भारतीय सामुद्रिक शास्त्र में हथेली के निशानो में रथ, पर्वत, झण्डा, हाथी, घोडा, कमल, तराजू वृक्ष, गज, शेर, धनुष, तलवार, गद्दा, हल, मंदिर, छत्र, छाता , मछली, मगरमच्छ शंख, ध्वज, पताका, बैल, मयूर, सर्प, मुकुट, कछुआ, तीर, जहाज, पेड़, देवयान, दर्पण, और सिंहासन आदी कि चर्चा मिलती है लेकिन ये आकृतिया जैसे हमको हकीकत में या चित्रो में नजर आती है वैसे हाथो में नहीं पायी जाती है |
जैसे मछली चिन्ह एक बड़ा द्वीप होता है जो जीवन रेखा के अंत में जीवन रेखा से निकली हुई शाखा से बना होता है जो घूमकर जीवन रेखा पर बड़ा द्वीप बनती है ना की जैसी हकीकत में मछली होती है वैसा चिन्ह होता है |
जैसे कमल हकीकत में दिखता है वैसा हाथ में नहीं पाया जाता है ! जब भी हार्ट लाइन पर गुरु पर्वत के नीचे त्रिकोण बना होता है तो वह कमल चिन्ह कहलाता है |
जैसे तस्वीर हम तलवार कि चित्रो में देखते है वैसी हाथो में नहीं पायी जाती है बल्कि जब कोई प्रभाव रेखा किसी मुख्या रेखा के बिलकुल समांतर सटी हुई कुछ देर चलती है तो उसको कुठारा रेखा या तलवार चिन्ह कहते है |
जैसे हम चित्रो में मंदिर देखते है वैसा हाथो में नहीं होता है हाथ में मंदिर चिन्ह तब बनता है जब वर्ग के ऊपर त्रिकोण बना हो |
जब कोई रेखा लहरदार होती है तो वह सर्प रेखा कहलाती है |
जब किसी मुख्या रेखा से काफी छोटी-छोटी रेखाए ऊपर कि और निकल रही हो या जा रही हो तो उस रेखा वृक्ष रेखा या पेड़ चिन्ह बोलते है |
भंवरा चिन्ह हाथो कि उंगलियो और अंगूठे के सिरे में जो चक्र पाया जाता है उसको बोलते है |
Jaise macchli chinha jeevan rekha ke ant mein ek bada dweep hota hai na ki jaise hakikat mein macchli dikhti hai waise aakriti hoti hai.
Jaise Kamal chinha hakikat mein dikhta hai waisa haath mein nahi dikhta hai. Heart line pr yadi guru parvat ke neche triagle bana hua hota hai to usko lotus sign kahte hai.
Jaise tasweer hum talwar ki chitro mein dekhte waise haath mein nahi hoti hai. Yadi kisi mukhya rekha ke saath koi prabhav rekha bilkul sameep samantar chalti jaay kuch door to usko kuthar rekha ya talwar chinha bolte hai.
Jaise Mandir chitro mein paya jata hai waisa haatho mein nahi hota hai jab square ke saath triangle mil jata hai ya square ke upar triangle ban jata hai to usko temple sign bolte hai.
Jab koi rekha lahardaar hoti hai to usko sarpa rekha bolte hai.
Jab kisi mukhya rekha (major line) se kaafi branches uppar ki aur jaati hai to usko vriksha rekha ya tree sign bolte hai.
Bhanwara chinha jo ki ungliyo aur anghoote ke tips pr jo whorl banta hai usko bolte hai.
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