दाम्पत्य सुख-शांति के लिए उपाय
1) यदि पति-पत्नी में परस्पर 'तू-तू, मैं-मैं' एवं वाक्युद्ध अक्सर होता रहता हो तो ऐसे जातक को बुधवार के दिन कुछ समय के लिए मौनव्रत करना चाहिए।
2) शुक्रवार के दिन सफेद मिष्ठान लाकर जीवन साथी को खिलाना चाहिए। इस दिन यदि इत्र की शीशी खरीदकर घर में रखें तो पति-पत्नी में सामंजस्य बढ़ता है।
3) प्रत्येक गुरुवार को पति-पत्नी राम-सीता के मन्दिर में जाकर भगवान के दर्शन करें और प्रसाद का भोग लगाकर मन्दिर में ही बांट दें तो उनके मध्य सामंजस्य व सहयोग की भावना बढ़ेगी।
4) जीवन साथी का स्वभाव उग्र हो तो ऐसे व्यक्ति को ससुराल से चांदी का आभूषण उपहार स्वरूप दिलवाना चाहिए तथा व्यक्ति हर समय धारण करके रखना चाहिए।
5) पति-पत्नी में विवाद हो तो दोनों को कांसे के बर्तन में लेकर जिस स्थान पर अखण्ड ज्योति जलता हो उसमें डालना चाहिये।
6) सफेद कपड़े में एक मुट्ठी गेहूं, गुड़, नमक और दो चांदी के सिक्के बांधकर शयनकक्ष में रखें।
7) रात को पति अपने सिरहाने सिन्दूर और पत्नी कपूर रखें। सुबह कपूर को जला लें तथा सिन्दूर पीपल के वृक्ष में डाल आएं।
8) जातक को चाहिए वह अपने जीवन साथी का नाम भोजपत्र पर लाल चंदन से लिखकर शहद की शीशी में डुबोकर एकांत में रख दे। आपसी प्रेम बना रहेगा।
9) सुखमय दाम्पत्य जीवन और पुत्र की चाह रखने वाले व्यक्ति को सफेद सरसों एवं मालती के फूलों को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
10) दाम्पत्य जीवन में सुख के लिए पति-पत्नी को गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।
11) डबल बेड के पलंग पर हमेशा एक ही बड़ा गद्दा लगाएं। दो अलग-अलग गद्दों का होना आपके पारिवारिक जीवन में झगड़े को बढ़ावा देता है और पति-पत्नी के मन में दरारें पैदा करता है।
12) मंगल दोष की वजह से तनाव है तो मंगलयंत्र की पूजा-अर्चना एवं मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ करने से लाभ होता है। मंगलवार को बहते पानी में रेवड़ियां डालें, गुड़ की मीठी रोटी सेककर कुत्तों को खिलाएं।
13) दाम्पत्य जीवन में तनाव का कारण पति-पत्नी का शंकालु स्वभाव हो तो शयनकक्ष में मोर पंख इस प्रकार से लगाएं कि कक्ष में प्रवेश करते समय तथा सोते समय मोर पंख दिखाई पड़े। इससे काफी हद तक मन की शंका समाप्त हो जाएगी।
14) शुक्रवार के दिन घर की प्रधान स्त्री को सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले दो-तीन मुट्ठी चावल पकाने चाहिए। चावल ठण्डे होने पर उनमें चीनी व घी मिलाकर रात की बनी रोटी पर रखकर घर से बाहर राह चलती गाय को खिला दें। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । गाय को प्रणाम करके घर लौट आएं। ऐसा कम से कम पांच शुकवार करने से आप स्वयं परिवर्तन महसूस करेंगे।
15) शनि की वजह से तनाव होने पर लकड़ी के सवा किलो कोयले पानी में बहाएं। उड़द, सरसों का तेल, लोहे का पात्र एवं काला वस्त्र शनिवार को डाकोत को दान करें। शिव सहस्रनाम का नियमित जाप करें।
