पितृदोष क्या होता है ?
अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए या किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो व्यक्ति से जुड़े परिवार की कई पीढ़ियों को तक पितृदोष का दंश झेलना पड़ता है। इसके लक्षणों से मुक्ति के लिए जीवन भर उपाय करने की जरूरत होती है।
पितृ दोष के लक्षण :
1. संतान न होना, संतान हो तो विकलांग, मंदबुद्धि या चरित्रहीन अथवा होकर मर जाना।
2. नौकरी, व्यवसाय में हानि, बरकत न हो।
3. परिवार में एकता न होना, अशांति हो ।
4. घर के सदस्यों में एक या अधिक लोगों का अस्वस्थ होना, इलाज करवाने पर ठीक न होना।
5. घर के युवक-युवतियों के विवाह में रूकावट आना।
6. अपनों के जरिए धोखा मिलना।
7. दुर्घटनादि होना, उनकी पुनरावृत्ति होना ।
8. मांगलिक कार्यों में विघ्न होना।
9. परिवार के सदस्यों में किसी को प्रेत-बाधा होना इत्यादि।
10. घर में हमेशा तनाव और कलेश रहना।पितृ दोष के कारण :
1. पितरों का विधिवत् संस्कार, श्राद्ध न होना ।
2. पितरों की विस्मृति या अपमान।
3. धर्म विरुद्ध आचरण ।
4. वृक्ष, फल लदे, पीपल, वट इत्यादि कटवाना ।
पितृदोष को दूर करने के लिए उपाय
अमावस्या के दिन सवा गज सूती कपडा ले उसको किसी चौकी पर बिछा दे और सामने मिठाई रख दे और उस कपडे के एक कौने पर सवा पांच रूपए व कुछ चावल बांध दे और एक जटा वाला नारियल अपने पिता का ध्यान करते हुए उस कपडे में बांध दे और घर में कही सुरक्षित रख दे और मिठाई गरीब बच्चो में बाँट दे। खाना खाने से पहले अपने पिता के नाम से एक रोटी गाय को अवश्य खिलाय।
पढ़ें - हाथ में कैसे पता लगता है की पितृ दोष है ?
Pitradosh Nivaran Ke Liye Upay
Amavasya ke din sawa gaj sooti kapda le usko kisi chawki pr bicha de aur samne mithai rakh de aur us kapde ke ek kaune pr sawa paanch rupay va kuch chawal bandh de aur ek jata wala nariyal apne pita ka dhyan karte hue us kapde mein bandh de aur ghar mein kahi surkhshit rakh de aur mithai gareeb baccho mein baant de. Khaana khaane se pehle ek roti gaay ko avashya khilay apne pita ke naam se.