Hast Rekha | Palmistry In Hindi

हस्तरेखा शास्त्र | Hast Rekha Gyan In Hindi With Image


हस्तरेखा पर बहुत सारे लेख है लेकिन ज्यादातर लेख इंग्लिश में है इसलिए इस पोस्ट में हस्तरेखा ज्ञान को चित्रों सहित हिन्दी (hast rekha in hindi with images) समझाने की कोशीश की गई है । 

इस पोस्ट में आप पढ़ सकते है की हस्तरेखा से जॉब (hast rekha for job), प्रेम विवाह (love marriage hand reading lines), सरकारी नौकरी (govt job line), विवाह रेखा से स्त्री और पुरुष के विवाह का विवरण (palmistry love marriage line in female hand), इत्यादि का कैसे अनुमान लगाया जाता है ।    


 

दोहरी सूर्य रेखा के लाभ और दोष 

यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दोहरी सूर्य रेखा है तो निश्चित ही वह प्रतिभावान होता है लेकिन दो सूर्य रेखा होने का सबसे बड़ा नुकसान ये है की उस व्यक्ति का मन हमेशा विचलित रहता है और उसका मन किसी भी एक काम में नहीं लगता है। उसको हमेशा ये लगता है की उसको कुछ और करना चाहिए और परिणामस्वरूप उसको सफलता नहीं मिल पाती है क्युकी वो हमेशा अपने काम को अधूरा छोड़ कर दूसरे काम को शुरू कर देता है मतलब एक काम पूरा नहीं करता है और दूसरा काम शुरू कर देता है और इसी वजह से वह अपने आपको बीच में उलझा हुआ पाता है। 

ऐसा व्यक्ति बहुमुखी प्रतिभा का धनि होता है और इसी वजह के कारण वो कई कामो को एक साथ कर सकता है लेकिन फिर भी वो किसी एक काम में माहिर नहीं होता है। 

१) अगर दोनों सूर्य रेखा बराबर और स्पष्ट है तो व्यक्ति की आय एक से ज्यादा होती है। 

२) अगर डबल सन लाइन है तो व्यक्ति को एक से ज्यादा कार्यो की जानकारी होती है। 

३) अगर एक सूर्य रेखा छोटी है तो वो मुख्य सूर्य रेखा की सहायक रेखा के रूप में कार्य करती है और व्यक्ति को धनलाभ देती है। 

सूर्य रेखा पर त्रिशूल होना भी वैदिक हस्त रेखा शास्त्र में बहुत शुभ माना गया है। 

-----------------x---------------

अमीर आदमी और गरीब आदमी की हाथ की रेखा का फ़र्क जाने | Rich & Poor Palmistry

अमीर आदमी और गरीब आदमी की हाथ की रेखा में क्या फ़र्क होता है ? 


हर इंसान जानना चाहता है की वो अपने जीवन में अमीर बनेगा या नहीं, उसके पास कितना पैसा होगा, गाडी और बंगला होगा या नहीं? या फिर वो जीवन भर ऐसा ही रहेगा ?


हस्त रेखा में ऐसे कुछ योग होते है जिन से हमको पता लगता है की व्यक्ति निर्धन परिवार में जन्म ले कर भी अमीर बनेगा और अमीर घर में जन्म ले कर भी निर्धन हो जायगा। 
  
हम सब हमेशा ये ही सोचते है की भगवान् ने किसी को गरीब और किसी को बहुत अमीर क्यों बनाया ? वास्तिवकता में इस सवाल का जवाब ढूंढ पाना असंभव है, हालांकि ऐसा माना जाता है की व्यक्ति अपने पिछले जन्म के कर्मो का फल इस जन्म में भोगता है। हस्तरेखा में भी ऐसे योग है जिन से अनुमान लगता है की इस व्यक्ति को अचानक धनलाभ होगा या फिर इस व्यक्ति को अचानक धननाश होगा और ये पिछले जन्म के कर्मो की बदौलत ही व्यक्ति के साथ होता है।

अमीर और गरीब के हाथ में क्या फ़र्क होता है ? कौन सी रेखा, कौन से चिन्ह और कौन से योग होते है जिन से एक व्यक्ति अचानक अमीर बन जाता है और एक व्यक्ति अचानक गरीब बन जाता है ?

१) यदि हाथ में बहुत अच्छी भाग्यरेखा है और उसके साथ बहुत ही अच्छी सुर्य रेखा भी हो तो व्यक्ति निसंदेह अपने जीवन में सुख-समृद्धि का आनंद लेता है। 
२) इसके विपरीत व्यक्ति के हाथ में भाग्यरेखा व सुर्य रेखा का आभाव हो तो व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
३) अमीर व्यक्ति के हाथ में भाग्य रेखा का उदय चन्द्र/केतु पर्वत (मणिबंध के ऊपर से) से होता है और वो सीधे शनि पर्वत पर निर्दोष समाप्त होती है। इसलिए भाग्य रेखा को शनि रेखा भी कहा जाता है। भाग्य रेखा दोषमुक्त होनी चाहिये ना की कटी-फटी होनी चाहिए अर्थात उसको कोई भी अवरोध रेखा या राहु रेखा काट नहीं रही हो।
४) भाग्य रेखा के साथ अच्छी निर्दोष सूर्य रेखा भी होनी चाहिए। यदि हाथ में ऐसी भाग्य रेखा और सूर्य रेखा है तो निसंदेह व्यक्ति विलासिता का जीवन व्यतीत करने वाला होगा।

-----------------x---------------

rich and poor hand palmistry
५ ) अमीर व्यक्ति अगर जन्म से अमीर है तो उसके अंगुष्ठ के प्रथम व द्वितीय पर्व के मध्य आँख (द्वीप) बनी हुई होती है। 
many lines on hand
६ ) गरीब व्यक्ति के हाथ में भाग्य रेखा व सूर्य रेखा का अभाव ही देखने को मिलता है। 
७) गरीब व्यक्ति के हाथ में रेखाओ का जाल बना होता है। जिस व्यक्ति के हाथ में रेखाओ का जाल बना हुआ होता है उस व्यक्ति को जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उस पर कर्जो का बोझ हमेशा बना रहता है। 
८)  भाग्य रेखा व सूर्य रेखा दोषयुक्त होने पर प्रभावहीन हो जाती है और अगर रेखाओ का मकडजाल बना हो तो व्यक्ति को जीवन में पग-पग पर बाधाये आती रहती है। व्यक्ति के जीवन में कभी खुशहाली नहीं आती है। 

