Sign Of Bad Luck Palmistry

Sign Of Bad Luck Palmistry

1. No Fate and Sun Line.

2. No Fate Line between the plain of mars and the heart line.

3. The fate line runs beyond the palm, cutting the finger of Saturn.

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Purchase Of Property In Palmistry


Purchase Of Property In Palmistry

If any influence line from Mount of Lower Mars touch Line of Health or branch of Health Line goes towards Mount of Lower Mars then it indicates purchase of land.

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Moksha Sign ( मोक्ष/Salvation ) On Hand In Indian Palmistry

Moksha Sign ( मोक्ष/Salvation ) On Hand In Indian Palmistry


Moksha Yog On Hand Lines In Palmistry


As you know Jupiter Mounts denotes spirituality, religion, religious deeds, etc so if any line from Jupiter mount ends on Mount of Sun then it is known as Moksha Prapti Yog on hand.

Actually this type of moksa line is a ring between ring finger and index finger.

The Indian palmists consider such yog very auspicious. Subject involved in many religious deeds throughout life.

Trith Isthan On Hand

According to the Samudhrik Shastra there are four trithas in the palm as used in Tarpan.

They are Pitri Tirth, Dev Tirth, Kaya Tirth and Bhrama Tirth.

The pitri tirath is located on the space between the base of the index finger and the thumb.

The dev tirth is represented by the tips of the four fingers, the kaya tirth is at the base of the little finger over which the line of marriage proceeds from the ulnar border of the palm.

The brahma tirth is at the ball fo the thumb, meaning the Mount of Venus.

This Mount is called the sukra which is the root of this creation that is Man.


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Net Sign On Mount of Mercury Palmistry



Grille or Net Sign On hand

The grille or net mark generally found on the mounts of the hand, and shows that the success of the subject will be hampered by a weakening of the qualities of the mount on which it is present. The grille forms a complicated network and it is nearly impossible for the vital current to pass through it. The current travels haphazardly through the lines of the grille. Should it finally escape the grille, it will be weak and diffused.

A grille on the Mount of Mercury will spoil the good qualities of the Mount.

Net sign on Mount Of Mercury indicates losses through theft and impediments in business or profession.


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गुरु मुद्रिका | Guru Mudrika | Hastrekha

 प्राय: गुरु मुद्रिका सभी व्यक्तियों के हाथो में होती है लेकिन अधिकत्तर टूटी हुई व कटी हुई होती है ! गुरु मुद्रिका बहुत ही कम व्यक्तियों के हाथो में स्पष्ट और दोषमुक्त होती है !

गुरु मुद्रिका

प्राय: गुरु मुद्रिका सभी व्यक्तियों के हाथो में होती है लेकिन अधिकत्तर टूटी हुई व कटी हुई होती है।  गुरु मुद्रिका बहुत ही कम व्यक्तियों के हाथो में स्पष्ट और दोषमुक्त होती है।

पढ़ें : हाथ में विवाह रेखा के राज हस्तरेखा 

गुरु पर्वत को अर्धचन्द्राकार घेरती हुई रेखा को गुरु मुद्रिका कहते है।  गुरु मुद्रिका के होने की वजह से व्यक्ति को अध्यात्म व ज्योतिष जैसे विषय में रुचि होती है।

दोहरी गुरु मुद्रिका के होने पर व्यक्ति के अन्दर विशेष गुण आ जाते है व्यक्ति सामने वाले की मन की बात पड़ लेता है ! ऐसे व्यक्तियों की अंतर्दृष्टि बहुत तेज़ होती है।

गुरु मुद्रिका वाले व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होता है।

यदि गुरु मुद्रिका को आड़ी रेखा काट दे तो व्यक्ति को मानसिक तनाव रहता है।

पढ़ें - हाथ में अमीर होने निशानी या रेखा - हस्तरेखा 


-नितिन कुमार
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Hath Mein Mangal Grah Ya Mangal Parvat Kaha Hota Hai

