स्वास्तिक और धन
स्वास्तिक का चिह्न सदैव शुभ, पवित्र व धार्मिकता का पर्याय कहलाता है। यहाँ शुभता का अर्थ भाग्यशाली एवं शुभ कहलाता है, धार्मिकता का अर्थ जो धर्म में रुचि रखे। धर्म वही करेगा जो मूलभूत आवश्यकताओं से ऊपर उठे अर्थात धन संपन्न हो । पवित्रता का अर्थ विद्वत्ता व ज्ञान से लिया जाता है।
जिसके हाथ में स्वास्तिक का प्रतीक चिह्न हो वह धार्मिक, धनी, विद्वान व विजयी होगा। जिसके हाथ में स्वास्तिक होगा, वह शक्ति सम्पन्न भी होगा यह धन-धान्य, भू-भाग से परिपूर्ण व शुभ माना जाता है। चिह्न :- जब भी खड़ी रेखा को सीधी आड़ी रेखा काटे व उनके अंतिम छोर विपरीत क्रम में घूमे तो स्वास्तिक का चिह्न बनता है।