अर्थात, भाग्य रेखा व सूर्य रेखा जितनी निर्दोष व स्पष्ट होगी और रेखाओ का जाल जितना कम होगा व्यक्ति को उतनी ही सफलता मिलेगी और भाग्यरेखा व सूर्य रेखा जितनी दोषयुक्त होगी और जितनी ज्यादा रेखाएँ होंगी व्यक्ति को उतनी ही कठिनाइया उठानी पड़ेगी।

हाथ में कई दूसरे शुभ योग और शुभ चिन्ह पाय जाते है जैसे मछली, मंदिर, तारा, त्रिशूल, स्वस्तिक  इत्यादि और यदि व्यक्ति के हाथ पर शुभ चिन्ह है तो व्यक्ति को अपार सफलता मिलती है लेकिन ऊपर बताई गयी बातें  महत्वपूर्ण है। अगर उनका अभाव है तो व्यक्ति के हाथ में मौजूद शुभ चिन्ह भी अपना प्रभाव नहीं देते है। 

-----------------x---------------

हाथ की मुख्य रेखाओ पर त्रिशूल होने का लाभ | Main Lines Par Trishul Hona

हाथ की मुख्य रेखाओ पर त्रिशूल होने का लाभ 

जैसा आप लोगो को ज्ञात है त्रिशूल महादेव जी और देवी दुर्गा का शस्त्र है इसलिए हिन्दू धर्म में इसका एक विशेष स्थान है। उस ही प्रकार हस्तरेखा शास्त्र में भी त्रिशूल को बहुत महत्व दिया गया है। 

ऐसा माना जाता है त्रिशूल जिस भी रेखा पर बना होता है वो उस रेखा के प्रभाव को दोगुना कर देता है। लेकिन ऐसा नहीं है की त्रिशूल का सिर्फ अच्छा अच्छा ही प्रभाव मिलता है। कभी कभी थोड़ा बुरा प्रभाव भी देखने को मिलता है।

यहाँ हम सिर्फ हाथ की तीन मुख्य रेखा पर त्रिशूल होने के फायदे पर ही बात करेंगे।  

अगर हृदय रेखा पर त्रिशूल बना हुआ है तो व्यक्ति को जीवन भर धोखे खूब मिलते है और मजे की बात ये है की उसको धोखे अपने परिवार वालो से ही मिलते है।  ऐसे व्यक्ति को पारिवारिक सुख नहीं मिलता है। प्रॉपर्टी और जमीन विवाद को लेकर पारिवारिक कलह होती है लेकिन फिर भी ऐसा व्यक्ति समाज कल्याण में अपनी प्रॉपर्टी दान करता है, मानव समाज के लिए जान कल्याण का काम करता है। ऐसे व्यक्ति को अपने जन्म स्थान से दूर सफलता मिलती है। ऐसा व्यक्ति दयालु होता है और सभी की मदद करने को हमेशा तैयार रहता है। 

अगर मस्तक रेखा पर त्रिशूल बन रहा है तो व्यक्ति कलाकार, लेखक और प्रतिभावान होता है लेकिन कन्फ्यूज्ड दिमाग का होता है वो एक जगह नहीं टिक सकता है। उसके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है मतलब उसके दिमाग में अशांति बनी रहती है। वो इस आदत के चलते एक जगह ज्यादा समय काम नहीं कर पाता है और समय समय पर नौकरी बदलता रहता है। त्रिशूल की एक शाखा यदि बुध की तरफ चली जाय तो व्यक्ति को व्यापार और मेडिकल के क्षेत्र में बहुत अच्छी सफलता मिलती है और यदि दूसरी शाखा चंद्र पर्वत को चली जाय तो व्यक्ति को विदेश से लाभ मिलता है। 

यदि त्रिशूल जीवन रेखा के अंत में बन रहा है तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है या अपने राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी या व्यापर करता है लेकिन अगर बिलकुल अंत में छोटा त्रिशूल बन रहा है तो व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब रहता है ज्यादातर बुढ़ापे में शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है।  

त्रिशूल सूर्य रेखा और भाग्य रेखा पर भी पाया जाता है। 

-----------------x---------------

सूर्य रेखा पर त्रिशूल (Trident) चिन्ह के फायदे | Surya Rekha Par Trishul Hona

सूर्य रेखा पर त्रिशूल (Trident) निशान के फायदे 


जिस व्यक्ति के हाथ में किसी भी रेखा पर त्रिशूल (trident) बना हुआ होता है वो व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है लेकिन वो त्रिशूल किस रेखा पर बना हुआ है वो भी बहुत महत्व रखता है। सूर्य रेखा और भाग्य रेखा के अंत में ऊपर की ओर बना हुआ त्रिशूल को सबसे अच्छा माना गया है। 

सूर्य रेखा पर त्रिशूल बना हुआ है तो व्यक्ति की बल्ले-बल्ले है। ऐसे व्यक्ति को खूब मान सम्मान मिलता है और उस व्यक्ति की लाइफ सुपरस्टार की लाइफ होती है।  ऐसा व्यक्ति साहित्य, समाजसेवक, कलाकार और नेता इत्यादि भी बनता है। 

ऐसा व्यक्ति गरीब माँ बाप के घर में पैदा होने के बाद भी अच्छी जिंदगी व्यतीत करता है। एक ही माँ-बाप की तीन संतान है जिनका जन्म गरीब घर में हुआ है लेकिन जिसके हाथ में सूर्य रेखा पर त्रिशूल है वो तरक्की पर तरक्की करता है और विलासिता का जीवन व्यतीत करता है जबकि बाकी के दोनों भाई गरीब ही रह जाते है।

अब यदि भिखारी के हाथ में सूर्य रेखा पर त्रिशूल बना हो तो ये मान कर चलिए की उस भिखारी का वक्त जरूर करवट लेगा और वो एक दिन समाज में काफी अच्छी पोजीशन प्राप्त कर लेगा मतलब आप कह सकते हो की वह व्यक्ति पूरी जिंदगी भिखारी नहीं रहेगा।

१) यदि त्रिशूल सूर्य रेखा पर बना हुआ है तो व्यक्ति को अपार सफलता मिलती है।
२) यदि त्रिशूल की शाखा दोषयुक्त है तो त्रिशूल के प्रभाव में कमी आ जाती है।
३) सूर्य रेखा पर त्रिशूल सदैव अखंडित होना चाहिए और निर्दोष होना चाहिए तभी उसका पूरा फल मिलता है।