Mangal Grah Ya Parvat | मंगल ग्रह या मंगल पर्वत

Mangal Grah Ya Parvat | मंगल ग्रह या मंगल पर्वत 

मंगल ग्रह का स्थान हाथ में दो जगह होता है। एक तो अंगूठे के पास बृहस्पति के नीचे (1st), दूसरा बुध की उंगली के पास बुध के नीचे (2nd)।
पहला स्थान यदि बड़ा हो तो अकारात्मक होता है और उसका महत्व अधिक हो जाता है। यदि व्यक्ति का जन्म 21 मार्च और 21 अप्रैल के बीच में हो और यदि 28 अप्रैल तक हो।
कुछ हद तक होता है। वर्ष का यह भाग भचक में मंगल का भाव सकारात्मक कहलाता है। (नितिन पामिस्ट )
दूसरा स्थान नकारात्मक होता है और उसका महत्व अधिक होता है। यदि व्यक्ति का जन्म 21 अक्टूबर और 21 नवम्बर कॊ बीच में हो और यदि जन्म 28 नवम्बरं तक हो तो कुछ हद तक होता है वर्ष का यह भाग भचक में मंगल का भाव नकारात्मक कहलाता है।
मंगल का सम्बन्ध व्यक्ति के साहस, क्रोध, धैर्य, निष्ठा, खेती, पेट विकार आदि से है। अत: मंगल उठा होने पर उपरोक्त गुण पाये जाते हैं। परन्तु पेट में विकार रहता है।
जो व्यक्ति प्राय: राजसेवा में होते हैं, उनके हाथ में उठा हुआ मंगल होता है। ऐसे व्यक्ति अति निष्ठावान होते हैं। अतः राज्यसेवा में उनका स्थान सेना, पुलिस, जल सेना या इस प्रकार के पदों पर होता है। उनकी उंगलियां भी मोटी देखी जाती हैं।
ये मस्तिष्क का प्रयोग कम ही करते हैं। साथ ही जिद्दी, क्रोधी, साहसी, लगन वाले आदि होते हैं। स्पष्टवक्ता होते हैं और गलत बात को भी सहन नहीं करते।
हदय रेखा का अन्त वृहस्पति पर हो तो ऐसे व्यक्ति महान, साहसी, सत्यवादी, आन पर मरने वाले व कई भाषाओं के ज्ञात होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के हाथ गुलाबी होते हैं। इनके मकान या सम्पति पर झगड़ा पाया जाता है। (नितिन पामिस्ट )
मंगल अधिक उठा होने पर व्यक्ति को विवाह में रुकावट होती है। विवाह देर से होता है या सम्बन्ध होकर टूटता है। ऐसे व्यक्तियों को मूंगा पहनना चाहिए।
मंगल उठा होने पर इसका विशेष फल 1 12, 4, 8, 12, 14, 28 व 48 वर्ष में देखा जाता है। (नितिन पामिस्ट )
मंगल उत्तम होने पर व्यक्ति यदि भावुक भी हो तो आत्महत्या जैसी घटनाएं नहीं करता। मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर व्यक्ति स्पष्टत्रक्ता, झगड़ालू, बेहद चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव के होते हैं। मस्तिष्क रेखा सुन्दर होने पर साहसी, बर्दाश्त न करने वालं होते हैं। ऐसे व्यक्ति दबते नहीं। सत्य का अन्तत: पालन करते हैं।
जुबान के पक्के होते हैं, सच्चे व स्वाभिमानी होते हैं। परन्तु मस्तिष्क रेखा अधिक सुन्दर होने पर ये बेहद चालाक देखे जाते हैं। इनका मकान ऊची जगह पर होता है तथा यह कार्य भी समतल भूमि से ऊंचे पर ही करते हैं।
मंगल पर क्रास होने पर बवासीर हो जाती है। यदि मस्तिष्क रेखा में शनि की नीचे दोष हो तो निश्चय ही ऐसा कहा जा सकता है।
मस्तिष्क रेखा में अन्य दोष होने पर ये अपनी स्मृति को कमजोर समझते हैं। विशेष दोष होने पर बड़ी आयु में इनकी स्मृति कमजोर भी हो जाती है।
मंगल पर काला या लाल दाग होने पर इनकी मृत्यु विष से होने की सम्भावना होती हैं।
मंगल पर तारा होने पर क्रोध अधिक आता है और झगड़ों में मार-पीट व चोट लगती है। मस्तिष्क रेखा में दोष हो तो यह भी सम्भावना होती है कि इनके हाथ से किसी की हत्या हो जाये।
मंगल पर अधिक रेखाएं होने पर भेंट में गैस, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता हैं। फलस्वरूप धातु विकार होते हैं। सिर में दर्द रहता है। चन्द्रमा उन्नत हो तो ऐसा निश्चय ही होता है। सर्दी का असर नाक व गले में बना रहता है। (नितिन पामिस्ट )
मंगल पर चतुष्कोण होने पर जेल का डर भी होता है। कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ती है।
मंगल पर त्रिकोण होने पर उच्चकोटि के गणितज्ञ होते हैं। इन्हें सेना या शोध कार्य में सम्मान मिलता है।

