ज्योतिष शास्त्र में हाथ में दोहरी मस्तक रेखा और दोहरी हृद्या रेखा का विवरण | Double Head Line & Double Heart Line On Hand Palmistry
कभी कभी ऐसा भी देखने में आता है कि जिन मनुष्यों के हाथों में जीवन के प्रारम्भ से ही दोहरी मस्तक रेखा या दुहेरी हदय रेखा होती है वो अविवाहित ही रहते हैं। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । विचार करने पर पता चला कि दुहैरी शेष रेखा वाले व्यक्ति दार्शनिक प्रकृति के होते हैं। वे बचपन में चाहे जैसे भी रहे हो समझदार होते ही अपनी प्रगति रेखा को पलटकर आत्मचिंतन में लग जाते हैं और उनका हृदय संसार को असारता से उदास तथा नीरस हो जाता है इसलिये विवाह नहीं कर पाते।
इसके अतिरिक्त जिन हाथों में दुहैरी हृदय रेखा होती है वे बड़े ही हिम्मती तथा मजबूत होते देखा गया है ऐसे व्यक्ति बड़े-बड़े पहलवान तथा डाकू आदि भी होते हैं जोकि अपनी शक्ति तथा ताकत को स्थिर रखने के लिये तथा दूसरों को नीचा दिखाने तथा पराजित करने के लिये विवाह बन्धन से दूर रहकर कसरत आदि कर शरीर को हुष्ट तथा पुष्ट रखते हैं या फिर वर्तमान में हम बोल सकते है की अधिक महत्वकांक्षी व्यक्ति जो अपने को कामयाब और सफल बनाने के लिए अविवाहित रहना पसंद करते है।
आपको कुछ हस्तरेखा की पुस्तकों में दोहरी मस्तक रेखा और दोहरी हृदय रेखा पर राय भिन्न भिन्न मिलेगी जैसे कुछ विद्वान ये भी मानते है की दोहरी मस्तक रेखा वाला व्यक्ति बहुत विद्वान होता है और दोहरी मस्तक रेखा ज़्यदातर अविष्कार करने वालो के हाथो में ही होती है और दोहरी हृदय रेखा वाला व्यक्ति अधिक भावुक होता है और उस वजह से उसको जीवन भर धोखे ही मिलते है।