त्रिशूल हस्तरेखा
भारतीय समाज और हिन्दू धर्म में त्रिशूल का एक विशेष स्थान है और ये हिन्दुओ की आस्था से जुड़ा हुआ है । त्रिशूल का नाम या तस्वीर सामने आते ही हम सब के दिमाग में अपने आप भगवान् शिवजी की मूर्ति आ जाती है क्योंकि त्रिशूल भगवान् शिवजी का शस्त्र माना जाता है ।
त्रिशूल को इंग्लिश में ट्रिडेंट कहते है यानि की ऐसा भाला जिसके तीन मुँह होते है ।
हस्तरेखा और समुद्रीक शास्त्र में त्रिशूल को अत्यंत फलदायक और शुभदायक और शुभ चिन्ह माना गया है ।
सूर्य पर्वत पर त्रिशूल या सूर्य रेखा पर त्रिशूल का महत्व
सूर्य रेखा व सूर्य पर्वत पर त्रिशूल होने पर व्यक्ति विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत करता है । ऐसे व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है और ऐसे व्यक्ति के पास हमेशा पैसा रहता है । अथार्थ ऐसे व्यक्ति का आय का स्रोत कभी समाप्त नहीं होता है जैसे यदि एक स्रोत किसी कारणवस बंद हो जाता है तो भगवान् दूसरा खोल देते है ।
अब यहाँ पर ये बात ध्यान रखने वाली है की त्रिशूल उल्टा है या सीधा है यानि त्रिशूल का मुख उंगलियो की तरफ है या हथेली की तरफ है । यदि त्रिशूल का मुख ऊपर की तरफ है तो व्यक्ति भाग्यशाली है और यदि त्रिशूल उल्टा है तो व्यक्ति को त्रिशूल का लाभ प्राप्त नहीं होता है बल्कि उसको जीवन और रोजगार अड़चनों का सामना करना पड़ता है ।
त्रिशूल की जो शाखा है वो एक जगह से शुरू होनी चाहिए (ज्यादातर एक जगह से ही शुरू होती है ) वो ही त्रिशूल लाभकारी होता है । नितिन कुमार पामिस्ट
यदि सूर्य रेखा पर त्रिशूल है परंतु सूर्य रेखा खंडित है या दोषयुतक है तो व्यक्ति को त्रिशूल का लाभ कम मिलता है मतलब त्रिशूल के लाभ में भी कमी आ जाती है ।
शनि पर्वत पर त्रिशूल या भाग्य रेखा पर त्रिशूल का महत्व
भाग्य रेखा व शनि पर्वत पर त्रिशूल होने पर व्यक्ति बड़ा व्यापारी या बड़ा अधिकारी होता है (साथ में अच्छी सूर्य रेखा भी हो ) व ऐसा व्यक्ति दानवीर और परोपकारी होता है । अपने धर्म और समाज और जनकल्याण के लिए कार्य करने वाला व्यक्ति होता है ।
चंद्र पर्वत से निकलने वाली भाग्य रेखा पर यदि त्रिशूल है तो व्यक्ति विदेश जाता है और ऐसे व्यक्ति को विदेश से लाभ मिलता है ।
भाग्य रेखा पर बने त्रिशूल की एक शाखा यदि गुरु पर्वत पर चली जाय तो व्यक्ति को अध्धयन और प्रशासनिक क्षेत्र में लाभ मिलता है और यदि एक शाखा सूर्य पर्वत पर चली जाय तो व्यक्ति को कला और संगीत के क्षेत्र में सफलता मिलती है । नितिन कुमार पामिस्ट
हृदय रेखा पर त्रिशूल का महत्व
हृदय रेखा पर बना त्रिशूल व्यक्ति को भावुक बना देता है । ऐसे व्यक्ति को धोखे अधिक मिलते है । ऐसे व्यक्ति को अपने किये हुए काम की प्रशंशा सुनने को कभी नहीं मिलती है । लोग ऐसे व्यक्ति से अपना काम निकाल कर अलग कर देते है जैसे "दूध में से मक्खी को निकाल देते है" ।
ऐसे व्यक्ति को पारिवारिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है । माता-पिता भाई-बहन से भी सुख नहीं मिलता है । भाई और बहन जमीन जायदाद हड़प लेते है । ऐसे व्यक्ति के साथ रिस्तेदार और परिवार वाले विश्वासघात करते है ।
ऐसे व्यक्ति को अपनी पैदाईश के अलावा बाहर अच्छा मान सम्मान मिलता है लेकिन जहा उसकी पैदाइश हुई होती है वहां उसको संघर्ष ही करना पड़ता है ।
गुरु पर्वत पर त्रिशूल का महत्व
गुरु पर्वत पर त्रिसूल व्यक्ति को प्रशानिक क्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता दिलाता है । यहाँ ये बात ध्यान रखें की त्रिशूल को किसी अवरोध या आदि रेखा ने काटा नहीं हो वरना त्रिशूल के प्रभाव में कमी आ जाती है ।
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त्रिशूल और भारतीय हस्तरेखा शास्त्र
नितिन कुमार पामिस्ट