16) पीतमणि गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र में गौ मूत्र से धोकर धारण करने से कटु से कटु दाम्पत्य जीवन में सुधार आकर गृहस्थ में ऋद्धि सिद्धि व बरकत बढ़ती है।
17) प्रत्येक सोमवार को अपनी पत्नी को कोई सफेद रंग की वस्तु का उपहार अवश्य दें। इस उपाय से वह आपके विरोध में नहीं आएगी और आपस में प्रेम की वृद्धि होगी।
18) यदि आपकी ससुराल में आपकी पत्नी से छोटी कोई बहन अथवा भाई है तो उनके विवाह में अवश्य ही कुछ आर्थिक मदद करें अथवा जितने कार्य कर सकते हों वह अवश्य करें। यह उपाय आपके जीवन भर काम आएगा। आपकी पत्नी फिर आप पर कभी शक नहीं करेगी।
19) यदि आपकी पत्नी आप पर बिना बात शक करती है तो प्रत्येक शुक्रवार को गाय को हरी घास खिलाएं।
20) यदि आपको अपने कार्य के कारण घर आने में विलंब होता है और इस कारण से आपकी पत्नी आप पर शक करती है तो आप एक विशेष बात का ध्यान रखें। जब भी आपको घर आने में विलंब हो जाए तो घर आते समय कोई सफेद रंग की मिठाई अवश्य ले आएं। इससे आपकी पत्नी का क्रोध तुरन्त समाप्त हो जाएगा।
21) आपकी पत्नी यदि आप पर किसी अन्य स्त्री से सम्बन्ध होने का शक करती है तो प्रथम गुरुवार को अपने ससुराल में ससुर को पीले वस्त्र उपहार में दें। अगले दिन शुक्रवार को अपनी पत्नी को वस्त्रों के साथ सहाग सामग्री उपहार में दे तथा पत्नी के द्वारा यही सब अपनी के लिए भेजें।
22) यदि आपकी पत्नी के हाथ से व्यर्थ के खर्च अधिक होते है आप यह उपाय करें। शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार को अपनी पत्नी साथ किसी भी हनुमानजी के मन्दिर में जाएं। मन्दिर में अपनी पत्नी के हाथ से 5 लाल पुष्प (गुलाब के अतिरिक्त कोई भी), एक जनेऊ का जोडा, एक नारियल, लाल वस्त्र में सवा सौ ग्राम मसूर की दाल कर दक्षिणा तथा कोई भी भोग अर्पित कराएं तथा प्रभु से अपनी पत्नी को फिजूलखर्च न करने की सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करें। कार्य सिद्ध होने पर प्रभु के नाम से कुछ अवश्य की कार्य करने का संकल्प लें। इस उपाय के बाद आप देखेंगे कि कितनी त्वरित गति से उनकी फिजूलखर्ची समाप्त होती है।
23) विवाह के बाद सर्वप्रथम आप पत्नी के साथ श्रीकृष्ण मन्दिर में अवश्य जाएं। इससे आपके जीवन में सदैव प्रेमसरिता का प्रवाह बना रहेगा।
24) शुक्लपक्ष की अष्टमी को आप अपने हाथ से पत्नी की मांग में सिन्दूर भरें।
25) यदि आपकी पत्नी का स्वभाव कुछ कठोर है तो इसे मृदु बनाने हेतु आपको चाहिए कि आप शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को किसी भी माता दुर्गा मन्दिर में दो जटा वाले नारियल लेकर जाएं। विधिवत पूजा-अर्चना कर कोई वस्त्र तथा सुहाग सामग्री के साथ एक सिन्दूर की डिब्बी अर्पित करें। सफेद भोग अर्पित कर एक नारियल माता के चरणों में रखें और दूसरा नारियल माता का स्मरण कर मन्दिर में फोड़ दें। अब आप सिन्दूर की डिब्बी व सुहाग सामग्री के साथ नारियल उठा लें। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । वस्त्र मन्दिर में छोड़ दें और प्रणाम कर वापिस आ जाएं। अब आप यह सुहाग सामग्री अपनी पत्नी को दे दें तथा उससे कहें कि वह आपके सामने ही उसका प्रयोग करे। फिर आप सिन्दूर की डिब्बी से अपने हाथ से पली की मांग भरें तथा नारियल को फोड़कर उसका पानी अपने हाथ से को पिला दें। यह प्रयोग शुक्लपक्ष के प्रथम तीन शुक्रवार को करना है।