अगर भाग्य रेखा पर त्रिशूल है तो व्यक्ति के आय के साधन हमेशा चालू रहते है और कही न कही से आय होती रहती है। जमीन जायदाद खूब होती है।

-----------------x---------------

भाग्य रेखा से होने वाले नुकसान का पता करना जाने  | Bhagya rekha par tirshul trident hona
भाग्य रेखा पर त्रिशूल (Trident) होने के लाभ 


जैसा की आप सब को पता है की भाग्य रेखा से व्यक्ति के कैरियर, धन और सम्पति का पता लगता है और आपको ये भी मालूम है की त्रिशूल (Trident) के अत्यंत शुभ चिन्ह है इसलिए जिस भी व्यक्ति की मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत पर भाग्य रेखा पर त्रिशूल हो तो ऐसा व्यक्ति धनि होता है और भाग्यशाली होता है। 

ऐसे व्यक्ति जन्म से अमीर होते है या फिर प्रतिभावान होते है और अपनी प्रतिभा के बल पर अच्छा मुकाम हासिल कर लेते है। 

जिन लोगो के हाथ में त्रिशूल पाया जाता है उनके जीवन में धन की कमी कभी नहीं रहती है।  ऐसे लोगों के पास हमेशा धन रहता है या फिर इनके पास बुरे समय में भी धन आता रहता है (धन का आना बंद नहीं होता है) इसलिए हम बोल सकते है की माँ लक्ष्मी की इन लोगो पर विशेष कृपा रहती है। 

भाग्य रेखा पर त्रिशूल को लेकर विशेष बातें -

१) त्रिशूल स्पष्ट होना चाहिए तभी उसका लाभ व्यक्ति को मिलता है। 
२) त्रिशूल के दोने सिरे मध्यमा पर होने पर व्यक्ति न्यायप्रिय, धार्मिक और समाज से जुड़ा होता है। 
३) यदि त्रिशूल का एक सिरा सूर्य पर्वत पर और दूसरा गुरु पर्वत पर हो तो व्यक्ति लोकप्रिय, धनवान, सुखी जीवन व्यतीत करने वाला होता है। एक से अधिक आय के स्रोत रहते है। कला , साहित्य , अध्यात्म के क्षेत्र में सफलता मिलती है। 
४) त्रिशूल के साथ भाग्य रेखा का भी साफ़ और स्पष्ट होना आवश्यक है वर्ना त्रिशूल का लाभ बहुत कम मिलता है।
५) कलाई से निकल कर शनि पर्वत पर समाप्त होने वाली भाग्य रेखा पर ही त्रिशूल सब से अधिक प्रभावशाली माना जाता है। 
६) त्रिशूल की शाखा कटी-फटी नहीं होनी चाहिए वर्ना लाभ कम ही मिलता है।    

त्रिशूल (Trident) निर्विरोध हाथ में पाया जाने वाला शुभ चिन्ह है लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है की सिर्फ त्रिशूल होने से व्यक्ति को जीवन में कुछ नहीं करना पड़ेगा और वो हमेशा विलासिता का जीवन व्यतीत करेगा बल्कि हस्तरेखा शास्त्री को हाथ के दूसरे शुभ अशुभ चिन्हो को भी देखना होगा।

भाग्य रेखा की तरह ही यदि सूर्य रेखा पर त्रिशूल बन रहा है तो भी व्यक्ति को अपार सफलता मिलती है।    

-----------------x---------------

Apne hath se kaise pata kare ki mrityu kab aur kaha hogi | Death line or sign on hand palmistry

अपने हाथ की रेखा से जाने अपनी मृत्यु का कारण, कब, कहाँ और कैसे होगी ? 

हर व्यक्ति ये जानने का इच्छुक रहता है की वो कितने वर्ष जीवित रहेगा और उसकी मृत्यु कैसे और कब होगी ? उस को लम्बी आयु प्राप्त होगी या वह अल्पायु होगा ? 

अधिकतर लोगो का मानना है की अगर जीवन रेखा छोटी होगी तो व्यक्ति की आयु भी कम होगी जबकि ये सत्य नहीं है। बल्कि जिस व्यक्ति के हाथ में लम्बी जीवन रेखा होती है उसका भी छोटी उम्र में निधन हो जाता है। 

इसलिए जीवन रेखा से आयु का अनुमान लगाना सर्वथा अनुचित है माना गया है। 

हस्तरेखा से मृत्यु का अनुमान लगाया जाता है की व्यक्ति की मृत्यु स्वाभाविक होगी या फिर अचानक मृत्यु होगी। 

१) मंगल पर्वत पर क्रॉस , तिल, जाली इत्यादि होने पर व्यक्ति की लड़ाई , अग्नि, करंट, बिजली, एक्सीडेंट, आंतो की बीमारी, मार-पीट, आत्महत्या, ऑपरेशन के दौरान मृत्यु होने का भय रहता है। 

२) चंद्र पर्वत पर  क्रॉस, तिल जाली इत्यादि होने पर मधुमेह, अवसाद (डिप्रेशन), किडनी, मूत्ररोग, थाइरोइड और डूबने से मृत्यु का भय बना रहता है। 

३) सूर्य पर्वत पर क्रॉस, तिल या कोई और दोष होने पर हृदयाघात, आँख का रोग, बुखार, संघात और आत्महत्या (बदनामी के चलते) से मृत्यु का भय बना रहता है। 

४) गुरु पर्वत पर द्धीप , तिल , जाली होने पर व्यक्ति की मृत्यु पेट, हड्डी रोग, टी.बी., लिवर, जॉन्डिस और फेफड़ो के रोग से होने की सम्भावना रहती है। 

५) शनि पर बुरा प्रभाव हो जैसे तिल , जाली, स्टार,  क्रॉस इत्यादि हो तो प्रसव पीड़ा से मृत्यु , एक्सीडेंट, आत्महत्या , घाव, डिप्रेशन इत्यादि से मृत्यु का भय बना रहता है। 

६ ) शुरू पर जाली , काला तिल या द्धीप होने पर छूत का रोग, मूत्र रोग, योन रोग इत्यादि से मृत्यु होने का भय बना रहता है। 

७ ) राहु दोषयुक्त होने पर व्यक्ति को पेट के रोग के कारण मृत्यु का भय बना रहता है। 

८ ) केतु दोषयुक्त होने पर व्यक्ति को रक्तविकार और चर्म रोग के कारण मृत्यु का भय बना रहता है। 

