शनि पर्वत से आकर रेखा शीर्ष रेखा को काटकर जीवन रेखा तक पहुँचे वह दुर्घटना रेखा कहलाती है। जीवनरेखा के पास मोटी होती है। अन्य रेखाएँ किसी भी रेखा पर पर बिंदु या द्वीप हो ता वह भी दुर्घटना का द्योतक हैं।
यदि इस रेखा के साथ जहाँ भी अशुभ चिह्न होगा तद्नुसार ही दुर्घटना में धन व्यय होगा जैसे जीवन रेखा पर बिंदु या द्वीप हो, भाग्य रेखा के आरंभ पर बिंदु, शीर्ष व स्वास्थ्य रेखा के मिलन पर बिंदु या तारा, चंद्र पर जाल, को भी दुर्घटना रेखा कहते हैं।
यदि दुर्घटना रेखा शीर्ष रेखा तक जाये सिर पर चोट 2 यदि दुर्घटना रेखा शीर्ष रेखा को काटे तो सर पर गहरी चोट के कारण 3 यदि दुर्घटना रेखा जीवन रेखा को काटे या इस ओर जाये तो पशु से चोट के कारण धन व्यय करेगा।
यदि दुर्घटना रेखा के साथ क्रास भी हो - यदि शनि पर्वत पर हो तो दुर्घटना गंभीर होगी, मंगल पर्वत पर हो तो लड़ाई में गंभीर चोट, सूर्य पर्वत पर हो तो धोखे से चोट, बुध पर्वत पर हो तो वाहन से दुर्घटना, चंद्र पर्वत पर हो तो जल से दुर्घटना, शीर्ष रेखा पर हो तो सर पर चोट या पागलपन, शुक्र पर्वत पर हो तो गुप्त सथानों पर चोट, भाग्य रेखा पर किसी और की गलती से चोट, मस्तिष्क रेखा पर हो तो मानसिक दुर्घटना वश धन व्यय करवाता है।
यदि शीर्ष व हृदय रेखा जुड़ी हो व शनि पर्वत उन्नत हो तो घुटने पर, मंगल पसलियाँ व फेफड़े, व लड़ाई में गंभीर चोट, सूर्य पर्वत पर हो तो धोखे से चोट, बुध पर्वत पर हो तो वाहन से दुर्घटना गंभीर होगी, चंद्र पर्वत पर हो तो जल से दुर्घटना, शीर्ष रेखा पर हो तो सेर पर चोट या पागलपन, शुक्र पर्वत पर हो तो प्रेम-प्रसंग व गुप्त सथानों पर चोट, भाग्य रेखा पर किसी और की गलती से चोट, मस्तिष्क रेखा पर हो तो मानसिक दुर्घटना वश धन व्यय करवाता।