इस प्रकार आपका यह उपाय तीन माह में पूर्ण हो जाएगा परन्तु इसका प्रभाव आपको प्रथम बार से ही मिलने लगेगा। उपाय पूर्ण होने तक आपकी पत्नी का स्वभाव पूर्णतः परिवर्तित हो जाएगा।
26) आप अपनी आराधना में भगवान श्रीकृष्ण के युवा रूप की पजा करें जिसमें भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे हैं और राधा नृत्य कर रही है। इस तस्वीर को आप किसी भी शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को अपने पूजास्थल में स्थान दें। प्रथम दिन प्रभु को साबूदाने की खीर का भोग तथा मिश्री अर्पित करें, साथ में राधा को कोई कसीदाकारी का वस्त्र अर्पित करें। पूजा करने के बाद आप सारी सामग्री उठा लें। खीर अपनी पत्नी को अपने हाथ से खिलाकर चुनरी भी अपने ही हाथ से औढ़ा दें और मिश्री का सेवन स्वयं कर लें। इस उपाय से आपके परिवार में चमत्कारी परिवर्तन आएगा। इसके बाद आपको प्रत्येक शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण को खीर का भोग ही अर्पित करना है।
27) यदि आप पूर्णिमा को ठीक प्रातः 10 बजे पीपल का पूजन मीठे जल से कर सकें तो आपको इसका बहुत लाभ प्राप्त होगा। इसके प्रभाव से आपकी नौकरी के साथ साथ वैवाहिक जीवन भी सुखमय रहेगा। शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो किसी भी कारण से परेशान हों तो उनको इस समय अवश्य ही पीपल के वृक्ष के साथ मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से उन्हें कष्ट से मुक्ति प्राप्त होती है।
28) यदि आप अनुभव करते हैं कि आपको आपकी पत्नी से वह प्रेम नहीं मिल रहा है जो पहले मिला करता था तो आप सोते समय सिरहाने तांबे के बर्तन में जल भरें व उसमें थोड़ा शहद के साथ पत्नी की धारण की हुई सोने अथवा चांदी की अंगूठी रख दें। प्रातः उठकर सबसे पहले उसी पानी को पीयें। कुछ ही दिन में आप चमत्कार अनुभव करेंगे।
29) अपने दाम्पत्य जीवन को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए शिव परिवार की तस्वीर प्राप्त करें। इसमें भगवान शिव, माता पार्वती तथा गणेशजी होने चाहिए। इस तस्वीर को अपने पूजा स्थल में स्थान दें।
प्रात:-साय तस्वीर के समक्ष धूप-दीप अर्पित करें और माना यह निवेदन करें कि ऐ माता! मेरे तथा मेरे परिवार पर आने वाला भी प्रकार के सकट से मेरी रक्षा करो। क्योंकि यहां पर आप माता हैं। ऐसा करने से माता पार्वती निश्चित ही आपको संकटों से बना कर रखेंगी।
30) यदि आपका अपनी पत्नी से किसी प्रकार का विरोध होतो आप लगातार सात सोमवार 250 ग्राम कच्चे दूध से शिवलिंग को मान कराएं। उपाय पूर्ण होने तक पत्नी से आपके सम्बन्ध अच्छे हो जाएंगे और भविष्य में भी अच्छे ही बने रहेंगे।