९ ) बुध दोषयुक्त होने पर निरशा के कारण , घाव , बोलने सम्बंधित , सांस की बीमारी इत्यादि के रोग से मृत्यु का भय रहता है। 

इनके अलावा अगर मंगल  रेखा, जीवन रेखा, सूर्य रेखा, हृदय  रेखा, मस्तक रेखा में से कोई एक दोषयुक्त है तो उस रेखा से सम्बंधित रोग से व्यक्ति की मृत्यु का अनुमान लगाया जाता है। 

१) यदि जीवन रेखा के अंत में बहुत सारी महीन रेखाये गिर रही है तो व्यक्ति को बुढ़ापे में लाइलाज बीमारी रहेगी और उसकी मृत्यु लम्बी बीमारी के पश्चात होगी। 

२ ) अगर दोनों हाथो में जीवन रेखा एक ही जगह पर खंडित हो तो व्यक्ति के जीवन को खतरा समझना चाहिए।  

३) अगर एक्सीडेंट लाइन हाथ में मौजूद है (निम्न मंगल से निकल कर शनि पर जाती हुई रेखा) तो व्यक्ति का सामना जीवन में एक बार मोत से जरूर होता है। 

४ ) इस प्रकार यात्रा रेखा पर द्वीप या क्रॉस होने पर यात्रा के दौरान मृत्यु का भय बना रहता है। 

५) यदि जीवन रेखा के मध्य काला तिल , द्वीप  इत्यादि है तो व्यक्ति को उस आयु में शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है और मृत्यु का भय रहता है। 

हस्तरेखा में बहुत सारे योग दिए गए है लेकिन उन सभी की चर्चा यहाँ पर करना अनैतिक होगा इसलिए हम उनका उल्लेख चाह कर भी यहाँ पर नहीं कर सकते है।

अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा की ज्योतिष शास्त्र और हस्तरेखा शास्त्र से मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी करना न तो संभव है और न ही नैतिक है। व्यक्ति की मृत्यु कब, कहाँ, कैसे और व्यक्ति की आयु कितनी होगी इसका सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।  

-----------------x--------------- 

Fate Line

हथेली पर भाग्य रेखा : यदि ऐसी रेखाएं बने तो व्यक्ति को ये रेखाये सफलता के शिखर पर ले जाती है। 

हस्तरेखा विज्ञान में हम व्यक्ति की भाग्य रेखा देख कर उसके भाग्य के बारे में पता करते है या ये पता करते है की उसको उसके जीवन में कितनी सफलता मिलेगी? 

हस्तरेखा में भाग्य रेखा बहुत ही महत्वपूर्ण रेखा होती है और अच्छी भाग्य रेखा धन, सुख और सफल करियर का संकेत देती है।

हथेली पर भाग्य रेखा कहाँ होती है ?

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार भाग्य रेखा एक सीधी रेखा है जो हथेली के नीचे से या हथेली के मध्य से शुरू होती है लेकिन हमेशा मध्यमा उंगली के नीचे ही समाप्त होती है।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली के निचले हिस्से को मणिबंध या मणिबंध  रेखा के रूप में जाना जाता है और मध्यमा उंगली के नीचे के हिस्से को शनि पर्वत के रूप में जाना जाता है।

शुभ भाग्य रेखा

यदि भाग्य रेखा मणिबंध रेखा से शुरू होकर शनि पर्वत तक पहुँचती है तो व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि भाग्य रेखा दो भागों में विभाजित हो जाय या भाग्य रेखा के अंत में फोर्क हो (भाग्य रेखा से शाखा बृहस्पति पर्वत की ओर चली जाय) तो व्यक्ति ईमानदार और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रखता है। उसे उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।

वहीं यदि भाग्य रेखा अच्छी नहीं हो तो व्यक्ति को जीवन की उस स्थिति में संघर्ष और कष्ट का सामना करना पड़ता है जहां भाग्य रेखा कमजोर हो या राहु रेखा से कटी हुई हो।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि भाग्य रेखा शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे का क्षेत्र) से शुरू होती है तो जातक को विवाह के बाद साथी, ससुराल वालों, रिश्तेदारों या शादी के बाद भाग्य परिवर्तन से लाभ मिलेगा और उसे सभी प्रकार के सुख प्राप्त होंगे।  

-----------------x---------------

Bhrispati Parvat (Guru Parvat) - Hast Rekha Shastra

बृहस्पति पर्वत का फूला होना और दबा होना :-   

1. अतिविकसित (फूला होना):- बृहस्पति पर्वत के अत्यधिक विकसित हो जाने पर व्यक्तित्व अहंकारी, आडम्बर प्रिय, झूठी शान के लिए अत्यधिक खर्चा करने वाला होता है।

दुसरो को नीचा दिखाने और क्रूरता का बरताव करता है, इर्षा, द्वेश, और स्वार्थ की भावना अधिक हो जाती है।

2. अविकसित (दबा होना):- जब बृहस्पति पर्वत अत्यधिक दबा हुआ होता है तो व्यक्ति में गुरु के मौलिक गुण का विकास नहीं हो पाता है। 


व्यक्ति धर्म के प्रति विश्वास रखता है लेकिन पूजा पाठ  में उसका मन नहीं लगता है । महत्वकांक्षा में कमी और नेतृव करने के गुणो का विकास नहीं होता है। इसलिए व्यक्ति जीवन में बाकी दोस्तों से पीछे रह जाता है। अपने से बड़ो के प्रति श्रद्धा और अदार भाव में कमी रहती है।

3. बीमारी:- बृहस्पति पर्वत पर रोग के चिन्ह होने पर व्यक्ति अधिकाधिक खान-पान का शौकीन हो जाता है और फिर उस वजह से उसको पाचन तंत्र संबंध रोग, लीवर, मिर्गी, पीलिया, कर्ण रोग, मोटापा, अपच और थाइरोइड जैसे बीमारी हो सकती है। 

-----------------x---------------

, सरकारी नौकरी की हस्तरेखा, lal kitab upay for job in hindi, totke for government job in hindi hastrekha for job in hindi job pane ke totke aur upaylal kitab ke totke for job, totka for job,
सरकारी नौकरी हस्तरेखा | Sarkari Naukari Hastrekha | Govt Job Palmistry

आज के समय में सरकारी नौकरी कौन नहीं करना चाहता है लेकिन हर किसी की किस्मत में सरकार नोकरी कहा लिखी होती है? क्या आपके हाथ में सरकारी नौकरी लिखी है?

