सूर्य पर्वत और सूर्य रेखा से कौन सी बीमारी का पता लगता है - हस्तरेखा
हस्तरेखा में सूर्य रेखा का बहुत अधिक महत्व है और व्यक्ति के सफल जीवन में सूर्य रेखा की अहम् भूमिका होती है।
यदि व्यक्ति के पास खाना, धन और सब कुछ है लेकिन मान-सम्मान नहीं है तो व्यक्ति के जीवन का कोई अर्थ नहीं है।
सूर्य रेखा व्यक्ति को धन, यश और बीमारिया भी देती है।
पढ़ें - सूर्य रेखा का अच्छा और बुरा होने पर प्रभाव - हस्तरेखा
१). यदि सूर्य रेखा पर तिल हो नीचे की तरफ हृदय रेखा के ऊपर या उसके नजदीक तो आँख का ऑपेरशन या नेत्र रोग होता है।
२). यदि अनामिका ऊँगली के मूल से मतलब सूर्य पर्वत से छोटी छोटी और घूमती हुई टेडी रेखा निकलती है और सूर्य पर्वत दबा हुआ भी है तो जातक को हस्तमैथुन की लत होती है और उसकी वजह से उसको कमज़ोरी होती है और उसकी वजह से उसको कमरदर्द की शिकायत होती है।
३). सूर्य पर्वत के बीच में तिल होने पर व्यक्ति को कान और पैरों में तकलीफ या चोट लगती है।
४). सूर्य पर्वत पर यदि आड़ी तिरछी रेखा से जाल या जाली बनी हुई है तो उस व्यक्ति को अपच , कफ की शिकायत रहती है और उसकी पत्नी या औरत को गर्भपात होता है या औरत गर्भपात स्वेच्छा से करवाती है।
५). सूर्य रेखा पर द्धीप होने पर मानहानि और धनहानि और आँखों की बीमारी होती है।
६). सूर्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाय या हृदय रेखा द्वारा रोक दी जाय तो व्यक्ति को छाती में चोट लगती है और बुरे समाचार के कारण हृदयाघात यानि हार्ट अटैक होता है।
हस्तरेखा में सूर्य रेखा का बहुत अधिक महत्व है और व्यक्ति के सफल जीवन में सूर्य रेखा की अहम् भूमिका होती है।
यदि व्यक्ति के पास खाना, धन और सब कुछ है लेकिन मान-सम्मान नहीं है तो व्यक्ति के जीवन का कोई अर्थ नहीं है।
सूर्य रेखा व्यक्ति को धन, यश और बीमारिया भी देती है।
पढ़ें - सूर्य रेखा का अच्छा और बुरा होने पर प्रभाव - हस्तरेखा
१). यदि सूर्य रेखा पर तिल हो नीचे की तरफ हृदय रेखा के ऊपर या उसके नजदीक तो आँख का ऑपेरशन या नेत्र रोग होता है।
२). यदि अनामिका ऊँगली के मूल से मतलब सूर्य पर्वत से छोटी छोटी और घूमती हुई टेडी रेखा निकलती है और सूर्य पर्वत दबा हुआ भी है तो जातक को हस्तमैथुन की लत होती है और उसकी वजह से उसको कमज़ोरी होती है और उसकी वजह से उसको कमरदर्द की शिकायत होती है।
३). सूर्य पर्वत के बीच में तिल होने पर व्यक्ति को कान और पैरों में तकलीफ या चोट लगती है।
४). सूर्य पर्वत पर यदि आड़ी तिरछी रेखा से जाल या जाली बनी हुई है तो उस व्यक्ति को अपच , कफ की शिकायत रहती है और उसकी पत्नी या औरत को गर्भपात होता है या औरत गर्भपात स्वेच्छा से करवाती है।
५). सूर्य रेखा पर द्धीप होने पर मानहानि और धनहानि और आँखों की बीमारी होती है।
६). सूर्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाय या हृदय रेखा द्वारा रोक दी जाय तो व्यक्ति को छाती में चोट लगती है और बुरे समाचार के कारण हृदयाघात यानि हार्ट अटैक होता है।