31) यह उपाय तब करें जब उपरोक्त तरीके ज्यादा फायदेमंद साबित न हों। शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार को भगवान दत्तात्रेय के दर्शन करें। दत्तात्रेय के मन्दिर में पत्नी के लिए पीले रंग का जोड़ा तथा तीन पीले वस्त्र पुरुष के लेकर जाएं। अब आप सर्वप्रथम भगवान दत्तात्रेय को सारे वस्त्र अर्पित करें, साथ ही सवा किलो बेसन के लड्डू और एक केशर की डिब्बी भी अर्पित कर अपनी समस्या के समाधान का निवेदन करें। पूजन के बाद आप सबसे पहले सारे लड्डू वृद्ध पुरुषों में बांट दें। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । तीनों वस्त्र भी सर्वाधिक आयु के पुरुषों को दान कर दें। पत्नी वाले वस्त्र तथा केशर की डिब्बी घर पर लाकर अपनी पत्नी को उपहार में दे। किसी भी बहाने से उन्हें नित्य केशर सेवन का निवेदन करें। अगले गुरुवार को पुनः मन्दिर में जाएं। अब केवल बेसन के लड्डू ही अर्पित करें। इस प्रकार आपको कम से कम पांच गुरुवार मन्दिर में दर्शन करने जाना है परंतु वस्त्रों का दान केवल प्रथम बार ही करना है। इस उपाय से आपके परिवार के क्लेश दूर हो जाएंगे।
32) यदि आपको लगता है कि आपके पति आप पर व्यर्थ का शक करते हैं तो आप प्रत्येक सप्ताह में रविवार को परिवार के सबसे बड़ परुष सदस्य को तथा सोमवार को महिला सदस्य को अपन हायक भोजन परोस कर दें।
33) आपके परिवार के किसी सदस्य के कारण आपके पति आप पर व्यर्थ का शक करते हैं तो आप शक्लपक्ष की सप्तमी तथा कृष्णपक्ष की अष्टमी को (शुक्रवार अथवा रविवार न हो) प्रात: 11 बजे पीपल वक्ष पर जाकर जल में गुड़ व केशर मिलाकर शुद्ध घी के दीपक से पजन करें। इस उपाय से आपके परिवार के उस सदस्य को सदबद्धि आएगी जिसके कारण से आपके पति आप पर शक करते हैं।
34) यदि आपके पति किसी भी सदस्य के सामने आपका अपमान करते हैं तो आप यह उपाय अवश्य करें-शुक्लपक्ष तथा कृष्णपक्ष चतर्दशी को किसी भी निकट के शिव मंदिर में जाकर दूध से शिवलिंग को स्नान कराएं तथा साबूदाने की खीर का नैवेद्य अर्पित करें। यह उपाय आप अपने पति की अधिक क्रोध करने की आदत समाप्त करने के लिए भी कर सकती हैं।
35) यदि आपके पति आपके लाख मना करने पर भी परिवार के किसी अन्य सदस्य की बातों में आकर व्यर्थ का खर्च करते हैं तो आपको चाहिए कि आप महीने में कम से कम एक बार 9 वर्ष से कम आयु की कन्या को अपने हाथ से भोजन कराएं तथा उसी दिन हो सके तो किसी हिजड़े को नगद राशि का दान भी दें।
36) यदि आपके पति परिवार के किसी अन्य सदस्य की बातों में आकर आपसे दुर्व्यवहार करते हैं तो आप नियमित रूप से घर की चौखट पर सरसों के तेल का दीपक रखें तथा दीपक के नीचे कुछ दाने काले तिल के रखें। यह उपाय शनिवार से आरम्भ करें।
37) पत्नी द्वारा किया जाने वाला एक सशक्त टोटका है जिसको अपनाने से दाम्पत्य में क्लेश दूर होता है। शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार से आरम्भ करें और लगातार तीन दिन तक करें। इस उपाय में आपको तीन स्थानों पर सुहाग सामग्री (सिन्दूर, चूड़ियां, मेहंदी, वस्त्र, महावर व नगद दक्षिणा आदि) की आवश्यकता होगी जो आप अपनी आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार प्राप्त कर सकती हैं। सामग्री में कोई वस्त्र तथा सिन्दूर अवश्य होना चाहिए। अब आप गुरुवार को दोपहर 2 बजे के बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। एक थाली में सुहाग सामग्री लेकर किसी सुहागिन ब्राह्मण वर्ग की स्त्री को दान कर दें। फिर चरणस्पर्श कर कुछ नगद दक्षिणा देकर उनके हाथ से सिन्दूर की डिब्बी वापस ले लें।
