2) यदि यह मध्यमा के बराबर लम्बी हो जाये तो व्यक्ति अपने स्वार्थ हेतु दूसरों को कष्ट पहुँचाने वाला होता है। जुआ, सट्टा आदि खेलता तथा नशा करता है। इस प्रकार वह अपना तथा परिवार का नाश कर सकता है।
3) अनामिका छोटी होने पर व्यक्ति को प्राचीन वस्तुओं, कबाड़ी का काम आदि करके लाभ हो सकता है। इतिहास और ऐतिहासिक भवनों तथा वस्तुओं से सम्बन्धित कार्यों से भी लाभ सम्भव होता है।
4) अगला सिरा नुकीना-संगीतज्ञ, चित्रकार हो।
5) अनामिका का ऊपरी भाग चपटा-प्राचीन चीजों, इतिहास आदि के कार्यों से लाभ।
6) प्रथम पर्व लम्बा-कलात्मक रुचि, अभिनय, संगीत, गायन में लाभ।
7) दूसरा पर्व लम्बा-अपनी प्रतिभा तथा परिश्रम से लाभ।
8) तीसरा पर्व लम्बा तथा चौड़ा-राष्ट्र स्तर का सम्मान सम्भव।
9) अनामिका अँगुली का झुकाव सबसे छोटी अँगुली की ओर हो-प्यार में लाभ।
10) अनामिका का झुकाव मध्यमा की तरफ होने से चिन्तन, मनन करने वाले कार्यों में लाभ।
11) यदि यह अँगुली तर्जनी अँगुली के बराबर हो तो उसे यश पाने की अत्यधिक कामना होती है जो अच्छी सूर्य रेखा से पूरी भी हो सकती है।
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