मान लीजिए कि किसी व्यक्ति का हाथ वर्गाकार है अर्थात् हथेली की लम्बाई-चौडाई लगभग बराबर है और उसकी अँगुलियाँ भी वर्गाकार है, ऐसी स्थिति में वह सांसारिक दृष्टि से सर्वाधिक अच्छा, व्यवहारकुशल, कठिन परिश्रम करने वाला तथा अपनी कामयाबी के लिए सतत प्रयत्नशील होगा।
यदि उसकी अँगुलियाँ वर्गाकार की बजाय लम्बी हों तो वह अपने विचारों को प्रकट करने में तर्कशील और कुशल होगा। यदि अँगुलियाँ आपस में सटाने पर उनके बीच अधिक खाली स्थान रहता है तो वह सारी
अच्छाइयों के बावजूद अधिक खर्च करने वाला होगा।
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