पूर्णिमा की रात्रि में साबूदाने की खीर बनाएं। इसमें शक्कर के साथ मिश्री भी डालें। चन्द्रोदय होने के बाद मानसिक रूप से चन्द्रदेव का पूजन करें और दूध से अर्घ्य देकर 11 बार ॐ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें। फिर खीर को चांदी की कटोरी में डालकर रात्रि में किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां पर चन्द्र किरणें आती रहें। दूसरे दिन प्रातः स्नान कर हल्के रंग के वस्त्र धारण कर शिवजी का पूजन करें और कटोरी की खीर अपनी सास को खिला दें। इस उपाय से आपकी सास के मस्तिष्क में शीतलता आएगी और आपके प्रति उनके मन में प्रेमवृद्धि होगी। यदि चांदी की कटोरी उपलब्ध नहीं हो तो किसी भी कटोरी में खीर डालकर उसमें चांदी का कोई आभूषण जैसे अंगूठी आदि डाल दें और परोसने से पूर्व निकाल लें।
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