ग्रह क्षेत्र या पर्वत उनकी स्थिति तथा फल | अधिक उठे/दबे ग्रह क्षेत्र | Mounts In Hindi Hastrekha

ग्रह क्षेत्र या पर्वत उनकी स्थिति तथा फल | अधिक उठे/दबे ग्रह क्षेत्र | Mounts In Hindi Hastrekha

ग्रह क्षेत्र या पर्वत उनकी स्थिति तथा फल

अधिक उठे/दबे ग्रह क्षेत्र

'अति सर्वत्र वर्जयेत्' अर्थात् किसी भी गुण-अवगुण या उभार-दबाव की अधिकता अच्छी नहीं होती। यह नियम ग्रह क्षेत्रों पर भी लागू होता है। यहाँ प्रस्तुत है विभिन्न ग्रह क्षेत्रों के अधिक दबे या उठे होने के फल।

1. बृहस्पति क्षेत्र (Mount of Jupiter)
बहुत अधिक उठा होने पर-अनेक गुण दोष में बदल जायेंगे जैसे दृढ़ता का रूप जिद्दी होने में और अपने पर विश्वास होना गर्व का रूप ले लेगा। इसके अलावा गठिया तथा जख्म होने पर रक्त देर से जमने के रोग सम्भव।

बहुत अधिक दबा होने पर-क्षेत्र पर कोई चिह्न नहीं बनता हो सिवाय आड़ी-तिरछी रेखाओं या जाली के ऐसा व्यक्ति आलस्य का बुरा शिकार, स्वार्थी, और अत्यधिक धार्मिक होगा। उसके मन में उन्नति करने की इच्छा भी नहीं होगी। यदि बृहस्पति की अंगुली (Index Finger) भी कमजोर है तो यह निश्चित है कि उसकी उन्नति होना लगभग असम्भव है।

2. शनि क्षेत्र (Mount of Saturn) 

बहुत अधिक दबा होने पर-अदूरदर्शिता, स्वार्थ, उदासीनता, अन्धविश्वास, सावधानी नहीं रखना, लापरवाही, घृणा, क्रूरता, अवैध काम सम्बन्ध (Illegal Sex Relations)।

बहुत अधिक उठा होने पर-अस्वस्थ, असन्तुष्ट, व्यावहारिक दुनियाँ में असफल, वराग्य, साधुओं, संन्यासियों की संगत में रहना पसन्द करने वाला, नशा करने का शोकीन। इसके साथ चन्द्र और बुध क्षेत्र भी अच्छे न हो तो वह झक्की,खब्ती, बहुत मूडी (Moody) तक हो सकता है।

3. सूर्य क्षेत्र (Mount of Sun) 

बहुत अधिक उठा हुआ क्षेत्र-व्यक्ति को चिड़चिड़ा, क्रोधी, जल्दबाज, अभिमानी। तड़क-भड़क, दिखावे का शौकीन बनाता है। ऐसा व्यक्ति अपने अभिमान या स्वाभिमान के लिए सब कुछ बलिदान कर देगा।

बहुत अधिक दबा हुआ क्षेत्र-यश, सफलता तथा धन का अभाव, महत्त्वाकांक्षाओं को पूरा करने वाले उत्साह, तथा लगन की कमी। ऐसे व्यक्ति को कहीं कोई विशेष महत्त्व नहीं मिलेगा, जल्दी सन्तुष्ट होने वाला होगा। उसकी पत्नी उसके मन के विपरीत होती है।

श्रेष्ठ स्थिति-उचित रूप में उठा हुआ सूर्य पर्वत, अच्छी मस्तिष्क रेखा (Lite of Mind) उच्च बुद्ध पर्वत, लम्बी अनामिका अँगुली जो अन्दर से गोल हो और जिसका पहला पर्व भी लम्बा हो, ऐसा व्यक्ति साहित्य व कला के क्षेत्र में सफलता तथा प्रसिद्धि पाता है। यदि ऐसे व्यक्ति के हाथ में अच्छी सूर्य रेखा तथा भाग्य रेखा हो तो सोने में सुहागा सिद्ध होता है। पाठक ध्यान दें कि उपर्युक्त विवरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि सफलता यश तथा धनलाभ पाने के लिए सम्बन्धित सभी तत्त्वों का अच्छा होना आवश्यक है।

4. बुध क्षेत्र (Mount of Mercury) 

बहुत अधिक उठा हुआ क्षेत्र-जातक इतनी तेजी से विचार और कार्य करेगा कि बनते काम भी बिगड़ जायेंगे। घूमने-फिरने तथा देश-विदेश घूमने के चक्कर में वह किसी एक स्थान, व्यापार या नौकरी पर जम नहीं पायेगा। उसके बोलने तथा वार्तालाप करने की रीति भी इतनी तीव्र होगी कि दूसरों पर गलत प्रभाव डालेगी। उसे जिगर, साँस तथा पैरों सम्बन्धी रोग सम्भव हैं।

