यह अँगुली जितनी लम्बी होती है उतनी शुभ मानी जाती है। अनामिका के पहले पोरे तक पहुँचने वाली अँगुली वाला व्यक्ति उच्चस्तर की सफलता प्राप्त करता है। वह साहित्यकार, अच्छा वक्ता या लेखन से सम्बन्धित कार्य करने वाला भी हो सकता है। वह जो भी कार्य करे उसमें अन्त में अच्छी कामयाबी पाता है। असाधारण लम्बाई बुद्धिजीवी होने, प्रभावशाली तथा सफल व्यक्तित्व को प्रकट करती है।
1) अगर अँगुली छोटी हो तो व्यक्ति में व्यावहारिकता बढ़ा देती है।
2) कनिष्ठिका का प्रथम पर्व बड़ा होने पर लेखन में रुचि, दूसरा पर्व विज्ञान में रुचि, तीसरा पर्व व्यापार में प्रवृत्ति बनाता है।
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