ज्योतिष और हस्त रेखा में कुछ नियम दिए गए हैं जिन से पता लगाया जाता है की स्थिति को सरकारी नौकरी मिल सकती है या नहीं। हम इस पोस्ट में हस्तरेखा में कौन से नियम होते हैं जिन से पता लगता है कि व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिल सकती है या नहीं पढ़ेंगे।

ज्योतिष और हस्त रेखा दोनो में ही सरकारी नौकरी के लिए सूर्य को कारक माना गया है।

सबसे पहले आपको ये समझना होगा की हस्तरेखा में कोई सरकारी नौकरी की रेखा नहीं होती है बल्की सरकारी नौकरी के योग होते है, कोई एक रेखा से तय नहीं होता की हम बोल सकते हो की इस व्यक्ति की १००% सरकारी नौकरी लग जायगी। 

१) अगर आपके हाथ में जीवन रेखा से कोई साथ-सुथरी रेखा निकल कर सूर्य पर्वत तक पाहुच रही है तो निश्चय ही आपको सरकार से लाभ मिलेगा या फिर सरकार नौकरी लगेगी।

2) अगर सूर्य रेखा से कोई रेखा निकल कर भाग्य रेखा को मिल जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सरकार में ऊंचा पद प्राप्त होता है या फिर सरकार से धन लाभ होता है।

3) अगर भाग्य रेखा गुरु पर्वत पर समाप्त हो जाए या भाग्य रेखा से कोई रेखा निकल कर गुरु पर्वत पर चली जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति सरकार में हाई पोस्ट पर काम करता है और विदेश यात्रा भी करता है।

अगर आपके हाथ में सूर्य पर्वत, गुरु पर्वत अच्छा है और साथ में सूर्य रेखा और भाग्य रेखा मजबूत है तो निश्चित ही आप को सरकारी नौकरी मिलेगी या फिर आपको सरकार से लाभ मिलेगा लेकिन यदी सूर्य रेखा और भाग्य रेखा दोषयुक्त है तो सरकारी नौकरी लग कर भी परेशानी आती है और व्यक्ति सरकारी नौकरी छोड़ देता है।

अब ये तो बात हुई, हस्तरेखा में सरकारी नौकरी की लेकिन सरकारी नौकरी पाने के लिए उपाय और टोटके क्या है?

आपने हस्तरेखा में जॉब लाइन का मतलब तो समझ लिया लेकिन फिर भी सरकारी नौकरी की बात नहीं बन रही है तो क्या किया जाय?

इस स्थिति में आपको जॉब पाने के लिए टोटके और उपाय करने होंगे।

लाल किताब का चमत्कारी और प्रभावशाली टोटका सरकारी नौकरी (गोवेर्मेंट जॉब) पाने के लिए - रोज सुबह नहा कर आपको सूरज देवता को जल देना है और जल में 31 बीज लाल मिर्च के डाल देने है और जल देते वक्त अपनी प्रार्थना बोलनी है। कुछ ही दिनों में आपको परिणाम मिल जाएगा।

-----------------x---------------

हाथ में टूटी हुई जीवन रेखा लेकिन मृत्यु नहीं होना | Hath mein tooti hui jeevan rekha hona

हाथ में टूटी हुई जीवन रेखा लेकिन मृत्यु नहीं होना 


हाथ में दोषपूर्ण रेखाओं का अध्ययन करते समय यह परम आवश्यक है कि दोनों हाथों को ध्यान पूर्वक देखा जाय अथवा रेखाओं को बारीकी से समझा जाय और फिर किसी निर्णय पर पहुंचा जाय।

यदि एक हाथ में खराब चिह्न हो लेकिन दूसरे में ऐसा न हो तो उसका परिणाम उतना बुरा नहीं होता जितना कि दोनों हाथों में होने पर होता है ।

उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति के दाहिने हाथ में जीवन रेखा खराब है, टूटी, या कटी हुई है अथवा उसमें कोई दोष है, अब ऐसी स्थिति में नया हस्तरेखा शास्त्री तुरंत उसकी मृत्यु का फलादेश कर देगा जो कदापि अनुचित होगा जबकि उस व्यक्ति की तीन तरीकों से मृत्यु टल सकती है।

1. बायें हाथ में जीवन रेखा निर्दोष व पूर्ण हो। यदि दूसरे हाथ में जीवन रेखा पूर्ण और निर्दोष है तो व्यक्ति पर मुसीबत आती है लेकिन वो उस मुसीबत से बाहर आ जाता है न की उसकी मृत्यु हो जाती है। 
2. जीवन रेखा पुन: उदित होकर पूरी हो जाये। जहा जीवन रेखा टूटी है उस समय पर शारीरिक कष्ट आया हो लेकिन बाद की जीवन रेखा मजबूत होने के कारण व्यक्ति स्वस्थ भी हो जाता है।  
3. कोई सहायक रेखा जीवन रेखा का स्थान ले लेवें या फिर मंगल रेखा मौजूद हो जो की जीवन रेखा के पीछे सहायक रेखा के तौर पर पाई जाती है। 

यदि जीवन रेखा चंद्र पर्वत पर पहुंच जाय तो ऐसे व्यक्ति को मूत्र रोग की सम्भावना रहती है लेकिन व्यक्ति सुखी जीवन व्यक्ति व्यतीत करता है। 

-----------------x---------------


हाथ में पथरी और गुर्दे की बीमारी का संकेत 

हाथ से लगभग सभी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।  अगर व्यक्ति को गुर्दे की बीमारी है या पथरी है तो उसके कुछ संकेत हाथ में देखने को मिलते है। 

१) यदि हृदयरेखा स्पष्ट ना हो, जंजीरदार, सीडिनुमा, या लहरदार हो तो व्यक्ति को पथरी होने की संभावना बनी रहती है। 

२) यदि मस्तक रेखा शनि पर्वत के नीचे टूटी हुई हो तो व्यक्ति को पथरी होने की संभावना बनी रहती है। 

३) यदि चंद्र पर्वत दोषयुक्त है तो व्यक्ति को गुर्दे की बीमारी और पथरी या मूत्र रोग होने की सम्भावना बनी रहती है। चंद्र पर्वत जिस व्यक्ति का दूषित है उसको थ्योरिड, मधुमेह (डायबिटीज), मूत्र रोग और गुर्दे से सम्बंधित रोग होते है। चंद्र पर्वत दूषित होने पर व्यक्ति को पानी में डूबने का खतरा, सर्दी जुकाम से भी पीड़ित रहता है। 