डिबी को किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें। अगले दिन सायकाल लगभग 5 बजे स्नान कर हल्के रंग के वस्त्र पहनकर किसी क्षत्रिय की सहागिन को सुहाग सामग्री दें तथा फिर वही क्रिया करें अर्थात च स्पर्श कर कुछ नगद धन देकर सिन्दूर की डिब्बी वापस ले लें। टा टिब्बी को भी पहले वाली डिब्बी के साथ रख दें। अब अगले किन अर्थात शनिवार को अंधेरा होने के बाद स्नान कर नीले रंग के वन धारण करें और सुहाग सामग्री का दान किसी निम्नवर्ग की सुहागिन को करें। फिर वही क्रिया करें। इस प्रकार से आपके पास तीन सिन्दर की डिब्बियां हो जाएंगी। अब आप तीनों डिब्बियों का सिन्दूर एक साथ मिला लें और नियमित रूप से इससे अपनी मांग भरें। कुछ ही दिन में आप परिवर्तन अनुभव करेंगी क्योंकि आप पर देवगुरु बृहस्पति, शुक्रदेव तथा शनिदेव की कृपा है। देवगुरु की कृपा से आपके पति को सद्बुद्धि आएगी, शुक्रदेव की कृपा से आपके दाम्पत्य जीवन में सुख आएगा। शनिदेव की कृपा से आपके परिवार में गुप्त विरोधी निष्क्रिय होंगे।
38) यदि आपको सोमवार के दिन कोई सफेद वस्तु किसी स्त्री की ओर से उपहार में मिली हो तो उस वस्तु को अवश्य ही सम्भाल कर रखें क्योंकि जब तक आपके पास वह वस्तु रहेगी तब तक आपको सास से प्रेम ही मिलेगा।
39) कई बार परिवार में विभिन्न कारणों से बहू के द्वारा किए जा रहे कार्यों का विरोध होने लगता है। इस स्थिति से बचने के लिए आप प्रत्येक अमावस्या को नमक मिले पानी से घर में पोंछा लगाएं।
40) यदि आपकी सास के साथ परिवार का कोई अन्य सदस्य भी आपसे विरोध रखता है, तो आप शनिवार को कीकर के वृक्ष पर भोजन रखकर पूजन करें तथा जल अर्पित करें।
41) यदि आपके साथ दुर्व्यवहार अधिक होता है तो आप रविवार को भैरवदेव के दर्शन अवश्य करें और काले कुत्ते को इमरती खिलाएं। इसके साथ भैरवजी से उन लोगों को सद्बुद्धि देने का निवेदन करें जो आपको परेशान करते हैं। कुछ समय पश्चात उपाय का प्रभाव देने लगेगा।
42) पूर्णिमा की रात्रि में साबूदाने की खीर बनाएं। इसमें शक्कर के साथ मिश्री भी डालें। चन्द्रोदय होने के बाद मानसिक रूप से चन्द्रदेव का पूजन करें और दूध से अर्घ्य देकर 11 बार ॐ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें। फिर खीर को चांदी की कटोरी में डालकर रात्रि में किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां पर चन्द्र किरणें आती रहें। दूसरे दिन प्रातः स्नान कर हल्के रंग के वस्त्र धारण कर शिवजी का पूजन करें और कटोरी की खीर अपनी सास को खिला दें। इस उपाय से आपकी सास के मस्तिष्क में शीतलता आएगी और आपके प्रति उनके मन में प्रेमवृद्धि होगी। यदि चांदी की कटोरी उपलब्ध नहीं हो तो किसी भी कटोरी में खीर डालकर उसमें चांदी का कोई आभूषण जैसे अंगूठी आदि डाल दें और परोसने से पूर्व निकाल लें।
