(1) शनि पर्वत पर एक खडी रेखा हो तो जातक भाग्यशाली होता है। ऐसे जातक में सामने वाले को आकर्षित करने की क्षमता होती है।
(2) शनि पर्वत पर एक से अधिक खड़ी रेखाएं हों तो जातक में क्रियात्मक मस्तिष्क की अधिकता होती है।
(3) शनि पर्वत पर क्रास का चिह्न हो तो जातक का भाग्य साथ नहीं देता। ऐसे जातक के जीवन में दुर्घटना और बीमारी बनी ही रहती हैं।
(3) शनि पर्वत पर क्रास का चिह्न हो तो जातक का भाग्य साथ नहीं देता। ऐसे जातक के जीवन में दुर्घटना और बीमारी बनी ही रहती हैं।
(4) शनि पर्वत पर क्रास का चिह्न भाग्य रेखा को छुएं तो जातक की अकाल मृत्यु होगी।
(5) शनि पर्वत पर वर्ग का चिह्न हो तो यह चिह्न जातक की दुर्भाग्य अथवा मृत्यु से रक्षा करता है।
(6) शनि पर्वत पर स्टार तथा वर्ग दोनों ही का चिह्न हो तो जातक की दुर्भाग्य से रक्षा होगी। यह चिह्न जातक की प्राण रक्षा में भी सहायक होता है। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें ।
(8) शनि पर्वत पर यदि नक्षत्र (स्टार) का चिह्न हो तो जातक का जीवन रहस्यपूर्ण होता है। शनि पर्वत पर नक्षत्र का चिह्न दुर्भाग्य कारक होता है।
(9) शनि पर्वत पर वृत्त का चिह्न हो तो जातक को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। ऐसा जातक आध्यात्मिक प्रवृत्ति का स्वामी होता है।
(10) शनि पर्वत पर यदि त्रिशूल का चिह्न हो तो जातक धनी, राजनीतिज्ञ और परोपकारी प्रवृत्ति वाला होगा।
(11) शनि पर्वत पर द्वीप का चिह्न हो तो ऐसा जातक दुःखी जीवन यापन करने वाला होगा।
(12) शनि पर्वत पर जाल का चिह्न हो तो जातक के दुर्भाग्यकारक चिह्न होगा। यह जाल शनि पर्वत का प्रभाव घटा देगा।
(14) यदि दोनों हाथों में शनि पर्वत पर नक्षत्र का चिह्न बन रहा हो तो जातक को मृत्यु दण्ड मिलेगा।
शनि पर्वत पर चिन्ह | Shani Parvat Par Cross, Star, Trishul Aur Tribhujh Hona