चक्र
चक्र का अर्थ वृत्त से है, जो अंगुलियों की त्वचा एवं रेखाओं पर पाया जाता है। यह वर्तुलाकार एक होने से चालाक, दो होने से सुन्दर, तीन से ऐशो आरामी, चार से गरीब, पांच वाला विद्वान, छः वाला विद्वान में चतुर,सातवाला योगी, आठवाला गरीब, नौं चक्र वाला राजा या धनी और दसवाला एक सरकारी अधिकारी होता है। साथ ही ईश्वर प्रेमी और थोड़ी आयु वाला होता है। तर्जनी में चक्र होने पर व्यक्ति को मित्रों से लाभ होगा। मध्यमा में होने से इष्ट पूजा से धन लाभ होगा। अनामिका में हो तो समाज की सहायता से पैसा आएगा और कनिष्ठा में चक्र हो जाने पर तैयार माल द्वारा धनार्जन होगा। उपर्युक्त अंगुलियों में यदि शंख हो तो
तत्संबन्धी नुकसान होगा।
सौजन्य . सरल हस्तरेखा पुस्तक