एकादश भाव में राहु के सरल उपाय
एकादश भाव में राहु - एकादश भाव में सभी ग्रह शुभ फलदायक होते हैं अत: राहु भी शुभफलदायक है। पापमार्ग से धन लाभ जिसका दुष्परिणाम संतानों, पुत्रों पौत्रों को भोगना पड़ता है अत: पाप के धन से बचना ही श्रेयस्कर तथा शुभ है। स्त्रीराशि में - शुभफल पुरुष राशि में अशुभफल पुरुष राशि में - पुत्र संतति में बाधा, पूर्व जन्म का शाप, पुत्र की मृत्यु, गर्भपात, पत्नी को सन्तति प्रतिबंधक योग में प्रजनन अंगों के रोग अथवा संतान उत्पन्न करने की अक्षमता होना। अचानक धनी होने की इच्छा, दौड़, शेयर सट्टा, लाटरी, जुआ में धन खर्च, अधिकारी होने पर अन्धाधुन्ध रिश्वत लेना, कानून के चंगुल में फाँसकर दण्ड, अपमान, नौकरी छूटना, कारावास आदि भोगना, लोभी स्वभाव, मित्रों से हानि, भाग्योदय में रुकावटें।
स्त्रीराशि में प्रथम सन्तान कन्या, बहुत समय बाद पुत्र, पुत्रियां अधिक, मित्र अच्छे, ज्योतिष या मन्त्रशास्त्र में कुशल, उनकी सहायता से जीवन चलना, रिश्वत लेने पर पकड़ा न जाना, व्यापार व नौकरी दोनों में सफल बडी भाई की मृत्यु या बेरोजगारी से उसके कुटुम्ब का बोझ भी स्वयं उठाना 42वें वर्ष सहसा । प्राप्ति. 28वें वर्ष आजीविका प्रारंभ 27वें वर्ष विवाह।