त्रिशूल और धन
त्रिशूल को सदा शत्रु संहारक, पाप विनाशक, धार्मिक, जीव रक्षक, सुखी, पवित्रता व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। जिन हाथों में यह प्रतीक चिह्न होता है। वह उक्त गुणों से समाहित होता है।
विभिन्न पर्वतों पर होने से पृथक् गुण भी आते है।
गुरु पर्वत पर हो तो नेतृत्व कर्ता, दयालु, धार्मिक, नीति नियमों का पालन कर्ता, त्यागी, मानसम्मान मिलता है। लोग इनकी बात सुनते व मानते हैं।
यदि यह चिन्ह शनि पर्वत पर हो तो अनुशासन प्रिय, संतुलित आचरणकर्ता, ज्ञानी, कर्मशील, गंभीर, धार्मिक होगा।
सूर्य पर्वत पर हो तो सफल व्यक्ति, धन, पद, यश, प्रतिष्ठित, तेजस्वी, हंसमुख आत्मविश्वासी व भाग्यशाली होगा।
बुध पर्वत पर हो तो सफल व्यवसायी, वाक्चातुर्य, व्यवहारकुशल, तार्किक व वैज्ञानिक होगा।
चंद्र पर्वत पर हो तो जिम्मेदार, कल्पना को ठोस रूप देने वाला, लेखक व स्वार्थ से परे होगा।
शुक्र पर्वत पर हो तो कला व सौंदर्य क्षेत्र में सफल, नम्र, सहानुभूति रखने वाला, संयमी, प्रेमी होगा।
मंगल पर्वत पर हो तो पराक्रमी, धीरज से कार्य करने वाला, निडर होगा।
चिह्न :- त्रिशूल के चिह्न से सभी भली-भाँति परिचित हैं। आधुनिक दृष्टि मे जब भी ऊर्ध्व रेखा से या आड़ी रेखा से दोनों ओर छोटी रेखाएँ निकलें तो वह त्रिशूल चिह्न का प्रतीक होती है।