पढ़ें - जीवन रेखा से अपनी आयु ज्ञात करना - हस्तरेखा शास्त्र

विवाह आयु की गणना का तरीका (Marriage Calculator In Palmistry)


विवाह आयु की गणना का तरीका (Marriage Calculator In Palmistry)


विवाह आयु की गणना का तरीका
(Method To Calculate Age Of Marriage By Hand)



Hath Ki Lines Se Vivah Ki Age Kaise Calculate Karte Hai 

कनिष्का (छोटी ऊँगली) के तीसरे पर्व की जड़ में एक बिंदु लगा दे व दूसरा बिंदु हृदय रेखा पर सामने लगा दे अब इन दोनों बिन्दुओ को एक सीधी रेखा से खीचकर मिला दे।  अब आप इस दूरी को 60 वर्ष का मान लीजिये।  अब यदि इस दूरी के ठीक मध्य में एक बिंदु लगा दे तो वो 30 वर्ष की आयु होगी।  अब यदि मध्य बिंदु और हृदय रेखा की दूरी के ठीक मध्य एक और बिंदु लगा दिया जाय तो वो 15 वर्ष की आयु होगी ! इसी प्रकार यदि मध्य बिंदु और कनिष्का ऊँगली के जड़ के बिंदु की दूरी के ठीक मध्य में एक बिंदु लगा दिया जाय तो वो 45 वर्ष की आयु होगी।  इसी प्रकार आप बिंदु लगा कर एक-एक वर्ष का अनुमान निकाल सकते है। 


अब आप बहुत आसानी से अनुमान लगा सकते है की व्यक्ति का विवाह किस आयु में होना चाहिए ! यदि विवाह रेखा मध्य बिंदु से नीचे है तो आप बता सकते है की विवाह 30 वर्ष की आयु से पहले होना चाहिए उसी प्रकार यदि विवाह रेखा मध्य बिंदु के ऊपर है तो आप बता सकते है की विवाह 30 वर्ष के पश्चात ही होगा। 

यहाँ पर इस बात का ध्यान रखना होगा की विवाह रेखा वो ही मानी जायगी जो स्पष्ट और लम्बी हो।  आपको इसके लिए काफी हाथो का परीक्षण करना होगा क्योकि जैसा मैं पहले बता चुका हूँ की "हस्तरेखा का मुख्य सिद्धांत यह है की फलादेश करते समय व्यक्ति के लिंग, देश, काल और जाती/धर्म का ध्यान रखना आवश्यक है, क्यों की व्यक्ति के जीवन पर इनका विशेष प्रभाव होता है"। आप खुद जानते है की विवाह को लेकर प्रत्येक देश, जाती, धर्म व समाज में विभिन्नता पाई जाती है। 


हाथ में विवाह के अन्य योग भी होते है। 



पढ़ें - मंगल पर्वत का स्थान - हस्तरेखा 

हार्ट लाइन का टूटा होना हस्तरेखा


हार्ट लाइन का टूटा होना हस्तरेखा 

हार्ट लाइन का टूटा होना हस्तरेखा

हृदय रेखा के टूटे होने पर व्यक्ति को प्यार में असफलता मिलती है और हृदय से सम्बंधित बीमारी होती है। घर परिवार में सम्मान की कमी रहती है। अपनों से कम बनती है। 

सपने में ताबूत (स्वयं का) देखना

सपने में ताबूत (स्वयं का) देखना

सपने में ताबूत (स्वयं का) देखना - अपना ताबूत, अर्थी या जनाजा देखने का फल यह है कि जिस काम को कर रहे है, उसमें पूर्ण सफलता, जिस दुश्मन से दुश्मनी चल रही है उस पर विजय होगी ।

पढ़ें - Sapne Mein Jalsa Dekhna

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Hatheli Ka Rang Lal, Gulabi, Peela Aur Safed Hona | Hast Rekha Shastra

