हस्तरेखा और आपका व्यवसाय


ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जातक की कुंडली के बारह भावों, उनमें स्थित ग्रहों और राशियों की स्थिति, उनकी युति, आपसी दृष्टि संबंध आदि से भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती है।


ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जातक की कुंडली के बारह भावों, उनमें स्थित ग्रहों और राशियों की स्थिति, उनकी युति, आपसी दृष्टि संबंध आदि से भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती है। उसी प्रकार सामुद्रिकशास्त्र यानी हस्तरेखा विज्ञान में भी व्यक्ति की हथेली में स्थिति रेखाएं, विभिन्न पर्वत, चिन्ह, नाखून, अंगूठे और अंगुलियों की सहायता से व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन के बारे में जाना जा सकता हैं। 

हस्तरेखा विज्ञान के द्वारा व्यक्ति के करियर के बारे में भी अध्ययन कर यह पता लगाया जा सकता है कि वह भविष्य में किस क्षेत्र में जाएगा। 

डॉक्टर : जिस हथेली में बुध पर्वत स्पष्ट उभरा हो और इस पर्वत पर तीन या चार रेखाएं खड़ी हो, कनिष्ठिका अंगुली अनामिका के तृतीय पर्व को स्पर्श करे, तो व्यक्ति चिकित्सा के क्षेत्र में जाता है। इनके साथ यदि मंगल पर्वत भी उभरा हुआ हो तो सफल सर्जन बनता है। सूर्य रेखा स्पष्ट हो तो चिकित्सक बनकर सफलता, प्रसिद्धि पाता है।

अभिनेता : जिस व्यक्ति के हाथ की सभी अंगुलियां कोमल और ढलवा हों, अनामिका अंगुली अधिक लम्बी न हो, सूर्य तथा शुक्र पर्वत उभरे हों, सूर्य और भाग्य रेखा निर्दोष हो तो ऎसा व्यक्ति सफल अभिनेता बनता है।

राजनेता : जिस व्यक्ति की दाहिनी हथेली में केले का या ध्वज का चिन्ह हो तो वह राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद तक पाने में सफल होता है। हथेली में सूर्य रेखा पर वृत्त, चतुर्भज का चिह्न हो, एक शाखा मंगल पर्वत पर और दूसरी मस्तिष्क रेखा से मिले व पर्वतों का उभार ठीक हो तो ऎसा व्यक्ति मंत्री, प्रधानमंत्री पद तक पहुंचता है।

उच्च अधिकारी : जिस व्यक्ति की हथेली में कनिष्ठिका, अनामिका अंगुली का तीसरा पोर स्पर्श करे या उससे ऊपर निकल जाए, सूर्य पर्वत स्पष्ट उभार लिए हो साथ ही सूर्य रेखा गहरी हो, सूर्य पर्वत पर त्रिभुज, चतुर्भज, वृत्त या नक्षत्र का चिह्न हो तो ऎसा व्यक्ति आईएएस पद प्राप्त करता है। जिन हाथों में कनिष्ठिका, अनामिका के तृतीय पर्व को स्पर्श करे, मंगल पर्वत या जीवन रेखा से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत को स्पर्श कर ले तो जातक उच्च अधिकारी बनता है।

शिक्षक: जिस व्यक्ति की मस्तिष्क रेखा स्पष्ट, गहरी तथा भाग्य रेखा व सूर्य रेखा भी हो और गुरू पर्वत उभरा हुआ हो तो वह शिक्षक होता है।

इंजीनियर: इंजीनियरिंग का मूल कारक ग्रह शनि होता है। जिस व्यक्ति के हाथ में शनि पर्वत उभरा हुआ हो तथा इस पर्वत पर अनेक खड़ी रेखाएं हो साथ ही भाग्य रेखा शनि पर्वत पर आकर समाप्त हो तो व्यक्ति इंजीनियर बनता है। 

उद्योगपति: जिस व्यक्ति की हथेली में अंगूठा 90 डिग्री से अधिक कोण बनाए, कनिष्ठिका अंगुली लम्बी हो, मस्तिष्क रेखा स्पष्ट हो, बुध, सूर्य और शनि पर्वत उभरे हो तो जातक फैक्ट्री का मालिक, व्यापारी और उद्योगपति होता है।

Hastrekha Vigyan Aur Vyvasaay  - Hastrekha Mein Doctor, Engineer