43) यदि सास अपनी बहू से बहुत प्रेम करती है परन्तु किन्हीं कारणों से सास-बहू के सम्बन्धों में विरोध आ रहा है तो प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी को साबूदाने की खीर का भोग अर्पित करें और फिर उस भोग को 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं में बांट दें।
44) अनेक बार सास-बहू में बहुत अधिक प्रेम होते हुए भी किसी कारण से बहू के व्यवहार में कुछ तीखापन आ जाता है। इस समस्या को सास द्वारा एक आसान उपाय से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सोमवार को किसी कन्या को नकद दक्षिणा देकर चरण स्पर्श करें।
45) नवरात्रि की पंचमी को तीन कन्याओं का पूजन करें और चरणस्पर्श कर कोई लाल वस्त्र का उपहार दें।
46) यदि पूर्णिमा को सोमवार आ रहा हो तो आप उस दिन प्रात: शिवजी का दूध से अभिषेक करें और 11 नागकेशर अर्पित करें। फिर शाम को चन्द्रोदय होने के बाद चन्द्रदेव को भी दूध से अर्घ्य दें तथा कोई सफेद भोग अर्पित करें। अब अर्पित भोग को अपनी बहू को खिलाएं।
47) यदि आपकी बहु का व्यवहार आपके साथ कुछ कटु है तो आप बुधवार को श्री गणेशजी का पूजन करने के बाद गाय को घास खिलाएं तथा उपलब्ध होने पर सफाईकर्मी एवं हिजड़े को कुछ नकद दान करें।
48) यदि आप गाय को नियमित रूप से रोटी पर गुड़ रखकर खिलाती हैं तो बहू से आपके प्रेम में वृद्धि होगी।
49) यदि आपको कभी लगे कि आपके वैवाहिक जीवन में संकट आ रहा है तो आपको चाहिए कि आप शुक्लपक्ष के प्रथम बधवा को किसी हिजड़े को अपनी सामर्थ्य के अनुसार सुहाग सामग्री दें जिसमें हरे वस्त्र तथा हरी चूड़ियां अवश्य होनी चाहिए।
50) आप माह में एक बार अवश्य ही किसी भी शिव मंदिर शिवलिंग को दूध से स्नान कराएं अथवा माता दुर्गा के मंदिर में एक लाल चुनरी के साथ सिन्दूर अर्पित करें। इससे आपको भगवान शिव अथवा मां की कृपा प्राप्त होगी जो आपके वैवाहिक जीवन को सुनिश्चित करेगी।
51) कामकाजी महिलाओं को अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। आपकी पत्नी को नौकरी में कोई परेशानी है तो आपको यह उपाय करना चाहिए। इस उपाय को सोमवार से प्रारम्भ करें। इसके लिए 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर सोमवार को प्रातः किसी भी भगवान शिव के मंदिर में जाएं। समस्त चक्रों को शिवलिंग के नीचे रखकर भगवान शिव को दूध से स्नान कराएं। एक जोड़ा नागकेशर के साथ कोई भी सफेद भोग अर्पित करते हुए भोले भण्डारी और माता पार्वती से अपने परिवार में सदैव प्रेम और पत्नी का आपके प्रति विश्वास बढ़े तथा उसकी नौकरी में कोई समस्या न आए, इसका निवेदन करते हुए शुद्ध घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती अर्पित करें। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । अब आप उन समस्त गोमती चक्रों में से 6 गोमती चक्र वहीं मन्दिर में छोड़ दें और बचे पांच चक्रों को सफेद वस्त्र में थोड़ी सी मिश्री के साथ बांधकर किसी शुद्ध स्थान पर रख दें। जब तक ये चक्र मिश्री के साथ आपके निवास में रहेंगे, तब तक ऐसी ही मिठास आपके परिवार में बनी रहेगी।