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रंगो की दृष्टि से पूरे हाथ का वर्गीकरण - हस्तरेखा विज्ञान

श्यामल रंग वाले हाथ

इनकी हथेली पर श्यामवर्ण की हल्की छाया पायी। जाती हैं। ये क्रोधी, अहंकारी, मन्दबुद्धि, पाशविक, नशेबाज और वेश्यागामी भी हो सकते हैं। धन पाने के लिए हर तरह की नीति और हथकण्डे अपनाते हैं। अगर ऐसे लोगो की मस्तिष्क रेखा अच्छी हो तो ये भाग्यवान बन सकते हैं। चन्द्रमा व मंगल का शुभ होना भी आवश्यक है। अन्यथा इनका अन्त दु:खद हो सकता है। ऐसे लोगों के लिए अपने मन को संयमित रखना तथा भ्रष्ट आचरण से बचना स्वास्थ्य, सुख और सफलता दे सकता है। लेकिन यह बहुत कठिन है।

लाल हाथ

रक्तवर्ण हाथ में भी ऊपर लिखी बुराइयाँ पायी जाती हैं। ऐसे लोग स्वस्थ होते हैं पर अन्त में अपनी ही बुराइयों जैसे अधिक क्रोध, काम आदि के कारण मारे जा सकते हैं, प्रायः अपने ही लोगों द्वारा। श्यामल तथा लाल हाथ वालों को रक्तचाप (Blood Pressure) अधिक होने या मधुमेह (Diabetes) का रोग सम्भव है।

गुलाबी हाथ 

गोरे या चम्पई वर्षों में पाये जाते हैं। सिन्दूरी हाथ भी इसी श्रेणी में आता है। ये स्वभाव से कोमल, स्वस्थ और संवेदनशील होते हैं। कामशक्ति अधिक, भोगवादी और अधिक चंचलता होती है। प्रायः धनवान वर्ग के होते हैं।

सफेद व पीला हाथ

अधिक असफलताओं, निराशा तथा दु:खों-रोगों का सामना करना पड़ता है। उदासीनता (Depression) के शिकार। सफलता पाने के लिए लम्बा और कठिन संघर्ष करना पड़ता है। निद्रा की अधिकता, आलस्य तथा अत्यधिक काम वासना से इन्हें बचना चाहिए। यह हाथ सफेदी अधिक दिखाता है, पीलापन कम। पूरी तरह पीला हाथ जिगर के रोग या पीलिया रोग का सूचक है। सफेदी दिखाने वाला हल्का पीताभ हाथ का व्यक्ति स्वार्थी, अहंकारी और दूसरों के प्रति सहानुभूति बहुत कम रखता है। पूरी तरह पीलापन रोगग्रस्तता, अवसाद (Depression) और चिड़चिड़ापन दर्शाता है।

नीला हाथ

ऐसे लोग किसी प्रकार के नशे के आदी होते हैं या इनमें रक्तदोष पाया जाता है। स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। हृदय रोग भी सम्भव है।

हाथों के दाग

काले या नीले धब्बे गुप्त रोगों, स्नायु रोगों की सम्भावना प्रकट करते हैं।

पढ़ें - अँगूठों के झुकाव के आधार पर भाग्य वर्गीकरण

Surya Parvat In Hand In Hindi

Surya Parvat In Hand In Hindi

सूर्य पर्वत के गुण और दोष - हस्तरेखा 

सूर्य क्षेत्र या सूर्य पर्वत - यह अनामिका उंगली के नीचे होता है । यह उन्नत होने से मनुष्य में उत्साह और सौदर्यप्रियता होती है। चाहे मनुष्य कलाकार या संगीतज्ञ न हो किन्तु काव्य-कला और संगीत में उसकी रुचि अवश्य रहती है। ये इस ग्रह-क्षेत्र के साधारण गुण हैं। अब निम्न, साधारण, उच्च या अति उच्च इन तीनों लक्षणों के अलग-अलग फल बताये जाते हैं-

 यदि यह क्षेत्र बिलकुल धंसा हुआ हो तो उत्साह-शक्ति कम होती है । कला, काव्य प्रादि की ओर मन बिलकुल नहीं जाता। न अध्ययन की ओर रुचि होती है। तमाशा देखना, खाना-पीनाबस यही जीवन का ध्येय होता है । बुद्धि प्रखर नहीं होती।