४) आडी रेखा चंद्र पर्वत व्यक्ति को पथरी और अपेंडिसाइटिस का रोग देती है। 

५) भाग्य रेखा मस्तक रेखा के नीचे समाप्त हो रही हो तो भी व्यक्ति को गुर्दे से सम्बंधित रोग होता है और स्त्री यही तो गर्भ धारण करने में तकलीफ होती है। 

हथेली में स्वास्थ्य रेखा से भी अनेक रोगो का अनुमान लगाया जाता है। 

 -----------------x---------------

चन्द्रमा पर जीवन रेखा का अंत होना | Life Line Ends On Mount Of Moon

चन्द्र पर्वत पर जीवन रेखा का अंत होना | Life Line Ends On Mount Of Moon


अगर जीवन रेखा चन्द्र पर्वत पर चली जाती है और वह उसका अंत होता है , तो व्यक्ति को स्त्री है तो पुरुष और पुरुष है तो स्त्री, धन व सन्तान का सुख प्राप्त होता है। परन्तु ऐसे व्यक्तियों को मध्यांतर में ही सुख मिल पाता है। 

यदि जीवन रेखा चन्द्र पर्वत पर चली जाय तो व्यक्ति को पैतृक भूमि से बाहर जा कर कमाना पड़ता है। उंगलियां मोटी तथा भाग्य रेखा गहरी हो तो खेती का योग होता है, किन्तु जमीन एक स्थान पर नहीं रहती। उसका खेत कहीं और घर कहीं पर होता है।

जीवन रेखा गोलाकार होकर चन्द्र पर्वत पर जाए तो परिवार बड़ा होने के कारण अशान्ति रहती है और चिन्ता का कारण बनता है। कोई सम्बन्धी भी इनकी चिन्ता का कारण बना रहता है। ऐसे व्यक्ति जायदाद की कमी महसूस करते हैं। चाहे कितने ही मकान हों, परिवार तथा कारोबार अधिक होने से सदैव ही स्थान की तंगी महसूस करते हैं।

जीवन रेखा हमेशा वो ही सर्वश्रेष्ठ वही मानी जाती है, जो बृहस्पति पर्वत व निम्न मंगल पर्वत के मध्य से उदय होकर पूर्ण रूप से शुक्र पर्वत को घेरती हुई मणिबन्ध पर समाप्त हो जाती है। ऐसी जीवन रेखा व्यक्ति को धन, संतान, सवारी, स्वास्थ्य, जीवन साथी तथा माता-पिता का पूर्ण सुख कराने वाली होती है। इस रेखा का अन्त मणिबन्ध के पास शुक्र पर्वत व चन्द्र पर्वत के बीच केतु पर्वत पर होता है।

जीवन रेखा के गुण दोष पर भी निर्भर करता है की व्यक्ति का जीवन कैसा होगा ? अच्छी जीवन रेखा व्यक्ति को सदैव खुशहाल जीवन देती है और वही दोषयुक्त जीवन रेखा व्यक्ति को सदैव दुखी रखती है। 

-----------------x---------------

जीवन रेखा तथा स्वास्थ्य रेखा | Hast Rekha Gyan

जीवन रेखा तथा स्वास्थ्य रेखा के गुण और दोष | हस्तरेखा विज्ञान

यहाँ पर हम स्वास्थ्य रेखा और जीवन रेखा से हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में प्रकाश डालेंगे। जैसे स्वास्थ्य रेखा जब हृदय रेखा को काटती हुई या उससे निकलती हुई जीवन रेखा से मिलती है तब यह अचानक शारीरिक कष्ट या दिल की कमजोरी या दिल का रोग दर्शाती है। हम इसे संक्षिप्त रूप में इस प्रकार समझ सकते हैं:-

स्वास्थ्य रेखा के गुण और दोष 

पीली और चौड़ी स्वास्थ्य रेखा - खराब रक्त संचालन, जिगर की कमजोरी व इस रेखा पर पड़े नन्हे-नन्हे लाल दाग-बुखार की प्रवृत्ति बताते हैं।

स्वास्थ्य रेखा मोड़दार, टूटी हुई - पित्त सम्बन्धी रोग दर्शाती है।

सीधी स्वास्थ्य रेखा का छोटे-छोटे टुकड़ों में होना - पाचन शक्ति कमजोर होना बताती है।

स्वास्थ्य रेखा पर छोटे-छोटे द्वीप होना - वक्षस्थल या फेफड़े के रोग की सूचक है। 

बुध क्षेत्र से निकलती हुई स्वास्थ्य रेखा का जीवन रेखा से मिलना शुभ नहीं माना गया है। स्वास्थ्य रेखा ऐसे स्थिति में जीवन रेखा से कमजोर हो तो ही जातक के जीवन के लिए ठीक है। जीवन रेखा से अधिक या उसके समान शक्तिशाली होने पर मृत्यु या प्राणघातक भी हो सकती है।

स्वास्थ्य रेखा का हाथ में नहीं होना या होने पर एक साफ लकीर के रूप में होना स्वस्थ जीवन का द्योतक है।

जीवन रेखा के गुण और दोष 

जीवन रेखा पर द्वीप, जाली (Grill) क्रॉसबार, हल्के बिन्दु (Crossbar) आदि हानिकारक चिह्न रोग, दुर्घटना, मानसिक चिन्ता, तनाव आदि के द्योतक हैं। 

इसके विपरीत जीवन रेखा पर चतुष्कोण जीवन रेखा के टूटने (रोग/दुर्घटना) की स्थिति में जीवन की रक्षा करता है । इसी प्रकार त्रिकोण को भी जीवनरक्षक ढाल माना जाता है। इन चिह्नों या प्रतीकों को देखते समय यह ध्यान दें कि वे कितने स्पष्ट हैं और जीवन रेखा कितनी मजबूत है। शुभ चिह्न अधिक स्पष्ट तथा गहरा है या अशुभ चिह्न? जो अधिक स्पष्ट तथा गहरा होगा वही शुभ-अशुभ के युद्ध में विजयी होगा। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि मंगल क्षेत्र से आने वाली रेखा जीवन रेखा पर द्वीप बना देती है और द्वीप के चारों ओर चतुष्कोण उपस्थित होकर जीवन की रक्षा कर लेता है।

हाथ की रेखा से विवाह और सेक्स लाइफ का अनुमान भी लगाया जाता है सामान्य तौर पर यदि शुक्र पर्वत अधिक उभरा हुआ है तो ऐसा व्यक्ति शादी पैसो और सेक्स के लिए ही करता है। 

