जीवन रेखा क्षेत्र से निकलने वाली सूर्य रेखा
जीवन रेखा क्षेत्र से निकलने वाली सूर्य रेखा व्यक्ति को कलात्मक बनाती है, उसकी यह कला विभिन्न रूप धारण करती है और विभिन्न श्रोतों से उसका परिचय देती है।
वह एक सिद्ध हस्त दस्तकार, दर्जा, शिक्षक, शिल्पी, गायक और संगीतज्ञ, तान्त्रिक तथा अभिनेता हो सकता है, इनकी कलाओं में आकर्षण होता है ।
यह कला इन्हे यश प्रदान करती है, किन्तु इन्हें परिश्रम द्वारा ही धन प्राप्त होता है, इन्हें सामान्य धनाभाव भी होता है। ये सौन्दर्य के अंधे और परम उपासक होते हैं।
इन्हे परिवार द्वारा सफलता नहीं मिलती, ये स्वतः के बलबूते पर उन्नति करते हैं तथा स्वावलम्बी होते हैं। इनके माता-पिता कम, शिक्षा के स्वामी होते हैं, निर्धन निष्क्रिय और संसार विरक्त भी पाये जाते हैं। सात्विक हाथ में यह रेखा अच्छी और निकृष्ट हाथों में सामान्य मानी जाती है।
वह एक सिद्ध हस्त दस्तकार, दर्जा, शिक्षक, शिल्पी, गायक और संगीतज्ञ, तान्त्रिक तथा अभिनेता हो सकता है, इनकी कलाओं में आकर्षण होता है ।
यह कला इन्हे यश प्रदान करती है, किन्तु इन्हें परिश्रम द्वारा ही धन प्राप्त होता है, इन्हें सामान्य धनाभाव भी होता है। ये सौन्दर्य के अंधे और परम उपासक होते हैं।
इन्हे परिवार द्वारा सफलता नहीं मिलती, ये स्वतः के बलबूते पर उन्नति करते हैं तथा स्वावलम्बी होते हैं। इनके माता-पिता कम, शिक्षा के स्वामी होते हैं, निर्धन निष्क्रिय और संसार विरक्त भी पाये जाते हैं। सात्विक हाथ में यह रेखा अच्छी और निकृष्ट हाथों में सामान्य मानी जाती है।