स्वप्न में गुप्त भेद जानने का उपाय
किसी दूसरे व्यक्ति के मन के गुप्त भेद को स्वयं अपने स्वन में जानने का उपाय इस प्रकार है-
मंगलवार के दिन दोपहर में बारह और एक बजे के बीच कहीं से एक कौए को पकड़कर घर ले आएं और उसे पिंजरे में बंद कर दें। सामान्य आहार के अलावा उसे प्रतिदिन पीने के लिए गुलाब जल में मिला हुआ शहद देते रहें।
तेरह दिनों तक यही क्रिया करें। ठीक तेरहवें दिन रात्रि में इस बजे के लगभग उस कौए की गरदन मरोड़कर उसको मार डालें और उसी समय उसका पेट चीरकर उसके हृदय को बाहर निकालकर रख लें। उसके मृत शरीर को किसी निर्जन स्थान में गड्डा खोदकर गाड़ दें तथा उसके हृदय को किसी लकड़ी की छोटी डिब्बी में बंद करके सूखने के लिए धूप में रख दें।
पंद्रह दिनों में ही हृदय अच्छी तरह से सूख जाएगा। तब उसे उस डिब्बी में से निकालकर उसी प्रकार की एक दूसरी डिब्बी में रख दे तथा उस दूसरी डिब्बी में थोड़ा-सा सिंदूर और तीन माशा असली कस्तूरी भी साथ ही रख दें।
इस डिब्बी को सात दिन तक नित्य सोते समय बिना खोले ही दो-तीन मिनट तक हिला दिया करें। तत्पश्चात डिब्बी को हिलाने की आवश्यकता नहीं है, इसे यों ही रखा रहने दें। जब कभी किसी ऐसे व्यक्ति के मन का भेद स्वयं मालूम करना हो, जो किसी को भी बताने के लिए तैयार न हो, तो किसी दिन रात्रि के समय जब स्वयं सोने के लिए जाएं, तो अपने बिस्तर पर पूर्वोक्त डिब्बी को ले जाएं।
स्मरण रहे, उस समय आपके सोने के कमरे में अन्य कोई व्यक्ति नहीं रहना चाहिए। वहां बिस्तर पर बैठकर डिब्बी को अपने सामने खोलकर रख लें तथा जिस व्यक्ति के मन का भेद मालूम करना है, उसका ध्यान करके डिब्बी की ओर एक मिनट तक टकटकी लगाकर देखते रहें।
तदनंतर डिब्बी को बंद करके सिरहाने रखकर सो जाएं। जब गहरी निद्रा आ जाएगी, उस समय स्वप्न में वह व्यक्ति, जिसके मन के गुप्त भेद को आप जानना चाहते होंगे, प्रत्यक्ष की भांति आकर खड़ा हो जाएगा तथा आपको अपने मन के भेद अच्छी तरह बता देगा। आपको वे सब बातें सोकर जागने के बाद भी याद रहेंगी।
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