यदि साधारण उच्च हो तो जो गुण प्रारम्भ में बताये गये हैं वही होते हैं । कला, काव्य, सौन्दर्यप्रियता आदि की ओर प्रवृत्ति रहते हुए भी सृजन-शक्ति नहीं होती।

यदि अच्छी प्रकार उच्च हो तो यश, मान, प्रतिष्ठा, धन-संग्रह आदि में सफलता होती है। सौन्दर्यप्रियता विशेष होती है, विवाह की ओर रुचि होते हुए भी या विवाह कर लेने पर भी इन्हें पूर्ण वैवाहिक सुख प्राप्त नहीं होता, क्योंकि इनका आदर्श बहुत ऊंचा होता है ।  ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । ये लोग प्राभूषण-प्रेमी होते हैं। धार्मिकता की ओर भा इनकी रुचि होती है। यदि उंगलियों का प्रथम पर्व लम्बा हो तो काव्य या साहित्यकर्ता या कलाकार होते हैं।

यदि बहुत अधिक उच्च हो तो 'अति' मात्रा में गुण भी अवगुण हो जाते हैं । 'अहं' भाव या अभिमान बहुत बढ़ जाता है। इनमें ईर्ष्या, खुशामदप्रियता आदि दुर्गुण होते है। यदि साथ ही अँगूठे का प्रथम पर्व अधिक लम्बा और द्वितीय पर्व छोट। हो, उंगलियाँ टेढ़ी हों तो ये दुर्गुण विशेष मात्रा में होते हैं।

स्वास्थ्य की दृष्टि से नेत्र-विकार, कम दिखाई देना, हृदय-रोग आदि का सूर्य-क्षेत्र से विशेष सम्बन्ध है। यदि शीर्ष-रेखा पर सूर्यक्षेत्र के नीचे बिन्दु-चिह्न हो तो अन्धापन, यदि हृदय-रेखा द्वीपयुक्त या अन्य दोषयुक्त हो तो हृदय-रोग होता है । यह सब आगे विस्तारपूर्वक बताया गया है।

पढ़ें  - सूर्य पर्वत और बीमारियों का संकेत - हस्तरेखा 


Sign Of Imprisonment In Palmistry

Sign Of Imprisonment In Palmistry



Sign Of Imprisonment Or Jail On Hand In Palmistry


There are few signs on hand which indicates court case, imprisonment, jail, etc.

1). Island on Sun Line. If there is an island on sun line then there are strong chances of false allegation or blame on subject and due to this there are always chances of imprisonment.

2). Break on Sun Line. Prediction is same as above but also indicates financial loss and demotion or loss by enemies.

3). Fate line like hook under headline indicates jail due to wrong decision or partnership with wrong person.
4). Cross or Square inside lifeline on Mount of Venus denotes Sanyasi (Solitairian) and jail.

Read - How To Check When You Will Get Job Palmistry

Head Line Starts Between Mount Of Jupiter & Mount Of Saturn Palmistry



jupiter mount, all mounts name in palmistry

If Head Line starting some distance from the Line of Life, although at its normal height or Head Line starts from between Mount of Jupiter and Mount of Saturn or in other words starting part of Head Line is absent then it indicates subject is slow learner and severe eye disease in childhood/early youth.

What are the signs of acidity and heartburn on hand - Acidity and Heartburn Sign On Hand

Rahu Lines On Hand Palmistry

Rahu Lines Palmistry
Rahu Lines Palmistry

Rahu Lines On Middle Of Palms Palm Reading

Rahu lines are diagonal lines starting from mount of lower mars inside of life line which indicates problems in life (family problems, business loss, and marriage problems).

Rahu lines are also known as Tension Lines, Worry Lines, and Obstacle Lines on Hand.

Most people have a series of lines that radiate from the base of their thumb towards the life line, sometimes even crossing it. These are known as worry lines, and some people have a few while others have hundreds. Most worry lines are not important, but worry lines that cross your life line could have the potential to affect your health and family. Most of us worry about things that never happen, so if you see lots of worry lines it might be time to relax more and enjoy life.