बहुत अधिक दबा हुआ क्षेत्र-ऐसा व्यक्ति वार्तालाप करने, लेखन कार्य करने और सही रीति से विचार करने में सक्षम नहीं होगा। वह बकवासी व झूठा हो सकता है।

श्रेष्ठ स्थिति-बुध का मूल गुण आवागमन तथा विचारों तथा कार्यों में तीव्रता है। अतः उचित रूप से बढ़ा हुआ बुध पर्वत या क्षेत्र साथ में अच्छी बुध अंगुला (Little Finger) व्यक्ति को रेलवे, सड़क, वाय या समुद्र के यातायात, पास्ट ऑफिस आदि में अच्छी नौकरी दिलवा सकती है। यदि बध की अँगली भी अच्छी हो, तो वह उपर्युक्त से सम्बन्धित व्यापारी, कमीशन एजेण्ट व ब्रोकर, अच्छा वकील, पत्रकार, प्रभावशाली नेता तथा लेखक भी हो सकता है। उस पर्यटन (Tourism) के क्षेत्र में नौकरी अथवा व्यापार से भी लाभ सम्भव है। उस ऐसे खेलकूदों में अच्छी ख्याति मिल सकती है जिनमें तेज दौड़ने या तीव्र रूप से कार्य करने की जरूरत पड़ती है।


5. मंगल का क्षेत्र (Mount of Mars)

अधिक बढ़ा हुआ क्षेत्र-ऐसा व्यक्ति झगड़ालू, क्रोधी, हिंसक प्रवत्ति से ग्रस्त होगा।  इन दुर्गणों को अगर उसने वश में नहीं किया तो अपराधी बन जायेगा।

अधिक दबा हुआ क्षेत्र-साहस की पूरी तरह कमी, डरपोक, उत्साह तथा करने की शक्ति का अभाव प्रकट करता है। मंगल के बारे में हम पहले के पृष्ठों में विस्तार से दे चुके हैं।

6. चन्द्र क्षेत्र (Mount of Luna) 

बहत उठा हुआ चन्द्र क्षेत्र- ऐसा व्यक्ति हवाई कल्पनायें तो बहुत करता है उनके अनुसार कार्य करने में सुस्त होता है। पुरुष होने पर स्त्रियों के प्रति या स्त्री होने पर पुरुषों के प्रति प्रेम की अधिकता के कारण वे कुछ विशेष सफलता नहीं प्राप्त कर पाते। इसके साथ बुध व शनि भी खराब हो तो जातक प्रेम में पागल हो सकता है तथा आत्मघात भी कर सकता है। ऐसे व्यक्तियों को विज्ञान तथा गणित से अरुचि होती है।

बहुत दबा हुआ चन्द्र क्षेत्र- इससे गुरदे तथा मूत्र सम्बन्धी अनेक रोग, स्त्रियों को गर्भाशय के रोग, पुरुषों में वीर्य सम्बन्धी बीमारियाँ, विकृत कल्पनायें, भावुकता का अभाव तथा प्रेम के प्रति अनासक्ति हो सकती है।

7. शुक्र क्षेत्र (Mount of Venus) 

बहुत दबा हुआ क्षेत्र- पुरुषतत्व की बहुत कमी, स्त्री में सन्तानोत्पत्ति क्षमता का अभाव, जीवन में उत्साह की कमी, विपरीत यौन की ओर कम आकर्षित होना दर्शाता है।

बहुत उठा हआ क्षेत्र- अत्यधिक काम आकर्षण तथा शक्ति। जहाँ उचित रूप में अच्छा उठा हुआ क्षेत्र समन्वयता और सामाजिकता प्रकट करता है वही उसका आधक बढ़ा होना व्यक्ति को लम्पट बना सकता है। वह अपने मन पर नियन्त्रण बहुत कम रख पाता है। बेहद आराम पसन्द होता है।

श्रेष्ठ स्थिति- चन्द्रमा तथा शक्र का आपस में निकट सम्बन्ध है। उचित रूप म चन्द्रमा और शक्र उठे हों, शनि क्षेत्र, भाग्य और सूर्य रेखा भी अच्छी हो आर हाथ सूच्याकार (Conic Hand) हो तो उस व्यक्ति के प्रतिष्ठित एवं प्रसिद्ध कलाकार बनने की अच्छी सम्भावना होती है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि किसी भविष्यवाणी को करने से पूर्व हमें हाथ के सभी अंगों, आकार, अँगलियाँ, अँगूठा, पर्वत तथा हथेली की रेखाएँ और हथेली में बने बड़े त्रिकोण तथा चतुष्कोण का सूक्ष्म अध्ययन व विश्लेषण करने के बाद अपना निष्कर्ष बताना चाहिए। किन्हीं एक-दो लक्षणों को देखकर भविष्य बताना गलत है।