शनि पर्वत पर तारे (स्टार) का चिन्ह | Star On Mount Of Saturn
यदि यह तारे का चिह्न शनि-क्षेत्र के सर्वोच्च शिखर पर हो तो किसी भयानक दुर्घटना का लक्षण है; इस चिह्न से मनुष्य बहुत विख्यात हो जाता है। किन्तु नेकनामी से नहीं, बल्कि बदनामी से। बहुत बार इस का फल यह होता है कि जातक को लकवे की बीमारी होती है। पुराने हस्तपरीक्षकों के अनुसार यदि हाथ में अन्य अशुभ लक्षण हों और दोनों हाथों में इसी स्थान पर तारे का चिह्न भी हो तो जातक को फाँसी की सज़ा होती है। किन्तु यदि एक ही हाथ में यह चिह्न हो और वह भी अस्पष्ट और खण्डित रूप में हो तो अस्वास्थ्य का लक्षण है। ऐसे जातक का बुढ़ापा भी अच्छा नही बीतता। यदि यह तारे का चिह्न शुक्र-मेखला पर हो तो जातक को आतशक या सुजाक की भयंकर बीमारी होती है।
यदि भाग्यरेखा मध्यमा उंगली के भीतर तक गई हो और भाग्य-रेखा परशनि-क्षेत्र पर तारे का चिह्न हो तो जातक का कोई खून करे या हाथ में अन्य अशुभ लक्षण हों तो जातक स्वयं हिंसक प्रवृत्ति का हो। यह तारे का चिह्न शनि-क्षेत्र के बिलकुल किनारे पर-जहाँ शनि-क्षेत्र समाप्त होता है हो तो जातक किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आता है जो खून या अन्य दुष्कर्मों के कारण बदनाम हो।
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