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हाथ का आकार प्रकार हस्तरेखा | Shape Of Hand Palmistry


हाथ का आकार प्रकार हस्तरेखा 



हाथ का आकार प्रकार हस्तरेखा

हाथ की रेखाएँ जिस पृष्ठभूमि पर लिखी जाती है वह हैं-अंगुलिया, अंगूठे और हथली। जिस प्रकार किसी चित्र या व्यक्ति की पृष्ठभूमि बदल देने से उसका प्रभाव बदल जाता है उसी प्रकार हाथ का आकार प्रकार बदलने से हस्तरेखा का अर्थ बदल जाता है। इसलिए आइए हाथ के आकार से अपनी बात शुरू की।

हाथ (Hand)

अधिकतर हाथ का आकार शरीर के अन्य अंगों के अनुपात के अनुसार होता। है, लेकिन कभी-कभी एक-सी लम्बाई वाले व्यक्तियों में हाथ का आकार अन्य अंगों के अनुपात में बड़ा या छोटा होता है। हाथ का आकार औसत से छोटा होने पर उसे छोटा हाथ' और औसत से बड़ा होने पर बड़ा हाथ' कहते हैं। जब हथेली की चौड़ाई अँगूठे के मूल से अँगूठे के शीर्ष तक की चौड़ाई से अधिक हो तो उसे चौड़ा हाथ कहते हैं। जब हाथ की लम्बाई मणिबन्ध से बीच की अँगुली (मध्यमा) की नोंक तक अनुपात से अधिक लम्बी हो तो उसे लम्बा हाथ कहते हैं। अनुपात से छोटा होने पर छोटा हाथ। ।

हाथ का पृष्ठभाग (Back of the Hand) 

हाथ में जिस तरफ रेखाएँ होती हैं उसे भीतरी भाग अथवा हथेली कहते हैं। हथेली के दूसरी ओर के भाग को हाथ का पृष्ठभाग (Back of the Hand) कहते है। इस ओर अधिकांश पुरुषों में बाल होते है।

हाथों पर बाल (Hair on the Hand)

हाथ के पृष्ठभाग पर बालों का होना पुरुष की कामशक्ति का परिचायक होता है। उनमें शारीरिक-शक्ति अधिक होती है। ऐसे पुरुषों को अपने मन पर निया करने में कठिनाइयाँ आती हैं। हाथों के पृष्ठभाग पर बाल बहुत कम होना होना परुष का झुकाव कल्पना, कला, मानसिक विकास तथा आत्मरति को प्रकट करता है। उन्हें अपने आप से ही अधिक प्यार होता है। वे दूसरों की शीघ्र ही अपने को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेते है।

जिनके हाथ के पृष्ठभाग पर काले बाल अधिक होते है वे शारीरिक रूप से अधिक शक्तिशाली, क्रोधी, साहसी, कम संयम वाले तथा कामुक होते हैं। उनका झुकाव मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति की ओर कम होता है। सुनहरे और भूरे बाल वालों में कलात्मकता होती है और वे सौन्दर्य प्रेमी होते हैं।

हाथ के पृष्ठभाग पर लाल बालों वाले पुरुष अन्य की अपेक्षा जल्दी प्रतिक्रिया करते तथा जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं। आयु बढने के साथ ही बालो का सफ़ेद होना शुरू हो जाता है और उसी के अनुसार पुरुषों की शारीरिक क्षमताये घटने लगती है। उनके क्रोध, ‘काम’ और कार्यों को करने की शक्ति होती जाती है। परन्तु युवावस्था में ही हाथों के पृष्ठभाग के बालों का सफेद होना व्यक्ति के मानसिक तनाव, चिन्ता, जल्दबाजी और शारीरिक परिश्रम कम करने को प्रकट करता है।

सरल हस्तरेखा पुस्तक की सभी पोस्ट यहाँ पढ़ें  - सरल हस्तरेखा शास्त्र 

वासना रेखा | सुमन रेखा | Vasana Rekha | Hastrekha



वासना रेखा | सुमन रेखा | Hastrekha

वासना रेखा

इस रेखा को सुमन रेखा, Via Lasciva Line भी कहा जाता है।  यह रेखा दो प्रकार की होती है पहली स्वास्थ्य रेखा के समान्तर और दूसरी रेखा शुक्र और चन्द्र पर्वत पर अर्धचन्द्राकार के रूप में दोनों पर्वत को जोड़ते हुई। 

