जीवन रेखा से निकलने वाली रेखाएं | Influence Lines From Life Line
जीवन रेखा से निकलकर ऊपर की ओर (उंगलियों की ओर) जाने वाली रेखाएं अच्छी मानी जाती हैं। ये जीवन में आने वाले अवसरों, उपलब्धियों एवं सफलताओं की सचक हैं। अगर ऐसी कोई रेखा जीवन रेखा से निकलकर गुरु पर्वत पर जाए तो ऐसा व्यक्ति महत्वाकांक्षी होता है। उसकी महत्वाकांक्षा उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है। उसके लक्ष्य क्या होंगे ये तर्जनी के प्रमुख पोर पर निर्भर करेगा।
जीवन रेखा से निकलकर शनि पर्वत पर जाने वाली रेखाएं उन क्षेत्रों में सफलता की प्रबल इच्छा के लिए प्रेरित करती हैं जिनका प्रतिनिधित्व शनि द्वारा होता है। यहां भी शनि की उंगली अर्थात मध्यमा का जो भी पोर मुख्य होगा इस बात का निर्धारण करेगा कि कौन सी इच्छाएं प्रबल हैं। ऐसी रेखा को भाग्य रेखा की सहायक रेखा भी माना जाता है और ये जिस स्थान पर भी जीवन रेखा से निकलती हैं, उस आयु में धन लाभ अथवा प्रोन्नति की सूचना देती हैं।
इसी प्रकार जीवन रेखा से निकलकर रेखाएं जिस भी पर्वत की ओर जाती हैं या जिस पर्वत पर समाप्त होती हैं, उनके गुणों को अपना लेती हैं। उदाहरण के लिए जीवन रेखा से निकल कर चंद्र पर्वत पर जाने वाली रेखाएं सख्त हथेली पर भी यात्रा की प्रबल इच्छा और कुछ हद तक बेफिक्री को दिखाती हैं। मुलायम और पिलपिले हाथ पर यही रेखा उन इच्छाओं को दिखाती है जो असंयमी व्यवहार या किसी व्यसन द्वारा प्राप्त उत्तेजना के कारण जन्म लेती हैं। ऐसे लोग उस प्रकार के रोमांटिक उपन्यासों को पढ़ने के भूखे होते हैं जो देश-विदेश के आकर्षक एवं मोहक स्थानों को केन्द्र बनाकर लिखे जाते हैं। इन लोगों को घर बैठे दुनिया की सैर करने वाले यात्री की संज्ञा दे सकते हैं क्योंकि ये लोग ऐसी जगहों की मानसिक यात्रा करते हैं।
एक लम्बी जीवन रेखा जो लम्बी गोलाई लेती हुई कलाई के पास जाकर समाप्त हो, व्यक्ति का अपने घर-परिवार के लिए प्यार दिखाती है। व्यक्ति अपने देश में रहता है। परन्तु यदि जीवन रेखा से निकलकर एक शाखा चंद्र पर्वत की ओर जाए तो व्यक्ति लम्बी यात्राएं करता है या विदेश में बस सकता है।
जीवन रेखा हथेली पर जिस प्रकार से अंत होती है, इस बात की सूचना भी देती है कि जीवन का अंत कैसा होगा। जीवन रेखा का अंत यदि फुदनानुमा या गौ-पुच्छ जैसा हो तो यह बुढ़ापे में शारीरिक शक्ति के क्षीण होने की निशानी है। क्रॉस, बार या बिंदु आकस्मिक मृत्यु को दिखाते हैं। यदि जीवन रेखा अंत तक अच्छी हो तो जीवन पर्यन्त अच्छे स्वास्थ्य को दिखाती है। यदि जीवन रेखा अंत में दो भागों में विभक्त हो जाए तथा इन दोनों भागों के बीच दूरी ज्यादा हो तो व्यक्ति की जीवन-संध्या विदेश में कट सकती है।