-----------------x---------------

marriage and sex palmistry

वैवाहिक जीवन और सम्भोग हस्तरेखा शास्त्र 

शादी को भारतीय संस्कृति में दो व्यक्तियों के बीच एक पवित्र रिश्ता माना गया है और भारतीय समाज में स्त्री और पुरुष को सेक्स करने की इजाजत विवाह के बाद ही मिलती है लेकिन समय के साथ सबकुछ बदल रहा है और कई स्त्री-पुरुष सामाजिक बंदिशों को अब स्वीकार नहीं कर रहे है। 

इस लेख में हम पड़ेंगे की ऐसे कौन कौन से योग होते है जिन से इंसान सेक्स के बिना नहीं रह सकता है और योन रोग से ग्रसित होता है। 

१) यदि औरत या पुरुष के हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उभरा हुआ है तो व्यक्ति के अंदर कामवासना अधिक होती है। २) यदि शुक्रमखेला भी साथ में मौजूद है तो व्यक्ति सेक्स में ज्यादा रुचि लेता है और घर के बाहर भी सम्बन्ध बना लेता है। 
३) यदि जीवन रेखा और मस्तक रेखा आपस में बहुत दूर तक जुडी हुई है और जालीदार है तो ऐसा इंसान अधिक हस्तमैथुन करता है और सेक्स के बारे में अधिक सोचता है।
४) यदि शुक्र पर्वत बैठा हुआ है या संकरा है तो व्यक्ति को सेक्स में कम रुचि या सेक्स में कमज़ोरी या नामर्दी रहती है। 
५) यदि शुक्र पर्वत पर तिल है तो उस व्यक्ति के सम्बन्ध तो अधिक बनते है लेकिन गुप्त रोग का भी भय बना रहता है। 
६) यदि हाथ में वासना रेखा है तो व्यक्ति भोगविलासी होता है। 
७) यदि मणिबंध ऊपर उठा हुआ है तो व्यक्ति संतानोपत्ति में दिक्कत आती है। 
९) जीवन रेखा यदि चंद्र पर्वत पर चली जाय तो ऐसा व्यक्ति विदेश भर्मण या फिर परस्त्री या परपुरुष से सम्बन्ध रखती है। 
१०) यदि हाथ में दोहरी भाग्य रेखा , विवाह रेखा या मंगल रेखा है तो भी व्यक्ति के शारीरिक सम्बन्ध एक से ज्यादा औरत या पुरुष से बन जाते है।
११) यदि  शुक्र पर्वत पर क्रॉस या शनि पर्वत पर क्रॉस है तो संतानोपत्ति में समस्या होती है। 
१२) अगर मस्तक रेखा और बुध रेखा के मिलान बिंदु पर सितारा है तो औरत बाँझ होती है। 
१३) यदि विवाह रेखा दोषयुक्त है तो लाइफ पार्टनर का सम्बन्ध दूसरे पुरुष या स्त्री के साथ होता है या वह गुप्त रोग से ग्रस्त रहता है। 

हाथ में औरत के चरित्रहीन होने और भाग्यशाली होने के भी योग होते है। भाग्य रेखा पर हृदय रेखा के साथ द्वीप होने पर औरत के चरित्र पर संदेह रहता है।  

-----------------x---------------

औरत के हाथ में चरित्रहीन होने का योग होना | characterless woman palmistry

औरत के हाथ में चरित्रहीन होने का योग होना - हस्तरेखा शास्त्र 


आज हर आदमी अपनी औरत पर शक करता है की कही उसकी औरत चरित्रहीन तो नहीं है ? उसका घर के बाहर किसी और के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा है ? वैसे बेवजह शक करना अच्छे भल्ले घर को उजाड़ देता है इसलिए इस से बचना चाहिए। 

हस्त रेखा ज्ञान में वैसे तो बहुत सारे योग बताय गए है जिन से पता लगता है की औरत के एक से ज्यादा सम्बन्ध है लेकिन यहाँ हम आपको एक सबसे प्रमुख बता रहे है - यदि भाग्य रेखा अपनी शाखा के द्वारा हृदय रेखा के ऊपर तथा नीचे दो त्रिकोण बनाये या बड़ा द्वीप बना हो, तो ऐसे चिह्न वाली स्त्री धन संग्रह करने में निपुण, धार्मिक विचारो से रहित, लोभी तथा चरित्रहीन होती है अर्थात पैसो के लिए घर के बाहर भी सम्बन्ध बना कर रखती है ।

हस्तरेखा में गरीब और अमीर आदमी के निशान भी होते है जैसे रेखा मकड़जाल वाला व्यक्ति हमेशा पैसो की तंगी से झूझता रहता है और अच्छी सूर्य रेखा और भाग्य रेखा वाला धन का संचय कर के चलता है। 

-----------------x---------------

 Double Heart Line On Hand

हथेली में दोहरी हृदय रेखा होना 


किसी भी व्यक्ति के हाथ में दो हृदय रेखा होने का अर्थ है की व्यक्ति में प्रेम की भावना अधिक है और वह अधिक भावुक है। ऐसे व्यक्ति को इस के कारण बहुत बार कष्ट भी पहुंचता है, क्योंकि जितना अधिक प्रेम हो उतनी ही अधिक निराशा की प्रतिक्रिया भी होती है। यदि मनुष्यों के हाथ में ऐसी दो हृदय रेखा हों तो उनमें आवश्यकता से अधिक प्रेम की भावना होती है। यदि स्त्रियों के हाथ में हो तो उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। किन्तु दो हृदय रेखा तभी समझनी चाहिये जब दोनों रेखा समानान्तर और लम्बी हों।  कुछ विद्वानों का मत है की ऐसे लोगो का विवाह नहीं होता है या फिर इनको प्रेम में निराशा ही हाथ लगती है।  

हृदय रेखा की भांति ही सूर्य रेखा भी दोहरी होती है और दोहरी सूर्य रेखा वाला व्यक्ति बहुमुखी होता है। 

-----------------x---------------

सभी पर्वतो पर त्रिशूल का महत्व | Trident on all mounts | Sabhi parvato par trisul ka arth

सभी पर्वतो पर त्रिशूल का महत्व 


बहुत बार छोटा और बड़ा त्रिशूल सिर्फ पर्वत पर ही बना होता है। ऐसे त्रिशूल का भी हस्तरेखा ज्ञान में बहुत अधिक महत्व बताया गया है। 