वासना रेखा से व्यक्ति के अन्दर कामुकता और दुर्व्यसन की भावना बढ़ जाती है। 

अगर वासना रेखा स्वास्थ्य रेखा के समांतर है तो वो स्वास्थ्य रेखा को बल देती है।  स्वास्थ्य रेखा के दोष कम करती है लकिन अगर स्वास्थ्य रेखा बिलकुल कमजोर है और वासना रेखा बहुत प्रबल है तो व्यक्ति की कामुकता बढ़ जाती है लकिन उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। 

यदि वासना रेखा दूसरी प्रकार की है तो व्यक्ति की वासना बहुत जयादा बढ़ी होगी ! ऐसा व्यक्ति अपनी वासना पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकता है वो सही गलत नहीं सोचता है। 

जिन लोगो के हाथ में किसी भी प्रकार की वासना रेखा हो वो लोग हमेशा विलासिता का जीवन जीना चाहते है। अगर वासना रेखा जीवन रेखा/भाग्य रेखा को काट दे तो व्यक्ति को बुरी लत लग जाती है जैसे अफीम, चरस आदि की लत लग जाना। 

वासना रेखा के साथ अगर शुक्र मखेला, केतु, चन्द्र, और शुक्र पर्वत भी दूषित हो तो व्यक्ति को कोई ना कोई गुप्त रोग होता है। 

वासना रेखा के साथ हाथ में दूसरी चीजों का भी अध्ययन जरूरी है जैसे अगर वासना रेखा, सूर्य रेखा को काट दे तो व्यक्ति को दण्डित या अपमानित होना पड़ेगा अपनी कामुकता व लत के कारण। 

वासना रेखा पर पाए जाने वाले चिन्ह से आप अनुमान लगा सकते है की व्यक्ति पर क्या प्रभाव पडेगा। 

आप जिस तरह बाकी सभी रेखाओ का अनुमान लगाते है उसी तरह वासना रेखा का भी अनुमान लगा सकते है वासना रेखा का किसी रेखा से मिलना या उसे काटना या वासना रेखा का टूटा होना अलग अलग विचार प्रर्दशित करता है। आप सभी स्थिति का अनुमान लगा सकते है।

पढ़ें - हथेली से अपनी नौकरी और व्यवसाय जाने 

सितारा (Star) हस्तरेखा विज्ञान | Indian Palmistry



सितारा (Star) हस्तरेखा विज्ञान
सितारा (Star) हस्तरेखा विज्ञान

सितारा (Star) - यह एक शुभ चिह्न है। यदि जातक की जीवन रेखा भाग्यरेखा, सूर्य, मस्तिष्क व हृदय रेखाएँ भी अच्छी हों, तो उसके भाग्य में सितारा जुड़ने से नयी चमक आ जाती है। इसकी प्रमुख स्थितियाँ दो हैं। 

पहली पर्वत के ठीक ऊपर और दूसरी पर्वत के दायें, बायें, नीचे या अँगुली के पास।

दूसरी स्थिति में व्यक्ति स्वयं उतनी उन्नति व ख्याति तो नहीं पाता, परन्तु अपने-अपने क्षेत्र में सफलता तथा ख्याति पाने वाले सर्वोच्च व्यक्तियों से मिलता एवं उनके सम्पर्क में आता है। इससे उस व्यक्ति की सत्ता तथा शक्ति में भी वृद्धि होती है।

गुरु पर्वत पर सितारा या तारा महान शक्ति, सम्मान तथा पद दिलाता है।

शनि पर्वत (Mount of Saturm) पर तारा भयानक, भाग्यवादी पर सफल तथा प्रसिद्ध व्यक्ति का द्योतक है, जो महान नायक या खलनायक बन सकता है। उसका अन्त प्राय; दुखद होता है परन्तु यश दिलाता है। 

सूर्य पर्वत पर सिताराः व्यक्ति को उच्च पद, प्रसिद्धि तथा धन प्रदान करता उसके बदले में उसकी मानसिक शान्ति, खुशी, सन्तोष और कभी-कभी स्वास्थ्य छिन जाता है। सूर्य रेखा के अन्त में या उससे बना तारा परिश्रम से अर्जित अच्छी प्रसिद्धि देता है जो अधिकतर कला के क्षेत्र में मिलती है। 

