विवाह रेखा हाथ की पाँच प्रमुख रेखाओ में से एक रेखा है जिस से ये अनुमान लगाया जाता है की व्यक्ति का विवाह किस आयु में होगा और कितने विवाह होंगे ।
विवाह रेखा की प्रकार की होती है लेकिन उसका स्थान बुध पर्वत पर ही पाया जाता है । विवाह रेखा छोटी और लंबी भी हो सकती है । एक से ज्यादा भी हो सकती है और ऐसा भी हो सकता है की विवाह रेखा हाथ में मौजूद ही ना हो ।
यदि एक से अधिक विवाह रेखा हाथ में पाई जाती है तो इसका मतलब ये नहीं की व्यक्ति के उतने विवाह होंगे । यहा पर आपको ये देखना होगा की सबसे अधिक मजबूत विवाह रेखा कोन सी है उसको ही विवाह रेखा माना जाएगा और बाकी की विवाह रेखा गौण रहेगी मतलब व्यक्ति का छोटा मोटा संबंध यहा वहा बना होगा जो ज्यादा लंबे समय नहीं चल पाया होगा और या फिर भारत में व्यक्ति की सगाई टूट जाती है ।
यदि विवाह रेखा पर द्वीप पाया जाता है तो व्यक्ति का तलाक निश्चित है और या फिर ऐसे व्यक्ति के विवाह के पीछे कोई ना कोई राज रहता है या व्यक्ति का गैरसंबंध रहता है और उस कारण व्यक्ति का तलाक होता है । कभी कभी ऐसे व्यक्ति को संतान नहीं होती है और उसकी वजह नपुंसक होना या व्यक्ति में किसी तरह की कमी का होना होता है ।
दो विवाह रेखा होना या तीन विवाह रेखा होना ये नहीं बताता की व्यक्ति के दो या तीन विवाह होंगे लेकिन यदि दोनों हाथों में विवाह रेखा बराबर सामंतर है और भाग्य रेखा भी दूषित है तो व्यक्ति के दो विवाह होते है और तलाक होता है ।
संतान रेखा विवाह रेखा के उपर खड़ी रेखा होती है जिनसे संतान का अनुमान लगाया जाता है । कमजोर रेखा लड़की और मजबूत रेखा लड़के के होने का इशारा करती है । अगर कोई रेखा पर फोर्क बना है तो जुड़वा होने का अनुमान लगाया जाता है और कोई रेखा यदि टूटी है या कटी है तो बच्चे की मृत्यु या अबॉर्शन का अनुमान लगाया जाता है ।
विवाह रेखा पर तिल होने पर व्यक्ति का पार्टनर हमेशा बीमार रहता है और सेक्स लाइफ भी अच्छी नहीं रहती है और विवाह ज्यादा नहीं चलता है ।
लव मैरिज और अरेंज मैरिज लाइन इन हैण्ड - इसका चलन सिर्फ भारत में है क्युकी विदेशों में सिर्फ लव मेरिज ही होती है । ऐसा कोई एक योग या साइन नहीं है जिस से सौ प्रतिशत कहा जाए की व्यक्ति का प्रेम विवाह ही होगा और ऐसा भी होता है की पति के हाथ में प्रेम विवाह का योग है लेकिन पत्नी के हाथ में प्रेम विवाह का योग नहीं है लेकिन दोनों का प्रेम विवाह हुआ वा होता है इसलिए साफ है की इसका सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है । फिर भी चन्द्रम और शुक्र से आने वाली प्रभाव रेखा यदि भाग्य रेखा को मिलती है तो व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है ।
दो मुखी विवाह रेखा तलाक होने का एक मुख्य कारण है । ऐसे व्यक्ति का वैवाहिक जीवन दुखी ही रहता है और तलाक नहीं होता है तो एक बार अलगाव जरूर होता है । इसको दो विवाह योग होने का मुख्य करण माना गया है ।
विवाह रेखा पर त्रिशूल को कुछ विद्वान अच्छा मानते है लेकिन प्राय ये ही देखने को मिलता है की व्यक्ति का वैवाहिक जीवन दुखी ही रहता है ।
विवाह रेखा की सम्पूर्ण जानकारी