हस्तरेखा में सूर्य रेखा एक ऊर्ध्वगामी रेखा है, जो सूर्य क्षेत्र पर समाप्त होती है। इसे Line of the Sun, Line of Success, Line of Brilliancy, Line of Apollo, प्रतिभा रेखा, सफलता रेखा, यश रेखा, धर्म रेखा, पुण्य रेखा, विद्या रेखा, विवेक रेखा, ज्ञान रेखा, प्रतिष्ठा रेखा एवं ऐश्वर्य रेखा आदि नामों से भी जाना जाता है।
सूर्य रेखा मूलतः भाग्य रेखा की सहायक रेखा है। इसके द्वारा जातक की सफलता, विद्या, विवेक, यश, सौभाग्य, प्रतिष्ठा व आर्थिक स्थिति आदि का विचार किया जाता है। सूर्य रेखा और भाग्य रेखा के विषयों में काफ़ी समानता है। दोनों ही रेखाएं जीवन की प्रगति या सफलता की परिचायक हैं। भाग्य रेखा जातक के आर्थिक भाग्य को निर्धारित करती है, किन्तु सूर्य रेखा प्रतिष्ठापूर्ण भाग्योदय की परिचायक है, अर्थात् सूर्य रेखा का सम्बन्ध भी भाग्य रेखा की तरह भाग्य से ही है।
अन्तर केवल इतना है कि सूर्य रेखा भौतिक समृद्धि की अपेक्षा यश, कीर्ति, मान व प्रतिष्ठामूलक भाग्य पर विशेष रूप से केन्द्रित होती है, जबकि भाग्य रेखा भौतिक जीवन की प्रगति का निदर्शन कराती है।