रोमांस करना और फिर विवाह होना
जब कोई रेखा चंद्र पर्वत से उदित होकर भाग्य रेखा के समानान्तर कुछ दूर तक जाए और फिर उसमें विलीन हो जाए, तो यह एक विशेष संकेत देती है (चित्र A)। यह किसी व्यक्ति को आर्थिक सफलता में विपरीत लिंग वाले व्यक्ति का गहन और अनुकूल प्रभाव दिखाती है। ऐसे लोग अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ पहले काफी समय तक रोमांस करते है और फिर विवाह कर लेते है। पुराने जमाने में हस्त परीक्षक पुरुषों में इस चिन्ह को काम-काजी जीवन साथी मिलने का संकेत मानते थे। यदि यह रेखा, भाग्य रेखा से मिल जाए तो अधिकांश मामलों में यह शादी का संकेत है। पर यदि यह रेखा, भाग्य रेखा को काटकर आगे निकल जाए (चित्र B) तो यह किसी प्रेम संबंध के टूटने का इशारा है। इसमें दूसरा व्यक्ति आपसे लाभ उठाकर अलग हो जाता है। इस प्रकार यह एक भावनात्मक उथल-पुथल का सूचक भी है। ऐसे में रोमांस तो किसी और के साथ चलता है लेकिन विवाह किसी और के साथ ही हो जाता है या फिर मज़बूरी से या विवश हो कर किसी और से विवाह करना पड़ता है।
यदि भाग्य रेखा से मिलने वाली प्रभाव रेखा ज्यादा बलशाली है तो साथी ज्यादा सामर्थ्यवान होता है। यदि मिलने वाली रेखा भाग्य रेखा से निर्बल हो तो साथी विनम्र और विनीत अथवा बिना किसी विशेष योग्यता के होता है। दोनों ही स्थितियों में वैवाहिक सुख शांति बनी रहती है।
यदि प्रभाव रेखा के मिलने के पश्चात भाग्य रेखा अच्छी और सबल होती है, तो यह प्रभाव लाभदायक माना जाएगा। यदि इसका उलट हो तो प्रभाव हानिकारक होता है।
यदि हृदय रेखा से निकलकर एक शक्तिशाली रेखा, भाग्य रेखा को काटे तो यह असफल प्रेम संबंध या जीवन साथी से अलग होने या फिर अपने आत्मिक व्यक्ति को खोने का संकेत है (चित्र C)।