बध पर्वत पर ताराः व्यक्ति को विज्ञान, व्यापार अथवा भाषण या वार्तालाप की कला के द्वारा धन तथा यश प्रदान करता है। 

मंगल पर्वत पर ताराः बुध के नीचे वाले स्थान पर स्थित मंगल (मंगल का ऊपरी क्षेत्र) पर तारा जातक को परिश्रम तथा धैर्य से प्राप्त होने वाली कामयाबी और शोहरत देता है। ये लेख भारत के प्रसिद्ध हस्तरेखा शास्त्री नितिन कुमार पामिस्ट द्वारा लिखा गया है अगर आप उनके दवारा लिखे सभी लेख पढ़ना चाहते है तो गूगल पर इंडियन पाम रीडिंग ब्लॉग को सर्च करें और उनके ब्लॉग पर जा कर उनके लिखे लेख पढ़ें । बृहस्पति क्षेत्र के नीचे स्थित (मंगल का निचला क्षेत्र) मंगल पर बना तारा व्यक्ति को किसी युद्ध या बड़े संघर्ष में विजयी बनाकर यश दिलाता है ।

शुक्र पर्वत पर ताराः व्यक्ति को प्रेम, प्रणय और वासनापूर्ण सम्बन्धों में बहुत सफल बनाता है। यदि तारा शुक्र पर्वत के किनारे पर हो तो व्यक्ति प्रेम सम्बन्धों में विशिष्ट स्थान रखने वालों के साथ प्रणय सम्बन्ध बनाता है । 

चन्द्र पर्वत पर ताराः जातक अपनी कल्पनात्मक शक्तियों तथा शुक्र के गुणों के बल पर अच्छी सफलता तथा यश प्राप्त करता है लेकिन इस क्षेत्र में मस्तिष्क रेखा आ जाये और वह तारे में खत्म हो तो वह व्यक्ति के लिए घातक होता है। ऐसा व्यक्ति पागल या आत्मघाती हो सकता है।

अँगूठे व अँगुलियों के प्रथम पोरे पर स्थित तारा इस बात का शुभ संकेत है कि व्यक्ति जो भी कार्य दिल से करेगा उसमें सफलता तथा यश पायेगा। इसके अलावा अन्य स्थानों पर तारा रोग, शोक या अपयश का कारण बनता है। 

तारे (Star) के सम्बन्ध में हाथ की अन्य विशेषताओं व रेखाओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य बताना होता है। इस मूल सिद्धान्त का प्रत्येक चिह्न का भाग्यफल बताते समय ध्यान रखें।

सरल हस्तरेखा पुस्तक की सभी पोस्ट यहाँ पढ़ें  - सरल हस्तरेखा शास्त्र 

Hath Mein Dhokebaaz Aur Diwaliya Hone Ka Yog -Hastrekha Gyan

Hath Mein Dhokebaaz Aur Diwaliya Hone Ka Yog -Hastrekha Gyan
जैसे आप सभी को मालूम है की बुध रेखा से व्यापार और स्वास्थय का अनुमान लगते है।

बहुत बार ऐसे लोग भी आपको मिलते है जिनकी प्रवृति धोखा देने की होती है मतलब वो ईमानदारी से पैसा नहीं कमाना चाहते है।   ऐसे लोग तस्करी, लाटरी, रंगदारी, शार्ट कट , शेयर मार्किट, जैसे कामो में रूची रखते है।

वैसे तो बहुत योग होते है लेकिन यहाँ पर एक योग बताया जा रहा है अगर बुध रेखा पर काला तिल है तो व्यक्ति धोखेबाज़ होता है और बेईमानी से पैसा बनाने वाला होता है लेकिन ये योग साथ में दिवालिया होने का भी संकेत है और पेट के जटिल रोग का भी संकेत है।   ऐसे व्यक्ति को उदर से सम्बंधित जटिल रोग पुरे जीवन बना रहता है। (2)

यदि बुध रेखा से एक शाखा निकल कर बुध पर्वत पर चली जाय तो ऐसा व्यक्ति असफल होता है क्युकी ऐसा व्यक्ति अनेक कामो में उलझ कर रह जाता है। ऐसा व्यक्ति शेखचिल्ली की तरह सिर्फ ख्वाब देखता है और सम्पति को खत्म कर देता है। (1)

पढ़ें - हथेली में वासना रेखा कहाँ होती है ? हस्तरेखा शास्त्र