गुरु पर्वत - ऐसे व्यक्ति को प्रशासनिक क्षेत्र में बहुत अच्छी सफलता मिलती है , देश विदेश में नाम होता है , राजनीती में सफलता मिलती है। 

शनि पर्वत - ऐसे व्यक्ति को अध्यात्म, ज्योतिष, निर्गुड़ विज्ञान, तंत्र विज्ञान में सफलता मिलती और ऐसा व्यक्ति भाग्यशाली होता है।   

सूर्य पर्वत - ऐसे व्यक्ति को कला और साहित्य के क्षेत्र में सफलता मिलती है और ऐसा व्यक्ति प्रसिद्ध व्यक्ति होता है। 

बुध पर्वत - ऐसे व्यक्ति को व्यापार और विज्ञान और अनुसंधान सम्बंधित क्षेत्रो में सफलता मिलती है। ऐसा व्यक्ति बड़ा व्यापारी बनता है। 

मंगल पर्वत - ऐसा व्यक्ति उच्च मंगल पर होने पर अध्यात्म, देश विदेश में विख्यात होता है और निम्न मंगल पर होने पर सेना, पुलिस इत्यादि क्षेत्रो में सफल होता है। 

चंद्र पर्वत - ऐसा व्यक्ति विदेश में व्यापार करता है या विदेश में नौकरी करता है। ऐसा व्यक्ति समुद्र और यात्रा से जुड़ा हुआ कार्य करता है। 

राहु पर्वत - ऐसा व्यक्ति धनी होता है और सट्टे और जुए से पैसा बनाता है। 

शुक्र पर्वत - ऐसा व्यक्ति ऊँचे कुल में विवाह कर के अमीर बनता है और फिल्म, संगीत की दुनिया में नाम बनाता है। 

केतु पर्वत - ऐसा व्यक्ति जमीन जायदाद प्राप्त कर के अमीर बनता है। अधिकतर ऐसे व्यक्ति को बुढ़ापे में ही धन सम्पति का सुख मिलता है। 

यहाँ आप ये बात ध्यान रखें की त्रिशूल को यदि किसी अवरोध या आडी रेखा ने काटा नहीं हो वरना त्रिशूल के प्रभाव में कमी आ जाती है और व्यक्ति को उसका सम्पूर्ण लाभ नहीं मिलता है। 

त्रिशूल का मुख्य रेखा पर अर्थ भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।  

-----------------x---------------

ONLINE PALM READING SERVICE



online palmistry service




hast rekha scanner app in hindi,  palm reading online free scanner in hindi,  online hastrekha check in hindi,  online hast rekha scanner free,  palm reading in hindi online,  palm reading in hindi pdf,  palm reading in hindi for female,  palm reading in hindi free online,  free online palm reading service,  free online palm reading consulation,


SEND ME YOUR BOTH HAND IMAGES TO GET DETAILED PALM READING REPORT

Question: What is your fees?
Answer: If you are from India then you need to pay 600 rupees (you will get report in 10 days) but if you want to get report in one day/24 hours then you need to pay 1100 rupees.

If you are from USA, or from outside of India then you need to pay 20 dollars (you will get report in 10 days) but if you want to get report in one day/24 hours then you need to pay 35 dollars.

Question: I want to get palm reading done by you so let me know how to contact you?
Answer: Contact me at Email ID: nitinkumar_palmist@yahoo.in.


Question: I want to know what includes in Palm reading report?

Answer: You will get detailed palm reading report covering all aspects of life. Past, current and future predictions. Your palm lines and signs, nature, health, career, period, financial, marriage, children, travel, education, suitable gemstone, remedies and answer of your specific questions. It is up to 4-5 pages.



Question: When I will receive my palm reading report?

Answer: You will get your full detailed palm reading report in 9-10 days to your email ID after receiving the fees for palm reading report.



Question: How you will send me my palm reading report?

Answer: You will receive your palm reading report by e-mail in your e-mail inbox.



Question: Can you also suggest remedies?

Answer: Yes, remedies and solution of problems are also included in this reading.


Question: Can you also suggest gemstone?

Answer: Yes, gemstone recommendation is also included in this reading.


Question: How to capture palm images?

Answer: Capture your palm images by your mobile camera 
(Take image from iphone or from any android phone) or you can also use scanner. 



Question: Give me sample of palm images so I get an idea how to capture palm images?

Answer: You need to capture full images of both palms (Right and left hand), close-up of both hands and side views of both palms. See images below.



palm reading sample

palm reading sample


Question: What other information I need to send with palm images?

Answer: You need to mention the below things with your palm images:-
  • Your Gender: Male/Female 
  • Your Age: 
  • Your Location: 
  • Your Questions: 
  • Also you can tell me that in which field you want to make your career. So that I can check for particular field is good or not for you.

Question: How much the detailed palm reading costs?

Answer: Cost of palm reading:


Option 1 - Palm reading report delivery time 10 days
(You will get your palm reading report in 10 days)
  • India: Rs. 600/- 
  • Outside Of India: 20 USD

Option 2 - Palm reading report delivery time 1 day (24 hours)
(You will get your palm reading report in one day)
  • India: Rs. 1100/- 
  • Outside Of India: 35 USD

Question: How you will confirm that I have made payment?

Answer: You need to provide me some proof of the payment made like:


  • UTR/Reference number of transaction. 
  • Screenshot of payment. 
  • Receipt/slip photo of payment.

Question: I am living outside of India so what are the options for me to pay you?

Answer: Payment options for International Clients:

International clients (those who are living outside of India) need to pay me via PayPal or Western Union Money Transfer.

  • PayPal (PayPal ID : nitinkumar_palmist@yahoo.in)
    ( Please select "goods or services" instead of "personal" )

  • Palmistry Service (option 1)


    Palmistry Service (option 2)

  • Western Union: Contact me for details.


Question: I am living in India so what are the options for me to pay you?

Answer: Payment options for Indian Clients:

  • Indian client needs to pay me in my SBI Bank via netbanking or direct cash deposit or Paytm.

  • SBI Bank: (State Bank of India)

       Nitin Kumar Singhal
       A/c No.: 61246625123
       IFSC CODE: SBIN0031199
       Branch: Industrial Estate
       City: Jodhpur, Rajasthan. 




  • UPI: 

UPI Number: 160285894
UPI ID: nitinkumarsinghal@sbi


Email ID: nitinkumar_palmist@yahoo.in




Useful Links