52) अपने परिवार में सुख-शान्ति के साथ आपके पति का आप पर पूर्ण विश्वास बना रहे, इसके लिए यह उपाय अत्यन्त लाभदायक है। इस उपाय के लिए आपको एक शुक्र यंत्र की आवश्यकता होगी जो अभिमंत्रित होना चाहिए। शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को संध्या समय जान कर नए वस्त्र धारण कर पूर्ण शृंगार करें।
53) इस का भी प्रयोग अवश्य करें। अब यंत्र को रोली से तिलक फिर इत्र से तिलक कर शुद्ध घी का दीपक तथा तीव्र खुश्व की अगरबत्ती अर्पित कर स्फटिक की माला से एक माला "ॐ ऐं क्लीं भगणाय नमः" मंत्र का जाप करें। जाप के बाद यंत्र को पूजा स्थान स्थापित करें। जब भी पूजा करें तब यंत्र को धूप-दीप अवश्य करें। यंत्र के प्रभाव से आपके वैवाहिक जीवन में कोई भी संकट नहीं आएगा।
54) जब भी आप अपने घर में प्रवेश करें तो सभी लाइटें अवश्य जला दें, जिससे जो उजाला आपने अपने निवास में किया है, वही उजाला आपके जीवन में भी सदैव रहेगा। लाइटें सायं के समय 10-15 मिनट तक सम्पूर्ण घर में करें। फिर उनमें अनावश्यक लाइटों को ऑफ कर सकते हैं।
55) जब भी नौकरी को आरम्भ करें तो यह प्रयोग एक बार अवश्य करें। इस प्रयोग के प्रभाव से मां दुर्गा की असीम अनुकम्पा आप पर बनी रहेगी। उनके आशीर्वाद से आपके वैवाहिक जीवन के साथ आपकी नौकरी भी पूर्णतः सुरक्षित रहेगी। किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी अथवा चतुर्दशी को मां दुर्गा की तस्वीर के सामने कुछ रुपये तथा अपने कार्य क्षेत्र में काम आने वाली प्रमुख वस्तु जैसे कि अध्यापक के लिए पैन बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसी प्रकार आपके लिए जो महत्वपूर्ण वस्तु हो उसको भी रुपये के साथ रख दें। फिर मां दुर्गा को धूप-दीप अर्पित करने के साथ कुछ प्रसाद भी अर्पित कर दें। मां दुर्गा का कोई स्तोत्र, चालीसा अथवा कोई भी पाठ करें। पूजा के बाद मां दुर्गा से अपनी सम्पन्नता का निवेदन करें। रखे हुए रुपये तथा जो भी वस्तु रखी है उसके लिए प्रार्थना करें कि हे मां! यह धन और यह कलम अथवा जो भी आपने रखा हो, मैं तेरा प्रसाद मानकर अपने प्रयोग के लिए ले रही हूं। मुझे विश्वास है कि मेरी प्रार्थना स्वीकार कर मुझे अनुगृहीत करेंगी। तेरी ही कृपा से मेरे वैवाहिक जीवन में सदैव खुशियां प्रवेश करेंगी तथा मैं अपने कर्तव्य से भी अडिग नहीं हो बाद आप रुपये और वह वस्तु उठा ल तथा हाथ जोड़कर पूजा बाहर आ जाएं। अर्पित प्रसाद को 9 वर्ष से कम आयु की कन्या बांट दें। अब रुपये और वह वस्तु मा दुगा का प्रसाद मानकर आ पयोग में लायें। इस प्रयोग को शास्त्रों में ददाति प्रतिग्रहणाति र जो इस प्रयोग को करता है तो मां दुर्गा उसकी पूजा को शीघ्र ही स्वीकार करती हैं। उसके वैवाहिक जीवन तथा कर्मक्षेत्र में कभी संकट नई आता है। जब भी आप किसी संकट में आएं तो सिर्फ वह पाठ आपने किया था करके माँ से परेशानी से मुक्ति का निवेदन करे। आप बहुत ही जल्दी परेशानी से मुक्त हो जाएंगे।
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