विलासकिय रेखा या विलासिता रेखा | हस्तरेखा
यह रेखा शुक्र से निकल कर गोलाकार रूप में चंद्र पर जाती है चित्र देखें इसको कामवासना रेखा भी बुलाते है और वैसे तो यह बहुत कम हाथों में देखने को मिलती हैए परन्तु जहां होती हैए इसका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। हाथ उत्तम व अच्छे लक्षणों से युक्त होने पर विलासकीय रेखा भी दोष रहित हो तो व्यक्ति उत्तरोतर उन्नति करता है और विशेष धनी होता है। दोषपूर्ण हाथ या रेखाएं होने पर व्यक्ति अन्तिम आयु में धनी होते हैं। विलासकीय रेखा में दोष होने पर भी वृद्धावस्था में ही धनी होते हैं। किसी भी प्रकार की विलासकीय रेखा हाथ में होने पर व्यक्ति के गृहस्थ सुख व यौन इच्छा सदा अपूर्ण रहती है। ऐसे व्यक्ति कई विवाह करते हैं मगर किसी भी जीवन साथी से या तो सुख प्राप्त नहीं होता या उसकी मृत्यु हो जाती है। इनके प्रेम सम्बन्ध भी सफल नहीं होतेए अन्त में निराशा ही हाथ लगती है। यौन सम्बन्ध में ये जीवन भर विलासकीय रेखा होने पर यदि हृदय रेखा की एक से अधिक शाखाएं मस्तिष्क रेखा पर मिलती हों तो ऐसे व्यक्ति जीवन भर असन्तुष्ट व निराश रहते हैं। धन तो होता है फिर भी सन्तुष्टि नहीं होतीए शान्ति नहीं मिलती। इनका सम्पर्क अनेकों से रहता है फिर भी सन्तुष्टि नहीं होती और न ही इनके सम्बन्ध लम्बे समय तक चलते हैं। कई.कई विवाह करने पर भी इन्हें अन्त में बिना जीवन साथी के ही जीवन निर्वाह करना पड़ता हैं। जीवन साथी के कारण ये जीवन भर अभागे रहते हैं।
यह रेखा शुक्र से निकल कर गोलाकार रूप में चंद्र पर जाती है चित्र देखें इसको कामवासना रेखा भी बुलाते है और वैसे तो यह बहुत कम हाथों में देखने को मिलती हैए परन्तु जहां होती हैए इसका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। हाथ उत्तम व अच्छे लक्षणों से युक्त होने पर विलासकीय रेखा भी दोष रहित हो तो व्यक्ति उत्तरोतर उन्नति करता है और विशेष धनी होता है। दोषपूर्ण हाथ या रेखाएं होने पर व्यक्ति अन्तिम आयु में धनी होते हैं। विलासकीय रेखा में दोष होने पर भी वृद्धावस्था में ही धनी होते हैं। किसी भी प्रकार की विलासकीय रेखा हाथ में होने पर व्यक्ति के गृहस्थ सुख व यौन इच्छा सदा अपूर्ण रहती है। ऐसे व्यक्ति कई विवाह करते हैं मगर किसी भी जीवन साथी से या तो सुख प्राप्त नहीं होता या उसकी मृत्यु हो जाती है। इनके प्रेम सम्बन्ध भी सफल नहीं होतेए अन्त में निराशा ही हाथ लगती है। यौन सम्बन्ध में ये जीवन भर विलासकीय रेखा होने पर यदि हृदय रेखा की एक से अधिक शाखाएं मस्तिष्क रेखा पर मिलती हों तो ऐसे व्यक्ति जीवन भर असन्तुष्ट व निराश रहते हैं। धन तो होता है फिर भी सन्तुष्टि नहीं होतीए शान्ति नहीं मिलती। इनका सम्पर्क अनेकों से रहता है फिर भी सन्तुष्टि नहीं होती और न ही इनके सम्बन्ध लम्बे समय तक चलते हैं। कई.कई विवाह करने पर भी इन्हें अन्त में बिना जीवन साथी के ही जीवन निर्वाह करना पड़ता हैं। जीवन साथी के कारण ये जीवन भर अभागे रहते हैं।