हाथ में किसी भी स्थान से आरम्भ होकर अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य क्षेत्र पर समाप्त होने वाली वाली रेखा को सूर्य रेखा कहा जाता है। प्राचीन हस्तरेखा शास्त्री इस रेखा को अधिक महत्त्व देते थे तथा इसे धन रेखा, धर्म रेखा, विद्या रेखा अथवा पुण्य रेखा के नाम से पुकारते हैं। उनके मत में इस रेखा द्वारा जातक के धन तथा धर्म के सम्बन्ध में विचार करना उचित है। परन्तु आज हस्तरेखा शास्त्री इस रेखा द्वारा मुख्यतः जातक के यश, मान, प्रतिष्ठा, उन्नति एवं सफलताओं के विषय में विचार करना उचित समझते हैं।
यदि सूर्य रेखा और भाग्य रेखा अच्छी है तो व्यक्ति अच्छे और संपन्न कुल में जनम लेता है और पैतृक सम्पति का आनंद लेता है और यदि व्यक्ति के हाथ में अच्छी सूर्य रेखा है परन्तु वह निर्धन परिवार में जन्मा है तो ऐसा व्यक्ति जीवन में अपनी किस्मत और मेहनत से समाज में यश प्राप्त करता है और अच्छी सम्पति बना लेता है ।
यदि जातक की सूर्य रेखा खंडित है तो ऐसे व्यक्ति को धनहानि व मानहानि का सामना करना पड़ सकता है ।
यदि जातक की सूर्य रेखा बहुत कमज़ोर है तो ऐसे व्यक्ति को सफलता बहुत मेहनत के बाद मिलती है । उसके किये कार्यो का लाभ दूसरो को मिलता है लेकिन वो खुद लाभ से वंचित रह जाता है ।
यदि जातक की सूर्य रेखा पर द्वीप है तो ऐसे व्यक्ति के ऊपर कलंक लगने की संभावना रहती है । ऐसे व्यक्ति को अपने नेत्रों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
यदि सूर्य रेखा का अभाव है हाथ में अर्थात सूर्य रेखा हाथ में न हो तो ऐसे व्यक्ति का जीवन संघर्ष में गुजरता है और उसके किये कार्यो का लाभ दूसरो को मिलता है लेकिन वो खुद लाभ से वंचित रह जाता है । अगर भाग्य रेखा भी कमज़ोर हो तो ऐसे व्यक्ति पर कर्ज़ा चढ़ा रहता है ।
यदि सूर्य रेखा कटी , टूटी, द्वीपयुक्त हो तो ऐसे व्यक्ति को मुक़दमा आदि का भी सामना करना पड़ सकता है ।
यदि दोहरी सूर्य रेखा हो तो ऐसे व्यक्ति को दो कार्यो में महारत हासिल होती है लेकिन क्युकी ऐसा व्यक्ति एक समय पर दो से तीन कार्य करने का प्रयास करता है और उस वजह से उसको असफलता का मुंह देखना पड़ता है ।
यदि सूर्य रेखा पर क्रॉस है तो ऐसे व्यक्ति को असफलता मिलती है और आँखे की रोशनी में कमी आ जाती है ।
यदि सूर्य रेखा की दाई तरफ क्रॉस है तो ऐसे व्यक्ति का धर्म में रुझान रहता है और यदि सूर्य रेखा के बाई और क्रॉस है तो ऐसे व्यक्ति का रुझान लाटरी , व्यापार करने में होता है ।
यदि सूर्य रेखा सूर्य पर्वत पर मोजूद सूर्यवलय को काट कर आगे बड़ जाती है तो ये एक अशुभ योग है व्यक्ति को जीवन भर असफलता का मुँह देखना पड़ता है ।
सूर्य रेखा यदि अनामिका ऊँगली के पर्व पर चली जाय तो ये अशुभ योग है ऐसा व्यक्ति असफल व्यक्ति होता है ।
यदि आपकी सूर्य रेखा भी दोषयुक्त या कमज़ोर है और आपको उसका लाभ नहीं मिल रहा है तो आप ये उपाय कीजिये आपको सफलता मिलने लग जाएगी :-
आप रोजाना सूर्य देवता को जल दे यदि आप रोजाना न दे सके तो रविवार को अवश्य दे ।
आप अपने सीधे हाथ की अनामिका ऊँगली में माणिक्य धारण करें चाँदी या सोने में रविवार के दिन ।
आप रोजाना "आदित्य हृदयम् स्रोतम" का पाठ करें या फिर रविवार के दिन करें ।
आप सूर्य यन्त्र को अपने पूजा घर में स्थापित करें या फिर अपने पर्स में रखे ।
आप इन में से कोई भी उपाय कर सकते है जरूरी नहीं की आप सभी उपाय करें । ये उपाय करने से आपकी सूर्य रेखा सबल होगी और आपको सफलता मिलने लगेगी ।
- जिन लोगो का सूर्य जन्मपत्री में ( 6, 8, 12) घर में है या खराब स्थिति में है वो लोग सूर्य यन्त्र अपने घर के पूजा घर या पर्स में रख सकते है जिससे उनको विशेष लाभ मिलता है ।
- जिन लोगो की सूर्य रेखा टूटी हुई है या कमज़ोर है या उस पर द्वीप है या फिर सूर्य रेखा हाथ में नहीं है वो लोग सूर्य यन्त्र अपने घर के पूजा घर या पर्स में रख सकते है जिससे उनको विशेष लाभ मिलता है ।
- जिन लोगो को हृदय , आँख , हड्डियों, और दिमाग से संभंधित रोग है वो लोग सूर्य यन्त्र अपने घर के पूजा घर या पर्स में रख सकते है जिससे उनको स्वास्थय में विशेष लाभ मिलता है ।
- जिन लोगो की सरकारी नौकरी है और नौकरी में समस्या आ रही है उनको सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- जिन लोगो को आर्थिक समस्या है उन लोगो को सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- जिन लोगो के संभंध अपने पिता और बॉस से खराब है उन लोगो को सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- जिन लोगो का लग्न सिंह है उन लोगो को उन लोगो को सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- जिन लोगो को राजनीती में सफलता नहीं मिल रही है उन लोगो को सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- जिन लोगो का प्रमोशन नहीं हो रहा है उन लोगो को सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।
- यदि आपकी सूर्य की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो आपको सूर्य यन्त्र अपने पर्स में रखना चाहिए ।