भ्रमण रेखाये - हस्तरेखा ज्ञान

भ्रमण रेखाये - हस्तरेखा ज्ञान

भ्रमण रेखाये - हस्तरेखा ज्ञान 

जीवन रेखा से छोटी छोटी रेखाएं निकलकर मणिबंध, चंद्र पर्वत, और शुक्र पर्वत जाती हैं उन्हे भ्रमण-रेखा कहा जाता है । जिस जातक के हाथ मे ऐसी रेखाएं जीवन-रेखा के दोनो ओर हो उसका सम्पूर्ण जीवन देश-विदेश में भ्रमण करते हुए ही व्यतीत होता है। उसके जीवन में अनेक प्रकार के परिबर्तन भी आते है। 

यदि जीवन-रेखा से निकली हुई भ्रमण-रेखा पर द्वीप चह्न दिखाई दे तो ऐसे जातक की यात्रा निष्फल होती है। 

यदि जीवन-रेखा से निकली हुई भ्रमण-रेखा से निकली हुई भ्रमण-रेखा पर चतुष्कोण (वर्ग) चिह्न दिखाई दे तो जातक की यात्रा काल मे प्राणां तक दुर्घटना से रक्षा हो जाती है। 

यदि जीवन-रेखा से निकली हुई भ्रमण-रेखा चन्द्रक्षेत्र को पार करती हुई हथेली के पार निकल गई हो तो जातक की यात्रा मे ही कष्ट पाकर मृत्यु हो जाती है।