघराले तथा चमकीले बाल, अग्निमय आंखें, क्रूर प्रकृति, अस्थिर बुद्धि का कारक ग्रह है। यह स्वतन्त्र प्रकृति, दुराग्रही, साहसी युवा ग्रह है। मंगल को अशुभ ग्रह कहते हैं। यह छोटे भाई, बुनाई को दर्शाता है। मंगल सेनाध्यक्ष है गर्म तथा अग्नि भय है, तर्क, रसोई, इंजन, अग्नि स्थलों का प्रतिनिधि है। रात्रि में काम कर वाले कर्मचारी, हत्या करने वाले, षडयन्त्र, शत्रु मजदूरों का नेता, का कारक ग्रह है।
पदार्थ- तांबा, धातु सोना, मूंगा, हथियार, भूमि, तम्बाकू, पर शासन करता है।
शरीर को अंग- रक्त, पेशी, पित्त, मस्तिष्क, सिर, नाक, कान आदि |
रोग- रक्त संबंधी रोग, उच्च या निम्न रक्तचाप, रक्तस्राव, दुर्घटनाएं, चोरियों, अग्नि से जलना, गर्भपात आदि। इसका क्षत्रिय वर्ण, पुरुष लिंग, अग्नि तत्व, दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि ग्रह है।
बुध - बुध यदि शुभ ग्रहों के साथ संबंधित हो तो शुभ, अशुभ ग्रहों के साथ संबंधित हो तो अशुभ होता है। इसका अपना कोई प्रभाव नहीं होता जिसके साथ होता है वैसा ही हो जाता है। बुध हास्य विनोद का प्रतिनिधि ग्रह है। बहुत बोलता है। उसके पास विविध विषयों पर बहुत सारी सूचनाएं होती हैं। यह राजकुमार है। यह मितव्ययी, हरे वर्ण का पतला, व्यापारिक प्रकृति वाला, जनता की बात बोलने वाला। यह कामर्स, स्कूल, खेल का मैदान, पार्क, जुआघर, बरबादी कर खुश होने वाला ग्रह है।
वस्तुए लेखन प्रतिभा व्यापारी का प्रतिनिधि है।
शरीर को अंग रोग उन्माद, एवं गूंगापन। यह वैश्य वर्ण, नपुंसक, सम तत्व तथा उत्तर दिशा का प्रतिनिधि है |
बृहस्पति - इसकी आंखे तथा बाल भूरे कद लम्बा होता है। पेट आगे निकला होता है। यह स्थूलकाय ऊँची और भारी आवाज का स्वामी होता है। वह पुरुष वत्। शुभ, पीला रंग, पुरुष ग्रह है। सच्चाई, दार्शनिक प्रत्येक प्रकार के विज्ञान में रुचि रखने वाला धार्मिक भावभक्ति वादी ग्रह है। विवेक का मूल ग्रह है। यह धर्म गुरु ग्रह है। मन्त्री, सलाहकार, बैंक बीमा कम्पनियां, आकाश, तत्व, धर्म गन्थ और पारे का प्रतिनिधि है। पुत्र का कारक है।
वस्तुएं- धन, बैंक, पीली वस्तुएं सोना, पुखराज, चने की दाल, धार्मिक ग्रन्थ का कारक ग्रह है।
शरीर को अंग विवेक, शक्ति, उदर, जिगर, जंघा का कारक है।
रोग रोग - वसा को द्वारा उत्पन्न रोग | यह ब्राह्मण वर्ण, पुरुष लिंग, अग्नि तत्व तथा उत्तर-पूर्व दिशा का प्रतिनिधि है। शुक्र चेहरा, नक्श का प्रतिनिधि है। शुक्राणुओं का कारक ग्रह है तथा रति का शौकिन है | प्रेम सम्बन्ध आकर्षण व्यक्तित्व का स्वामी है | जालीय तत्व, पत्नी, सिल्क, संगीत का कारक है।
वस्तुएं इत्र, सजावट की वस्तुएं, सिल्क संगीत वाद्य यंत्र, ऐश्वर्य के साधन वाहन का प्रतीक है। मीठी वस्तुएं शरीर के अंग- रति क्रिया के अंग लिंग, मूलाशय, बाल, शुक्र कीटाणु, सूघने की शक्ति कम, श्वेत प्रदर, वीर्य पात आदि। यह ब्राह्मण वर्ण, जलतत्व स्त्री लिंग तथा दक्षिण पूर्व का प्रतिनिधि है।
शानि जातक रूखे-सूखे बाल, लम्बे बड़े अंग, बड़े दांत तथा वृद्ध शरीर काला रंग का दिखता है। यह अशुभ ग्रह है। मन्द गति ग्रह है। नैतिक पतन का द्योतक है। वायु सम्बन्धि बिमारियों का प्रतिनिधि है। यह दुख, निराशा तथा जुए का प्रतीक है। गन्दे स्थान, अंधेरे स्थानों का कारक ग्रह है।
रोग- सारे, पुराने, लाइलाज रोग, दांत, सांस, क्षय, वातज, गुदा के रोग, व्रण, जख्म दर्द जोड़ों का यह शूद्र वर्ण, वायु तत्व, नपुंसक तथा पश्चिमी स्वामी है।
राहु यह छाया ग्रह है परन्तु प्राणियों पर इसका पूरा प्रभाव रहता है। यह अशुभ ग्रह है। स्त्रियोचित है। भ्रष्ट संक्रामक रोगों का प्रतीक है।
यह शनि की ही तरह अशुभ है। यह स्त्रीलिंग ग्रह है। यह विदेश यात्रा का प्रतीक है। यह भौतिक वादी ग्रह है। यह षडयन्त्र कारी है। त्वचा तथा रक्त रोगों पर इसका अधिपत्य है। गोमेद इसका रत्न है।
शरीर के अंग- होठ, त्वचा, रक्तरोग, कुष्ठ रोग, श्वेत रोग, चैचक हैजा
केतु यह मंगल के समान ग्रह है। अचानक होने वाली घटनाओं का कारक है। इसका रंग धुएँ के समान चितकबरा रंग है।
यह आंत्रिक जोड़ो, चैचक, हैजा तथा संक्रांमक रोगों का प्रतिनिधि ग्रह है। यह अशुभ ग्रह है पर धार्मिक प्रकृति का ग्रह है। साम्प्रदायिक कट्टर पन्थी, घमंडी स्वार्थी तथा तंत्र विद्या का प्रतिनिधि ग्रह है।
यह भी राहु की तरह दक्षिण पश्चिम दिशा का स्वामी है। लहसुनिया इसका रत्न है।